debit note and credit note in hindi – जब भी हम किसी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करते है, तो अपने कस्टमर्स को एक इनवॉइस भी जारी करते है । इन इनवॉइस में हमने जो भी गुड्स या सर्विसेज कस्टमर को दी है उसकी जानकारी होती है, साथ ही उन गुड्स या सर्विसेज की टैक्सेबल वैल्यू, टैक्स रेट , quantity आदि की डिटेल्स भी इनवॉइस में देनी होती है ।
इनवॉइस को कस्टमर को देने के बाद हम इन बिलो की डिटेल्स को जीएसटी पोर्टल पर अपनी जीएसटी रिटर्न में अपलोड करते है और इन बिलों में बताए गए जीएसटी अमाउंट का पेमेंट करते है ।
लेकिन, कई बार इन बिलों को अपलोड करने के बाद इनकी वैल्यू में अंतर आ जाता है, जो कि सेल्स रिटर्न, कम माल या ज्यादा माल की सप्लाई या खराब माल की वजह से हो सकती है ।
इस केस में हमको कस्टमर्स से मिलने वाली गुड्स या सर्विसेज की वैल्यू और जीएसटी में अंतर आ जाता है, जिसकी वजह से हमे अपने इनवॉइस में कुछ चेंज करना पड़ जाता है।
लेकिन, जीएसटी पोर्टल पर अपलोड किए हुए invoices में हम अब चेंज नही कर सकते ।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जीएसटी लॉ में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का कांसेप्ट आता है । डेबिट नोट और क्रेडिट नोट जीएसटी में रजिस्टर्ड पर्सन की इन्ही समस्यों को दूर करने के काम आते है ।
इसलिए, आज के आर्टिकल (debit note and credit note in hindi) में हम डेबिट नोट और क्रेडिट नोट को कब जारी किया जाएगा और इनको जारी करने के रूल्स क्या होते है, के बारे में जानेंगे ।
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Table of Contents
क्रेडिट नोट क्या होते है ? (credit note in hindi)
सप्लायर द्वारा बिज़नेस के दौरान कई टैक्स इनवॉइस जारी किए जाते है, लेकिन कई बार सप्लायर द्वारा किसी टैक्स इनवॉइस में कस्टमर से गुड्स या सर्विसेज की ज्यादा वैल्यू चार्ज कर ली जाती है या कस्टमर से ज्यादा टैक्स कलेक्ट कर लिया जाता है ।
तो, इस केस में सप्लायर को अपने कस्टमर को क्रेडिट नोट जारी करना होता है, जिसका मतलब होता है कि हमने आप से ज्यादा चार्ज किया है और हम आपको रिफंड देने के लिए एलिजिबल है ।
क्रेडिट नोट एक लीगल तरीका होता है, जिससे ओरिजिनल टैक्स इनवॉइस में बदलाव किया जा सकता है ।
जैसे – abc limited ने xyz लिमिटेड को 10,000 का गुड्स बेचा, लेकिन उसमें से 1000 रुपये का गुड्स या तो xyz लिमिटेड के पास कम पहुँचा या 1000 रुपये का गुड्स खराब कंडिशन का था, जिसकी वजह से यह वापस abc limited को भेज दिया गया।
तो इस केस में abc लिमिटेड ने Xyz लिमिटेड को वास्तव में तो सिर्फ 9000 का ही गुड्स दिया है, लेकिन टैक्स इनवॉइस 10000 का दिया ।
तो यहां पर ज्यादा अमाउंट कलेक्ट करने का केस हो रहा है, तो अब abc लिमिटेड xyz लिमिटेड को 1000 रुपये का क्रेडिट नोट जारी करेगी और xyz लिमिटेड को अपने अकाउंट्स में क्रेडिट करेगी ।
इसी तरह xyz लिमिटेड भी abc लिमिटेड को डेबिट नोट जारी करेगी और abc लिमिटेड को अपने अकाउंट्स में डेबिट करेगी ।
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क्रेडिट नोट कब जारी किया जाता है ?
क्रेडिट नोट को जारी करने के कारण –
- सप्लायर द्वारा गलती से टैक्स इनवॉइस में गुड्स या सर्विसेज की ज्यादा वैल्यू चार्ज करना
- टैक्स इनवॉइस में गलती से जीएसटी की ज्यादा रेट से टैक्स कलेक्ट करना
- गुड्स के प्राप्तकर्ता को टैक्स इनवॉइस में बताई गई गुड्स की quantity से कम गुड्स प्राप्त होने के केस में
- Goods or services की खराब quality होने पर सेल्स रिटर्न के केस में
- या इसी तरह का कोई दूसरा कारण होने पर ।
इन सभी केसेज में सप्लायर द्वारा क्रेडिट नोट जारी किया जा सकता है ।
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क्रेडिट नोट को जारी करने के बाद क्या करना होता है ?
सप्लायर द्वारा क्रेडिट नोट जारी करने के बाद सप्लायर को इसकी डिटेल्स को अपनी जीएसटी रिटर्न में देनी होती है ।
जिस महीने में सप्लायर द्वारा क्रेडिट नोट जारी किया गया था, उस महीने की जीएसटी रिटर्न में इसकी डिटेल देनी होती है ।
Credit note को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करने के बाद सप्लायर की टैक्स लायबिलिटी कम हो जाती है । जिसकी वजह से सप्लायर को जीएसटी रिफण्ड लेने की प्रोसेस में जाने की जरूरत नही होती है ।
क्रेडिट नोट को जारी करने की टाइम लिमिट क्या होती है ?
क्रेडिट नोट को जारी करने के बाद इसकी डिटेल्स को जीएसटी रिटर्न में देना होता है, लेकिन किसी भी केस में क्रेडिट नोट को एक निर्धारित टाइम लिमिट के बाद में जारी नही किया जाना चाहिए ।
Credit Note को जारी करने की टाइम लिमिट –
- जिस महीने में सप्लाई की गई थी, उस महीने से रिलेटेड फाइनेंसियल ईयर के समाप्त होने के बाद सितम्बर तक or
- रिलेटेड फाइनेंसियल ईयर की एनुअल रिटर्न फाइलिंग की डेट,
जो भी दोनों में पहले हो ।
अगर इस टाइम लिमिट के बाद क्रेडिट नोट जारी किया जाता है, तो सप्लायर की टैक्स लायबिलिटी में कोई कमी नही आयेगी । साथ ही टाइम लिमिट के बाद जारी किए गए क्रेडिट नोट की डिटेल्स को जीएसटी रिटर्न में भी दिखाने की जरूरत नही होती है ।
जैसे – 1 जून 2019 को की गई सप्लाई के केस में क्रेडिट नोट 30 सितंबर 2020 या 2019 – 20 की एनुअल रिटर्न फ़ाइल करने की डेट , जो भी पहले हो, से पहले जारी किया जाना चाहिए ।
डेबिट नोट क्या होते है ? (debit note in hindi)
सप्लायर द्वारा अपने कस्टमर्स को दिए गए टैक्स इनवॉइस में अगर गुड्स या सर्विसेज की टैक्सेबल वैल्यू कम चार्ज की गई हो या कम जीएसटी चार्ज किया गया हो, तो सप्लायर द्वारा डेबिट नोट जारी किया जा सकता है।
जिससे वह कस्टमर से टैक्सेबल वैल्यू और जीएसटी के डिफरेंस को चार्ज कर सकता है ।
जैसे – abc लिमिटेड xyz लिमिटेड को 10,000 रुपये के गुड्स सप्लाई करता है, लेकिन गलती से वह इसके सिर्फ 9000 रुपये ही चार्ज करता है,
तो इस केस में abc लिमिटेड द्वारा xyz लिमिटेड को 1000 रुपये का डेबिट नोट जारी किया जाएगा ।
जिसका मतलब यह हुआ कि xyz लिमिटेड को 1000 रुपये abc लिमिटेड को और देने है ।
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डेबिट नोट कब जारी किया जाता है ?
डेबिट नोट जारी करने के कारण –
- सप्लायर द्वारा गलती से टैक्स इनवॉइस में कम अमाउंट चार्ज किया गया, जबकि टैक्स इनवॉइस में ज्यादा वैल्यू के गुड्स या सर्विसेज सप्लाई किये गए थे
- टैक्स इनवॉइस में गलती से कम जीएसटी चार्ज किया गया हो
- गुड्स के प्राप्तकर्ता द्वारा गुड्स की ज्यादा quantity प्राप्त की गई हो, जबकि टैक्स इनवॉइस में quantity कम की थी
- इसी तरह का कोई दूसरा कारण हो ।
डेबिट नोट जारी करने के बाद क्या करे ?
सप्लायर द्वारा डेबिट नोट जारी करने के बाद इसकी डिटेल्स को अपनी जीएसटी रिटर्न में देना होगा, जिस महीने में डेबिट नोट जारी किया गया था, उस महीने की जीएसटी रिटर्न में इसकी डिटेल्स देनी होगी ।
डेबिट नोट जारी करने के बाद सप्लायर की टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाएगी ।
डेबिट नोट और क्रेडिट नोट में क्या जानकारियां होनी चाहिए ? (debit note and credit note in hindi)
जीएसटी लॉ में डेबिट नोट और क्रेडिट नोट का कोई निर्धारित फॉरमेट नही बताया गया है, लेकिन कुछ चीजे ऐसी होती है, जिनकी जानकारी डेबिट नोट और क्रेडिट नोट में होनी चाहिये।
डेबिट और क्रेडिट नोट की डिटेल्स –
- सप्लायर का नाम, एड्रेस, जीएसटी नंबर
- सीरियल नंबर ( 16 कैरेक्टर्स से ज्यादा का नही )
- डेट
- गुड्स या सर्विसेज के प्राप्तकर्ता का नाम, एड्रेस, जीएसटी नंबर
- टैक्स इनवॉइस की डेट, सीरियल नंबर
- सप्लाइज की टैक्सेबल वैल्यू और टैक्स रेट और डेबिट या क्रेडिट नोट का अमाउंट
- सिग्नेचर
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धन्यवाद !
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