जीएसटी रिटर्न्स के फॉर्म्स के टाइप्स और Due डेट – gst return in hindi

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gst return in hindi

जीएसटी रिटर्न – gst return in hindi

gst return in hindi – जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड सभी पर्सन को जीएसटी रिटर्न भरना mandatory है। रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करने या देरी से फाइल करने पर जीएसटी एक्ट में इंटरेस्ट और पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। इसलिए एक रजिस्टर्ड पर्सन को समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल जरूर करना चाहिये।

जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड पर्सन के स्टेटस के हिसाब से अलग -अलग जीएसटी रिटर्न के फॉर्म्स निर्धारित किये गए है। इसलिए एक रजिस्टर्ड पर्सन को अपने ऊपर लागू होने वाले फॉर्म्स के हिसाब से ही रिटर्न फाइल करनी चाहिये।

रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा GST RETURN में उसके द्वारा की गयी गुड्स या /और सर्विसेज या दोनों की सप्लाइज, ली गयी इनपुट टैक्स क्रेडिट, tax Payable, और भुगतान किये गए टैक्स की जानकारी होती है।

आज के आर्टिकल gst return in hindi में हम जीएसटी रिटर्न के अलग अलग फॉर्म्स के बारे में जानेंगे।

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जीएसटी रिटर्न के प्रकार – Types of Gst Return in hindi

GSTR – 1 meaning in hindi 

जीएसटी एक्ट में रजिस्टर सभी पर्सन के द्वारा महीने के समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर फॉर्म GSTR – 1 फाइल करना पड़ता है, जिसमे उसके द्वारा की गयी सभी तरह के गुड्स & सर्विसेज के सप्लाई ( Outward Supplies ) की डिटेल भरी जाती है।

लेकिन, यदि आपका टर्नओवर 1.5 करोड़ से कम है तो आप GSTR 1 को Quarterly फाइल करने का option ले सकते है। 1.5 करोड से कम टर्नओवर होने पर GSTR 1 quarter समाप्त होने के बाद 10 दिनों के भीतर फाइल करनी होगी।

Outward supplies में सप्लायर द्वारा जारी किये गए इनवॉइस, डेबिट नोट्स, क्रेडिट नोट्स और रिवाइज्ड किये गए Invoices की डिटेल्स रहती है।

इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, Non Resident, कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन, टीडीएस काटने के लिए और E- commerce ऑपरेटर जो कि टीसीएस कलेक्ट करने के लिए Liable है , को GSTR – 1 फाइल नहीं करना पड़ता है। यानि की इन्हे GSTR – 1 फाइल करने से Exempt किया गया है।

GSTR -1 electronically फाइल किया जाता है।

GSTR -1 में सप्लायर द्वारा Outward supplies की डिटेल भरी जाती है और यह डिटेल फॉर्म GSTR – 2 A ( नार्मल स्कीम ), GSTR – 4 A ( कम्पोजीशन स्कीम ), GSTR – 6 A ( इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर )  में  गुड्स एंड सर्विसेज के प्राप्तकर्ता को प्राप्त होती है। प्राप्तकर्ता को प्राप्त डिटेल को उसके द्वारा मॉडिफाई, addition, deletion किया जा सकता है।

प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त डिटेल को प्राप्तकर्ता द्वारा Modify, addition, deletion करने के बाद यह डिटेल फॉर्म GSTR – 1 A में सप्लायर को प्राप्त होती है, जिसे सप्लायर द्वारा स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है।  सप्लायर द्वारा स्वीकार और अस्वीकार के बाद उसके द्वारा पूर्व में भरा गया GSTR – 1 भी amend कर दिया जाता है।

सप्लायर द्वारा GSTR – 1 A की डिटेल्स 15 वे दिन के बाद लेकिन 17 वे दिन से पहले स्वीकार और अस्वीकार की जानी चाहिये।

GSTR 1 को due date के बाद फाइल करने पर जीएसटी एक्ट में पेनल्टी का प्रावधान किया गया है, जो कि Rs 20 प्रति दिन (nil return के केस में ) और Rs 50 प्रति दिन ( nil return के अलावा केस में) लगायी जायेगी।

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GSTR – 2

जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा प्राप्त ((Purchase ) की गयी गुड्स एंड सर्विसेज की डिटेल GSTR – 2 में भरी जाती है।

GSTR – 2 में उन Supplies की डिटेल भी भरी जाती है जिनमे उसके द्वारा रिवर्स चार्ज बेस पर GST का भुगतान किया गया था। GSTR -2 में प्राप्तकर्ता कस्टम टैरिफ एक्ट के अनुसार Payable IGST और सप्लायर द्वारा जारी किये गए डेबिट नोट और क्रेडिट नोट (जो कि टैक्स पीरियड से सम्बन्घित है ) की detail भी भरी जाती है।

लेकिन डेबिट नोट और क्रेडिट नोट 10 तारीख के बाद लेकिन 15 तारीख से पहले प्राप्त किया जाने चाहिये।

इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, Non Resident, कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन, टीडीएस काटने के लिए और E- commerce ऑपरेटर जो कि टीसीएस कलेक्ट करने के लिए Liable है , को GSTR – 1 फाइल नहीं करना पड़ता है।

GSTR – 2 इलेक्ट्रानिकली फाइल किया जाता है और महीने के समाप्त होने के 15 दिनों के भीतर भरा जाता है।

सप्लायर द्वारा फॉर्म GSTR – 2 A में प्राप्त डिटेल GSTR – 2 में आटोमेटिक ले ली जाती है, जिसको सप्लायर द्वारा मॉडिफाई, addition, deletion किया जा सकता है।

GSTR 2 को अभी तक suspend किया गया है, यानि कि जब तक जीएसटी कॉउन्सिल द्वारा कोई नोटिफिकेशन नहीं आ जाती gstr 2 को फाइल नहीं किया जायेगा।

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GSTR – 3

यह एक मंथली रिटर्न है जो कि इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, Non Resident, कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन, टीडीएस काटने के लिए और E- commerce ऑपरेटर जो कि टीसीएस कलेक्ट करने के लिए Liable है, के अलावा सभी रजिस्टर्ड पर्सन के द्वारा महीने के समाप्त होने के बाद 20 दिनों के भीतर भरी जायेगी।इस रिटर्न में गुड्स एंड सर्विसेज की Inward / Outward सप्लाइज, क्लेम की गयी इनपुट टैक्स क्रेडिट और भुगतान किया गए टैक्स की डिटेल भरी जाती है।

नोट : किसी महीने में कोई ट्रांजैक्शन नहीं होने पर भी जीएसटी रिटर्न भरना mandatory है। यदि किसी महीने में कोई ट्रांजैक्शन नहीं नहीं हुआ है तो nil की रिटर्न भरी जायेगी ।

GSTR 3 को अभी तक suspend किया गया है, यानि कि जब तक जीएसटी कॉउन्सिल द्वारा कोई नोटिफिकेशन नहीं आ जाती gstr 3 को फाइल नहीं किया जायेगा।

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GSTR -3B in hindi 

जीएसटी के शुरुआती चरण में GSTR 3B को लाया गया है। यह एक summary return है जो कि GST की normal scheme में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले पर्सन के द्वारा फाइल की जायेगी। यह रिटर्न हर महीने भरी जायेगी।

महीना समाप्त होने के बाद 20 दिनों के भीतर इसे फाइल करना जरुरी है अन्यथा पेनल्टी लगायी जाएगी। GSTR 3B देरी से फाइल करने पर Rs 20 प्रति दिन ( nil return के केस में ) और Rs 50 प्रति दिन ( nil return के अलावा केस में ) लगायी जायेगी।

Composition डीलर, input service distributor, OIDAR सर्विस के सप्लायर को GSTR 3B फाइल करने से exempt किया गया है।

GSTR – 4

कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन के द्वारा प्रत्येक quarter के लिए फॉर्म GSTR – 4 भरा जायेगा । GSTR – 4 में गुड्स एंड सर्विसेज की Inward Supplies, टैक्स Payable और भुगतान किये गए टैक्स की डिटेल भरी जाती है।

GSTR – 4 quarter के समाप्त होने के बाद 18 दिनों के भीतर भरा  जायेगा । इस रिटर्न में GSTR 4A की डिटेल्स आटोमेटिक आ जाएगी।

किसी quarter में ट्रांजैक्शन नहीं होने के केस में nil रिटर्न भरी जाएगी।

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GSTR – 5

Non Resident के द्वारा फॉर्म GSTR – 5  भरा जायेगा। नॉन रेजिडेंट के द्वारा फॉर्म GSTR – 5 महीने के समाप्त होने के 20 दिनों के भीतर या रजिस्ट्रेशन करवाने की लास्ट डेट के 7 दिनों के भीतर, जो भी पहले हो भरा जायेगा।

यदि किसी महीने में नॉन रेजिडेंट द्वारा कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है, तो उस महीने के लिए कोई भी रिटर्न फाइल करना जरुरी नहीं है।

Non Resident द्वारा रिटर्न देरी से फाइल करने पर इंटरेस्ट और पेनल्टी दोनों लगायी जायेगी। देरी से रिटर्न फाइल करने पर बकाया टैक्स amount पर 18 % per annum की रेट से इंटरेस्ट और Rs 20 प्रति दिन (nil return के केस में ) और Rs 50 प्रति दिन ( nil return के अलावा केस में ) पेनल्टी लगायी जायेगी।

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GSTR – 6

GSTR – 6 इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा महीने के समाप्त होने के 13 दिनों के भीतर भरी जाएगी। किसी महीने में कोई ट्रांजैक्शन नहीं होने के केस में उस महीने की रिटर्न फाइल करना जरुरी नहीं है।

GSTR – 7

जीएसटी एक्ट में टीडीएस काटने के लिए Liable पर्सन (Tax Deductor ) के द्वारा GSTR – 7 महीने के समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर भरी जायेगी। रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा काटे गए टीडीएस की राशि जीएसटी रिटर्न की लास्ट डेट से पहले गवर्नमेंट के अकाउंट में जमा की जानी चाहिये।

GSTR – 8

जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड प्रत्येक ई – कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा महीने के समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर फॉर्म GSTR -8 में रिटर्न फाइल की जायेगी। ई – कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा GSTR – 8 में की गयी सप्लाई और कलेक्ट किये गए टीसीएस की डिटेल भरी जाती है।

यदि किसी महीने में ई – कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है तो उस महीने के लिए कोई भी रिटर्न फाइल नहीं की जाएगी।

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GSTR – 9 or 9 A 

जीएसटी एक्ट में रजिस्टर्ड सभी पर्सन को Annual रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है सिवाय इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, नॉन रेजिडेंट, टीडीएस या टीसीएस के लिए Liable पर्सन के।

Annual रिटर्न फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के बाद 31 दिसंबर तक भरी जा सकती है।

नार्मल स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन के द्वारा Annual रिटर्न फॉर्म 9 और कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड पर्सन के द्वारा फॉर्म 9 A में भरी जाएगी।

GSTR -10

प्रत्येक रजिस्टर्ड पर्सन जिसको सेक्शन 39 में रिटर्न फाइल करना जरुरी है और जिसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया गया है के द्वारा फॉर्म GSTR – 10 में फाइनल रिटर्न फाइल की जाएगी। Final रिटर्न date of cancel या डेट ऑफ़ कैंसिल आर्डर जो भी बाद में हो के 3 महीने के भीतर भरी जायेगी।

GSTR – 11

प्रत्येक पर्सन जैसे unique identification number ( UIN ) जारी किये गए है के द्वारा फॉर्म GSTR -11 भरा जायेगा।  GSTR -11 महीने के समाप्त होने के बाद 28 दिनों के भीतर भरा जायेगा।

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