gst tax in hindi – इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटी का सबसे मुख्य Concept है। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम के होने से कास्केडिंग ( टैक्स पर टैक्स ) इफ़ेक्ट अस्तित्व में नहीं रहा। पुराने Indirect Taxes में जो टैक्स पर टैक्स का सिस्टम था उसे जीएसटी में input tax credit के माध्यम से समाप्त कर दिया गया है।
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या होती है और input tax credit से कैसे हम अपनी gst की लायबिलिटी को कम कर सकते है व इसके लिए क्या शर्ते पूरी होनी जरुरी है।
यह भी पढ़े जानिये GST क्या है और इससे जुड़े सवालो के जवाब
Table of Contents
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है – ( gst tax in hindi)
इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब है कि बिज़नेस या बिज़नेस को आगे बढ़ाने के सम्बन्ध में जो भी गुड्स और/या सर्विसेज अथवा दोनों Purchase की गयी है उन पर भुगतान किये गए जीएसटी की एक रजिस्टर्ड पर्सन को क्रेडिट मिलती है, जिसे वह अपनी आउटपुट टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ कर सकता है।
इसको समझने के लिए एक उदाहरण देखते है –
A ने B को Rs.1000 के गुड्स सेल किये जिस पर B ने 12 % की रेट से जीएसटी का भुगतान किया। आगे B ने इस गुड्स में कुछ वैल्यू Add की और इसे Rs. 1500 में 12 % की रेट से कस्टमर को बेचा। इस केस में B द्वारा जीएसटी के भुगतान की कैलकुलेशन को देखते है।
Particular | Amount |
Gst Payable ( 1500 * 12 %) | 180 |
Input tax Credit Available ( 1000 *12 %) | 120 |
Net Gst Payable | 60 |
इस केस में B द्वारा A को भुगतान किये गए जीएसटी की क्रेडिट प्राप्त की गयी और उसे अपनी आउटपुट टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ करके Net टैक्स का पेमेंट किया गया।
इसके अलावा इनपुट टैक्स क्रेडिट को क्लेम करने के लिए बिल टू बिल गुड्स & सर्विसेज को मिलाने की जरुरत नहीं होती है।
एक रजिस्टर्ड पर्सन अपने पास उपलब्ध कुल इनपुट टैक्स क्रेडिट को अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ कर सकता है। और अगर input tax credit का बैलेंस बचता है तो उसे आगे carry फॉरवर्ड कर सकता है।
यह भी पढ़े जीएसटी कब लगता है
Cgst/Sgst/Igst की इनपुट टैक्स क्रेडिट कैसे प्राप्त करे
जीएसटी में Cgst,Sgst,Utgst, Igst प्रकार के Taxes को शामिल किया गया है। जब भी आपके द्वारा किसी गुड्स &/या सर्विसेज के बिल का भुगतान किया जाता है तो Cgst,Sgst,Utgst, Igst का भी भुगतान किया जाता है।
इन सभी Taxes की इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त की जाती है, जिसे प्राप्त करने का तरीका नीचे समझाया गया है –
- अगर आपके पास IGST की input tax credit उपलब्ध है तो इसे सबसे पहले IGST, फिर CGST और अंत में SGST की टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ करना पड़ेगा।
- CGST की क्रेडिट उपलब्ध है तो इसे सबसे पहले CGST और अंत में IGST की टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ कर सकते है। CGST और SGST की इनपुट टैक्स क्रेडिट को आपस में सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है।
- SGST की इनपुट tax credit उपलब्ध होने पर इसे SGST और अंत में IGST की टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ कर सकते है।
- यदि आपके पास CGST और SGST दोनों की इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध है और IGST का भुगतान करना है तो सबसे पहले CGST को और बाद में SGST की input tax credit को IGST की टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ किया जायेगा।
Examples (gst tax in hindi ) :
- एक स्टेट के भीतर Rs. 10,000 के गुड्स की सप्लाई की गयी और इस पर 12 % की जीएसटी रेट है। इस गुड्स में कुछ कच्चा माल भी लगा जिसे Rs. 8,000 में ख़रीदा गया और इस पर 12 % की रेट से जीएसटी का भुगतान किया गया। अब इस केस में गुड्स सेल भी स्टेट के भीतर किया गया और इस गुड्स में लगा कच्चा माल भी स्टेट के भीतर से ही ख़रीदा गया। input tax credit सेट ऑफ करने की कैलकुलेशन –
CGST | SGST | |
Output Tax – 10,000 * 6/100 | 600 | 600 |
Input Tax – 8,000*6/100 | 480 | 480 |
Net Tax Payable | 120 | 120 |
इस example में CGST की क्रेडिट को CGST आउटपुट टैक्स से सेट ऑफ किया गया जबकि SGST की क्रेडिट को SGST की आउटपुट टैक्स लायबिलिटी से सेट ऑफ किया गया है।
2. एक स्टेट से दूसरे स्टेट में Rs. 10,000 के गुड्स सेल किये गए और इस पर 12 % की GST रेट है। इस गुड्स में Rs. 8,000 का कच्चा माल भी लगा जिसे स्टेट के भीतर से ही ख़रीदा गया था और पर 12 % की रेट gst का भुगतान किया गया। इस केस में गुड्स की सप्लाई स्टेट के बाहर की गयी जिस पर IGST लगा और गुड्स के लिए कच्चा माल स्टेट के भीतर से ख़रीदा गया जिस पर CGST और SGST का भुगतान किया गया। इस केस में input tax credit सेट ऑफ करने की कैलकुलेशन –
CGST | SGST | IGST | |
Output Tax – 10000*12/100 | – | – | 1200 |
Input Tax – 8000*6/100 | 480 | 480 | – |
Net Tax Payable | – | – | 240 |
इस example में IGST की आउटपुट टैक्स लायबिलिटी से पहले CGST की इनपुट टैक्स क्रेडिट को और अंत में SGST की क्रेडिट को सेट ऑफ किया गया।
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए वैध दस्तावेज होने आवश्यक है, इनके नहीं होने पर input tax credit प्राप्त नहीं की जा सकती है। इनपुट टैक्स credit क्लेम करने के लिए निचे दिए गए दस्तावेजों में से एक दस्तावेज होना आवश्यक है।
- गुड्स &/या सर्विसेज या दोनों के सप्लायर द्वारा जारी किया गया टैक्स invoice
- Unregistered पर्सन के द्वारा रजिस्टर्ड पर्सन को जारी किया गया Invoice ( यदि रजिस्टर्ड पर्सन के द्वारा रिवर्स चार्ज बेस पर टैक्स का भुगतान कर दिया गया हो
- सप्लायर के द्वारा सेक्शन 34 के आधार पर Issue किया गया डेबिट नोट
- बिल ऑफ़ एंट्री
- इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा जारी किया गया इनवॉइस या क्रेडिट नोट।
इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने की समय-सीमा
एक रजिस्टर्ड पर्सन सप्लाई के सम्बन्ध में Issue किये गए टैक्स इनवॉइस के एक वर्ष के बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC ) प्राप्त नहीं कर सकता है। यानि कि input tax credit जारी किये गए इनवॉइस के एक वर्ष के भीतर ही प्राप्त की जा सकती है।
आगे एक रजिस्टर्ड पर्सन फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के बाद सेक्शन 39 में सितम्बर माह की रिटर्न फाइल करने की देय तिथि या Annual रिटर्न फाइल करने के बाद जो भी पहले हो इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर सकता है।
यह भी पढ़े क्या आप भी एडवांस टैक्स के दायरे में आते है ? यदि हाँ तो यह जरूर पढ़े
Input tax credit प्राप्त करने की शर्ते
- टैक्सेबल पर्सन के पास सप्लायर के द्वारा Issue किया गया टैक्स Invoice/ Debit Note होना चाहिये।
- टैक्सेबल पर्सन के द्वारा गुड्स & सर्विसेज को प्राप्त कर लिया गया हो। यानि कि गुड्स &/ या सर्विसेज के लिए दिए गए एडवांसेज पर तब तक इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं ली जा सकती जब तक गुड्स & सर्विसेज प्राप्त नहीं कर लिए गए हो।
- सप्लाई पर चार्ज किये गए टैक्स को सरकार को जमा करा दिया गया हो, और
- रिटर्न को फाइल कर दिया गया हो।
Reversal of input tax credit – GST tax in hindi
यदि गुड्स & सर्विसेज के प्राप्तकर्ता द्वारा सप्लायर को 180 दिनों के भीतर गुड्स &/या सर्विसेज का मूल्य टैक्स के साथ भुगतान नहीं किया जाता है, तो प्राप्तकर्ता को प्राप्त की गयी इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स करना पड़ेगा। यानि कि प्राप्त की गयी इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्याज के साथ प्राप्तकर्ता की आउटपुट टैक्स लायबिलिटी में जोड़ दी जाएगी।
अगर आपको आर्टिकल इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है और शर्ते जिनके पूरा नहीं होने पर input tax credit क्लेम नहीं की जा सकती – gst tax in hindi अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करे।
यह भी जाने :
- यदि आप भी बिज़नेस करते है तो ये स्कीम्स बचा सकती आपका टैक्स
- जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना कब mandatory है ?
- कम्पोजीशन स्कीम क्या है और किसके द्वारा यह अपनायी जा सकती है gst composition scheme
- जीएसटी रिटर्न्स के फॉर्म्स के टाइप्स और Due डेट
- gst compensation cess के बारे में पूरी जानकारी – gst compensation cess
- what is e way bill in hindi under gst
- जीएसटी सिस्टम में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म क्या है और यह कैसे काम करता है ? reverse charge
- अब नकद में ट्रांजेक्शन करने वालो पर लगाई जाएगी पेनल्टी ( सेक्शन 269ST) – cash transaction limit in hindi
satisfied
Hey very nice blog!