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1 अप्रैल 2021 से बदल जायेंगे इनकम टैक्स के ये 8 इम्पोर्टेन्ट रूल्स

income tax rules changes from 1 april 2021 – 1 अप्रैल 2021 से फाइनेंसियल ईयर 2021 -22 (A.Y. 2022-23) शुरू हो जायेगा और बजट 2021 के सभी प्रावधान लागू हो जायेंगे।

बजट 2021 के प्रावधानों में इनकम टैक्स के काफी रूल्स में बदलाव किया गया है, जो कि एक सैलरीड और बिज़नेस पर्सन को काफी प्रभावित कर सकते है।

आज के आर्टिकल में हम 1 अप्रैल 2021 से लागू होने वाले इनकम टैक्स के इम्पोर्टेन्ट रूल्स के बारे में चर्चा करेंगे।

Pre – Filled ITR Forms 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा 1 अप्रैल 2021 से आपको pre – filled itr forms जारी किये जायेंगे। इन फॉर्म्स में आपको लिस्टेड सिक्योरिटीज से होने वाला कैपिटल गेन, डिविडेंड इनकम, बैंक या पोस्ट ऑफिस से मिलने वाला इंटरेस्ट आदि की जानकारी पहले से भरी हुई मिलेगी।

इससे पहले itr फॉर्म्स में आपको सैलरी, टीडीएस आदि की राशि ही पहले से भरी हुई मिलती थी।

Pre – Filled ITR फॉर्म्स के आने के बाद एक टैक्सपेयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना काफी आसान हो जायेगा।

Tax on Interest on Provident Fund 

बजट 2021 में प्रोविडेंट फण्ड के contribution पर मिलने वाले ब्याज को भी टैक्स के दायरे में लाया गया है।

लेकिन, PF पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स उसी केस में लगाया जायेगा, जब आपके द्धारा प्रोविडेंट फण्ड में कंट्रीब्यूशन एक फाइनेंसियल ईयर में 2 लाख 50 हजार से अधिक होता है।

हालाँकि, अगर आपके एम्प्लायर द्धारा प्रोविडेंट फण्ड में contribution नहीं किया जाता है, तो आपके ऊपर 2 लाख 50 हजार की लिमिट एप्लीकेबल नहीं होकर 5 लाख की होगी।

No ITR Filing for Senior Citizen 

1 अप्रैल 2021 के बाद से सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नहीं करनी होगी।

बजट 2021 में सीनियर सिटीजन्स को ITR फाइलिंग की अनिवार्यता से मुक्त किया गया है, लेकिन यह रूल्स उसी केस में एप्लीकेबल होगा जब सीनियर सिटीजन की सिर्फ पेंशन और इंटरेस्ट की इनकम हो और उस इनकम पर बैंक द्धारा टीडीएस काट लिया गया हो।

साथ ही सीनियर सिटीजन की यह इनकम सिर्फ एक ही बैंक में आनी चाहिये, अगर एक से अधिक बैंक में आती है, तो सीनियर सिटीजन को रिटर्न फाइल करनी अनिवार्य होगी।

सीनियर सिटीजन को बैंक में प्रॉपर डाक्यूमेंट्स जमा करवाने होंगे, ताकि बैंक द्धारा सही टीडीएस काटा जा सके।

इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल करने के इस रूल में सिर्फ 75 वर्ष से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन्स ही कवर होंगे।

TDS New Rule 

बजट 2021 में इनकम टैक्स एक्ट में 206AB और 206CCA नए सेक्शन जोड़े गए है।

इन सेक्शन के अनुसार किसी इंडिविजुअल का पिछले 2 वर्षो में 50 हजार से अधिक टीडीएस डिडक्ट या टीसीएस कलेक्ट किया जाता है और उस इंडिविजुअल द्धारा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं की जाती है, तो उस पर्सन पर टीडीएस या टीसीएस की डबल रेट या 5 %, जो भी अधिक हो, एप्लीकेबल होगी।

इस नियम के अनुसार अब deductor को टीडीएस काटने से पहले deductee की itr फाइलिंग का स्टेटस चेक करना होगा।

New Tax Regime vs Old Tax Regime 

1 अप्रैल 2021 से नयी इनकम टैक्स स्लैब रेट एप्लीकेबल हो जाएगी, जिसकी वजह से एक टैक्सपेयर को इनकम टैक्स की दो स्लैब रेट में से एक स्लैब रेट का चुनाव करना होगा।

इनकम टैक्स की नयी स्लैब रेट में टैक्स रेट कम है, लेकिन यदि आप इसको चूज़ करते है, तो आपको काफी तरह की इनकम टैक्स डिडक्शन से हाथ धोना पद सकता है।

एक सैलरीड व्यक्ति हर वर्ष इन दोनों स्लैब रेट में से एक का चुनाव कर सकता है, लेकिन एक बिज़नेस पर्सन सिर्फ एक बार इसका चुनाव कर सकता है, चुनाव करने के बाद उस पर हमेशा वही स्लैब रेट एप्लीकेबल होगी।

Income Tax Assessment 

1 अप्रैल 2021 से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा आपको पिछले 3 वर्ष पुराने मामलो में ही इनकम टैक्स नोटिस जारी किया जा सकेगा, उससे पुराने मामलो में आपको नोटिस जारी नहीं किया जा सकेगा।

इससे पहले आपको डिपार्टमेंट द्धारा 6 वर्ष पुराने मामलो में भी नोटिस भेजा जा सकता था।

Penalty for Non Linking of Pan and Aadhaar 

पैन कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करने की लास्ट डेट 31 मार्च 2021 है, जो भी पर्सन 31 मार्च 2021 तक पैन आधार को लिंक नहीं करवाते है, उन पर्सन पर 1000 तक की पेनल्टी लगायी जा सकती है।

Leave Travel Concession Scheme  

ऐसे इंडिविजुअल जो कि कोरोना की वजह से LTC का बेनिफिट नहीं ले पाए थे, वे 31 मार्च 2021 तक अपने LTC Cash Vouchers का यूज़ कर सकते है।

टैक्स बेनेफिट लेने के लिए खर्च किये गए अमाउंट के bills में जीएसटी अमाउंट और vendor के जीएसटी नंबर होने चाहिए और इन्हे 31 मार्च से पहले अपने एम्प्लायर को जमा करवाना होंगे।

 

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इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करना कब अनिवार्य है ?

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income tax return filing mandatory – इनकम टैक्स रिटर्न में आपके द्धारा एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी इनकम का ब्यौरा होता है। आपके द्धारा कितना टैक्स दिया जायेगा यह भी आपकी इनकम पर डिपेंड करता है।

टैक्स को बचाने के लिए आपके द्धारा इनकम टैक्स एक्ट में बताई गयी डिडक्शन को क्लेम किया जा सकता है। इन डिडक्शन की डिटेल भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR ) में देनी होगी।

कुछ डिडक्शन को क्लेम करने के लिए आपको कुछ फॉर्म भी भरने हो सकते है, जो कि ITR के अलावा होते है।

फिक्स्ड डिपाजिट करवाने से पहले इस के इंटरेस्ट पर लगाने वाले टैक्स के रूल्स को जरूर जाने

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tds on fixed deposit interest income – भारत में अधिकतर लोगो के लिए इन्वेस्टमेंट के उदेश्य से फिक्स्ड डिपाजिट आज भी एक अच्छा ऑप्शन बना हुआ है।

फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्टमेंट का एक मुख्य कारण यह है कि इस पर सेविंग बैंक अकॉउंट से ज्यादा इंटरेस्ट प्राप्त किया जा सकता है, साथ ही फिक्स्ड डिपाजिट पर लोन भी लिया जा सकता है।

अगर आप भी फिक्स्ड डिपाजिट कराने जा रहे है, तो एक बार इस पर लगने वाले इनकम टैक्स के बारे में भी जान ले, ताकि इस पर मिलने वाले रिटर्न को आप सही से निकाल सके।

आज के आर्टिकल (tds on fixed deposit interest income) में हम फिक्स्ड डिपाजिट के इंटरेस्ट पर एप्लीकेबल टैक्स के प्रावधानों पर चर्चा करेंगे।

यह भी देखे – सैलरी इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन से जुड़े बेसिक कांसेप्ट

क्या फिक्स्ड डिपाजिट पर प्राप्त ब्याज टैक्सेबल होता है ?

किसी भी पर्सन के लिए Fixed Deposit पर प्राप्त ब्याज टैक्सेबल होता है।

हालाँकि, अगर आपकी total income टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो इस पर टैक्स नहीं लगाया जायेगा और अगर बैंक द्धारा आपका टीडीएस काटा गया है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करके टीडीएस का रिफंड क्लेम कर सकते है।

यह भी देखे – इनकम टैक्स को समझने से पहले इन बेसिक वर्ड्स को समझे

क्या Fixed Deposit पर टीडीएस रूल्स एप्लीकेबल होंगे ? (tds on fixed deposit interest income)

फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट पर टीडीएस रूल्स एप्लीकेबल होंगे, अगर आपको मिलने वाला ब्याज एक निर्धारित लिमिट से अधिक होता है।

FD इंटरेस्ट पर एप्लीकेबल टीडीएस लिमिट –

  • सीनियर सिटीजन के लिए – 50 हजार
  • नॉन सीनियर सिटीजन के लिए – 40 हजार

अगर आपका एक फाइनेंसियल ईयर में ब्याज इस लिमिट से अधिक है, तो बैंक इंटरेस्ट अमाउंट पर 10 % की रेट से टीडीएस काटेगा और अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपके ऊपर 20 % की रेट एप्लीकेबल होगी।

ऊपर बताई गयी लिमिट अलग -अलग बैंक पर अलग – अलग एप्लीकेबल होगी।

जैसे – अगर आपको HDFC बैंक में करवाई गयी FD से 70,000 ब्याज प्राप्त होता है और SBI में करवाई फिक्स्ड डिपाजिट से 20,000 का ब्याज प्राप्त होता है, तो सिर्फ HDFC द्धारा ही 70,000 के इंटरेस्ट पर आपका टीडीएस काटा जायेगा। SBI द्धारा कोई टीडीएस नहीं काटा जायेगा, क्योकि इंटरेस्ट का पेमेंट निर्धारित लिमिट से कम है।

यह भी देखे – जानिए, सीनियर सिटिज़न को मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स के बारे में

क्या बैंक द्धारा टीडीएस काटा जायेगा, अगर आपकी इनकम कम है ?

अगर आपकी इनकम basic exemption limit से कम है, लेकिन आपको मिलने वाला फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट निर्धारित लिमिट से अधिक है, तो बैंक द्धारा आपका टीडीएस काटा जायेगा।

लेकिन, अगर आप बैंक को फॉर्म 15G या 15H जमा करवाते हो, तो इस केस में बैंक आपका टीडीएस नहीं काटेगा।

फॉर्म 15G और 15 H में इस बात की डिटेल रहती है, कि आपकी एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम निर्धारित टैक्सेबल लिमिट से कम है।

यह भी देखे – 5 इनकम, जिन पर अन्य स्रोतों से आय के अंदर टैक्स लगाया जाता है

फिक्स्ड डिपाजिट पर टैक्स की कैलकुलेशन कैसे की जाएगी ?

फिक्स्ड डिपाजिट से प्राप्त ब्याज “income from other source ” में टैक्सेबल होता है।

टैक्स की कैलकुलेशन करने के लिए एक व्यक्ति की सभी हेड की इनकम को जोड़कर gross total income निकाली जाएगी, इसके बाद उस पर्सन को अवेलेबल डिडक्शन को घटाकर टैक्सेबल इनकम निकाली जाएगी।

टैक्सेबल इनकम पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया है। इसका मतलब यह हुआ कि FD इंटरेस्ट स्लैब रेट के हिसाब से टैक्सेबल होता है।

जैसे – अगर आपकी इनकम 20 % की स्लैब रेट में आती है, तो आपकी फिक्स्ड डिपाजिट का ब्याज 20 % की रेट से टैक्सेबल होगा।  और अगर आपकी इनकम 5 % की स्लैब रेट में आती है, तो FD इंटरेस्ट 5 % की रेट से टैक्सेबल होगा।

इस केस में अगर आपका टीडीएस काटा लिया गया है, तो बैलेंस टीडीएस के अमाउंट का आप रिफंड क्लेम कर सकते है।

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यह भी देखे – फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर टीडीएस के बारे में डिटेल जानकारी – सेक्शन 194A

इनकम टैक्स को समझने से पहले इन बेसिक वर्ड्स को समझे

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income tax basic knowledge – आज के समय में अधिकतर लोग इनकम टैक्स के बारे में जानना चाहते है , लेकिन वो यह निर्धारित नहीं कर पाते है की शुरुआत कहाँ से की जाये।

इनकम टैक्स को समझना मुश्किल नहीं है, अगर आप सही तरीके से इसे सीखना शुरू करते है।

इनकम टैक्स एक्ट को समझने के लिए सबसे पहले आपको कुछ बेसिक चीजों का मतलब पता होना चाहिए, क्योकि इनकम टैक्स में बार – बार इन चीजों का जिक्र होता है।

आधार कार्ड से पैन कार्ड बनवाये मात्र 10 मिनट में – instant pan card

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instant pan card  – अगर आपके पास आधार कार्ड है, तो मात्र 10 मिनट में आप अपना पैन कार्ड खुद से बनवा सकते है। अब पैन कार्ड को बनवाने के लिए आपको कोई फॉर्म नहीं भरना होगा और न ही कोई डाक्यूमेंट्स जमा करवाना होगा।

इनकम टैक्स में कई तरह के ट्रांजेक्शन बताये गए है, जिनमे आपको पैन कार्ड की जरुरत होती है ,साथ ही pan card आपकी आइडेंटिटी का भी एक वैलिड प्रूफ होता है।

इसके अलावा अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते है, तो भी आपको पैन कार्ड की जरुरत होती है।

आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे आप instant pan card बनवा सकते है।

यह भी देखे – पैन कार्ड क्यों जरुरी है और क्या पैन कार्ड के नहीं होने पर आप पर पेनल्टी भी लगायी जा सकती है

Instant pan card बनवाने के लिए स्टेप्स – 

  1. सबसे पहले आप इनकम टैक्स की ई फाइलिंग वेबसाइट पर जाये
  2. वेबसाइट पर जाने के बाद instant PAN through aadhaar पर क्लिक करे
  3. क्लिक करने के बाद एक नया पेज ओपन होगा, जिस पर get new pan पर click करे
  4. इसके बाद नया पेज खुलेगा, जहाँ आपको अपने आधार नंबर और कैप्चा कोड डालना होगा, इसके बाद जनरेट आधार ओटीपी पर क्लिक करे
  5. ओटीपी जनरेट होने के बाद आपके आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी की डिटेल्स और अपनी ईमेल आईडी की डिटेल्स भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करे।
  6. सबमिट होने के बाद आपके आधार कार्ड की डिटेल्स आधार डेटबेस से चेक की जाती है।
  7. डिटेल्स मिलने के बाद आपकी मेल आईडी पर e pan card भेज दिया जाता है।
  8. इस तरह मात्र आपको 10 मिनट में पैन कार्ड प्राप्त हो जाता है।

instant pan card बनवाने के लिए शर्ते – 

instant pan card आपका बिलकुल फ्री में बनता है और साथ ही इसमें आपको किसी तरह का कोई डाक्यूमेंट्स भी अपलोड नहीं करना होता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते होती है।

ये शर्ते है –

  1. आपको कभी भी पैन कार्ड अलॉट नहीं किया गया हो ;
  2. आपके मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होने चाहिये ;
  3. आधार कार्ड पर आपकी पूरी डेट ऑफ़ बर्थ (DOB ) लिखी हुई होनी चाहिये ;
  4. आप माइनर नहीं होने चाहिये।

अगर ये सभी कंडीशन पूरी होती है, तो आप instant pan card के लिए अप्लाई कर सकते है।

 

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यह भी देखे – उद्योग आधार सर्टिफिकेट को अपडेट कैसे करे ?