इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते समय इन 12 डाक्यूमेंट्स को साथ मे जरूर रखे

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itr meaning in hindi – इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय आपको जरुरी डाक्यूमेंट्स और सूचनाओं को अपने पास संभाल कर रख लेना चाहिए, ताकि इनकम टैक्स रिटर्न में आपकी सही इनकम और डिडक्शन रिपोर्ट की जा सके। आवश्यक डाक्यूमेंट्स के अपने पास होने से रिटर्न के गलत्त होने की संभावना भी काफी कम हो जाती है, जिससे भविष्य में टैक्स डिपार्टमेंट से किसी भी तरह की जाँच होने की संभावना भी नहीं रहती है। 

ध्यान रखे इन आवश्यक डाक्यूमेंट्स को इनकम टैक्स रिटर्न के साथ अटैच नहीं करना होता है, बल्कि इन्हे अपने पास संभाल कर रखना होता है, ताकि भविष्य में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से किसी भी तरह की जाँच होने पर आप इन डाक्यूमेंट्स को प्रूफ के तौर पर दिखा सके।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में जरूरी डाक्यूमेंट्स – 

 

पैन कार्ड और आधार कार्ड

इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने से पहले आप अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड को अपने पास रख ले, क्योकि इनकी डिटेल्स आपको इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होती है ।

साथ ही पैन कार्ड और आधार कार्ड को आपस मे लिंक जरूर कर ले, ताकि रिटर्न को वेरीफाई करवाने में आपको कोई परेशानी नही हों। ध्यान रखे वर्तमान में पैन और आधार आपस में लिंक नहीं होने पर आपका पैन वार्ड इन एक्टिव हो गया होगा। पैन कार्ड को 1000 रुपये की लेट फीस के साथ आधार कार्ड के साथ लिंक करवा कर वापस से एक्टिव करवाया जा सकता है। 

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फॉर्म 16 

सैलरीड एम्प्लोयी को इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय फॉर्म 16 को अपने पास रखना बहुत जरूरी होता है, क्योकि एम्प्लोयी को अपनी सैलरी और दूसरे अलाउंस, डिडक्शन की डिटेल्स फॉर्म 16 के अनुसार ही देनी होती है । अगर इनकम टैक्स रिटर्न में दी गयी डिटेल्स फॉर्म 16 के अनुसार नहीं होती है, तो आपकी रिटर्न की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जाँच होने की सम्भावना बढ़ जाती है। 

हालांकि, आजकल इनकम टैक्स रिटर्न में फॉर्म 16 की डिटेल्स अपने आप आ जाती है, लेकिन इस डिटेल्स को क्रॉस चेक करने के लिए आपके पास फॉर्म 16 होना चाहिए । इस फॉर्म को आप अपने एम्प्लायर से ले सकते है। 

फॉर्म 16 में आपकी सैलरी पर काटे गए टीडीएस की डिटेल्स भी आप चेक कर सकते है ।

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टीडीएस सर्टिफिकेट

जब भी आपका किसी पर्सन द्वारा टीडीएस काटा जाता है, तो वह आपको टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करता है। इन टीडीएस सर्टिफिकेट्स में आपको टीडीएस और वह राशि जिस पर टैक्स काटा गया है की डिटेल्स दी हुई होती है।

फॉर्म 16 भी एक टीडीएस सर्टिफिकेट ही होता है।  इस फॉर्म के अलावा दूसरे टीडीएस सर्टिफिकेट्स को भी आईटीआर फाइलिंग के समय अपने पास रखना होगा, ताकि इन सर्टिफिकेट्स में काटे गए टीडीएस की एंट्रीज को आप चेक कर सके ।

फॉर्म 16 के अलावा दूसरे टीडीएस सर्टिफिकेट्स में फॉर्म 16A, फॉर्म 16B, फॉर्म 16C, फॉर्म 16D आदि आते है । यह सभी अलग -अलग तरह के पेमेंट पर टैक्स काटने के सम्बन्ध में टीडीएस डिडक्टर द्वारा आपको जारी किये जाते है। 

यानि कि अगर आपकी सैलरी के अलावा कोई इनकम है  और इस पर टैक्स कटा है, तो आप अपने टीडीएस सर्टिफिकेट को जरूर प्राप्त कर ले।

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फॉर्म 26AS 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से अपने फॉर्म 26AS को जरूर प्राप्त कर ले और इसमें बताई गयी सभी फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों की डिटेल्स को चेक कर ले । इसके अलावा इसमे टीडीएस, जीएसटी टर्नओवर, डिविडेंड, ब्याज की इनकम आदि की भी डिटेल्स रहती है, इन डिटेल्स को भी जरूर चेक कर ले।

फॉर्म 26AS में बताई गयी डिटेल्स को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर शामिल करे, क्योकि आपकी आईटीआर और इस फॉर्म में अंतर होने पर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने की काफी प्रबल संभावना हो जाती है।

फॉर्म 26AS को आप इनकम टैक्स पोर्टल पर ऑनलाइन फ्री में डाउनलोड कर सकते है । कभी भी बिना फॉर्म 26AS को देखे इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने की गलती न करे ।

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कैपिटल गेन स्टेटमेंट

इनकम टैक्स रिटर्न में आपको शेयर्स या म्यूच्यूअल फंड की यूनिट्स को बेचने से होने वाले प्रॉफिट या लॉस को रिपोर्ट करना होता है।  अगर आपने शेयर्स या म्यूच्यूअल फंड की यूनिट्स को बेचा है, तो कैपिटल गेन स्टेटमेंट को डाउनलोड जरूर कर ले ।

कैपिटल गेन स्टेटमेंट में आपको होने वाले कैपिटल गेन या कैपिटल लॉस की जानकारी रहती है । इस तरह से यह स्टेटमेंट आपके पास होने से आप अपनी रिटर्न में अपने कैपिटल गेन या लॉस की सही जानकारी दे पाएंगे।

ध्यान रखे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर साल काफी लोगों को सिर्फ इसलिए इनकम टैक्स नोटिस जारी करता है, क्योकि उनके कैपिटल गेन स्टेटमेंट में दिखाई गयी कैपिटल गेन की राशि और इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट की गयी कैपिटल गेन की राशि में अंतर होता है। इसलिए यह भी आईटीआर फाइलिंग में बहुत जरुरी डॉक्यूमेंट होता है। 

कैपिटल गेन स्टेटमेंट को आप ब्रोकिंग हाउस की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते है ।

 

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बैंक स्टेटमेंट 

इनकम टैक्स रिटर्न में आपको अपने सभी बैंक अकाउंट्स की जानकारी देनी होती है । इसमें आपको अपने बैंक का नाम, बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड आदि की डिटेल्स देनी होती है। इसलिए अपने सभी बैंक अकॉउंट की डिटेल्स आईटीआर फाइलिंग के समय अपने पास रखे ।

साथ ही इन सभी बैंको के बैंक स्टेटमेंट्स को भी अपने पास रख ले और इन स्टेटमेंट की सभी एंट्रीज को ध्यान में रखकर ही आईटीआर फ़ाइल करे ।

अगर कोई कैश या क्रेडिट जमा की एंट्री आ रही रही है, तो इन एंट्रीज के सम्बन्ध में आपके पास पर्याप्त जानकारी होनी चाहिये, ताकि बाद में टैक्स डिपार्टमेंट की जाँच में आप अपने आप को सही साबित कर सके। 

सभी टैक्स चालान 

अगर आपने किसी भी तरह का सेल्फ असेसमेंट टैक्स या एडवांस टैक्स को जमा करवाया है, तो इनके चालान को भी आईटीआर फाइलिंग के दौरान अपने पास रखे । 

क्योकि, इनकम टैक्स रिटर्न में आपको सेल्फ असेसमेंट टैक्स या एडवांस टैक्स के चालान की डिटेल भी देनी होती है । इसमें आपको चालान नंबर, चालान की डेट और अमाउंट आदि की जानकारी देनी होती है। हालाँकि, चालान को जमा करने के कुछ समय बाद आप फॉर्म 26AS में भी चालान की जानकारी देख सकते है। 

होम लोन पेमेंट का स्टेटमेंट 

अगर आप अपने होम लोन की टैक्स डिडक्शन क्लेम कर रहे है, तो अपने होम लोन सर्टिफिकेट को अपने पास रख ले। होम लोन के प्रिंसिपल रीपेमेंट और ब्याज की इनकम टैक्स में छूट ली जा सकती है।

होम लोन सर्टिफिकेट में आपको प्रिंसिपल रीपेमेंट और ब्याज दोनों की राशि दी हुई होती है, इसलिए इनकी टैक्स छूट लेने के लिए आपके पास सही जानकारी होगी।

यह होम लोन किसी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से हो सकता है।

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टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश के सर्टिफिकेट

आपके द्वारा किये गए किसी भी टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्टमेंट की इनकम टैक्स रिटर्न में टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है। अगर आपने इनकम टैक्स बचाने के लिए किसी भी तरह की टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश किया है, तो इस निवेश से संबंधित प्रूफ जरूर प्राप्त कर ले ।

ताकि, आईटीआर में किसी भी डिडक्शन की सही राशि को आप क्लेम कर सके । 

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बैंक या पोस्ट आफिस से इंटरेस्ट सर्टिफिकेट 

अगर आपने बैंक या पोस्ट आफिस में किसी तरह की कोई फिक्स्ड डिपाजिट, recurring डिपाजिट करवा रखी है, तो इन बैंक या पोस्ट से इंटरेस्ट सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त कर ले।

क्योकि एफडी या आर डी का ब्याज ” income from other source ” हेड में टैक्सेबल होता है, इसलिए सही ब्याज की रकम को रिपोर्ट करने के लिए ये सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त करे ।

सेक्शन 80सी से सेक्शन 80यू की डिडक्शन की डिटेल्स

अगर आप सेक्शन 80सी से सेक्शन 80यू में किसी भी डिडक्शन को क्लेम कर रहे है, तो इनसे जुड़े प्रूफ को भी आईटीआर फाइलिंग में अपने पास रखे ।

जैसे – बच्चो की स्कूल फीस की डिडक्शन क्लेम कर रहे है, तो स्कूल फीस की रसीद । इसी तरह डोनेशन की डिडक्शन क्लेम कर रहे है, तो डोनेशन की रसीद आपके पास होनी चाहिए ।

किसी भी डिपेंडेंट के लिए मेडिकल खर्चा कर रखे है, इस खर्चे की रसीद अपने पास रख ले। किसी तरह का कोई एजुकेशन लोन ले रखा है, तो ब्याज सर्टिफिकेट प्राप्त करे। ये छोटी – छोटी चीजे आपका टैक्स और बाद के झंझट से बचाने के लिए बहुत जरूर है।

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प्रॉपर्टी से जुड़े डाक्यूमेंट्स 

अगर आपके द्वारा कोई जमीन या बिल्डिंग बेची जाती है, तो इसके बेचने से जुड़े डाक्यूमेंट्स भी आपके पास होने चाहिए ।

प्रॉपर्टी को बेचने से होने वाले प्रॉफिट को कैपिटल गेन की इनकम माना जाता है, इसलिए अगर आपने वित्त वर्ष में कोई प्रॉपर्टी बेची है, तो उसकी आईटीआर में रिपोर्टिंग करने के लिए प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या अन्य डाक्यूमेंट्स को अपने पास रखे ।

आईटीआर फाइलिंग की प्रोसेस में इन सभी डाक्यूमेंट्स को अपने पास जरूर रखे, ताकि इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने में बेवजह कोई गलती नही हो ।

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