टीडीएस रिटर्न्स और टीडीएस सर्टिफिकेट के बारे में पूरी जानकारी । tds returns and forms in hindi

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tds returns and forms in hindi

tds returns and forms in hindi – टीडीएस डिडक्टेड एट सोर्स, जिसे शार्ट में टीडीएस भी कहा जाता है, इनकम टैक्स का ही एक पार्ट होता है, जिसे आपसे अलग – अलग समय पर सरकार द्धारा इनडायरेक्ट तरीके से कलेक्ट किया जाता है।

इनडायरेक्ट तरीका इसलिए कहा जा रहा है, क्योकि जिस पर्सन का टीडीएस कट रहा है, वह इसे सरकार को जमा नहीं करवाता, बल्कि टीडीएस काटने वाले पर्सन द्धारा इसे सरकार को जमा करवाया जाता है।

जिस भी पर्सन (टीडीएस डिडक्टर ) द्धारा टीडीएस काटा जा रहा है उसे टीडीएस अमाउंट और टीडीएस रिटर्न को सरकार को जमा करवाना होता है, साथ ही जिस पर्सन का उसने टीडीएस काटा है (टीडीएस डिडक्टी ), उसे भी एक टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करना होता है।

टीडीएस डिडक्टर द्धारा टीडीएस रिटर्न या टीडीएस सर्टिफिकेट्स को कौनसे फॉर्म्स में सरकार को जमा और डिडक्टी को जारी किया जाता है, साथ ही इनकी due डेट्स और अन्य रूल्स के बारे में आज के आर्टिकल (tds returns and forms in hindi) में हम चर्चा करेंगे।

टीडीएस के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह देखे – टीडीएस क्या होता है और इसकी कैलकुलेशन

टीडीएस रिटर्न्स क्या होती है ? (tds returns and forms in hindi)

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार अगर कोई पर्सन किसी दूसरे पर्सन का टीडीएस काटता है, तो उस पर्सन को सरकार को निर्धारित फॉर्म में टीडीएस रिटर्न जमा करवानी अनिवार्य होती है।

टीडीएस रिटर्न एक तिमाही (quarterly) स्टेटमेंट होता है, जो कि टीडीएस डिडक्टर को हर तिमाही (quarter) में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जमा करवाना होता है। इस स्टेटमेंट में टीडीएस डिडक्टर द्धारा काटे गए सभी टीडीएस की एंट्रीज और सरकार को जमा करवाए गए टैक्स की जानकारी होती है।

टीडीएस अमाउंट को ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म 281 में जमा करवाया जाता है। इसके अलावा टीडीएस डिडक्टर को टीडीएस रिटर्न्स में खुद के टैन नंबर, पैन नंबर और टीडीएस डिडक्टी के पैन नंबर की डिटेल्स भी देनी होती है।

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क्या टीडीएस रिटर्न्स सभी टीडीएस डिडक्टर द्धारा फाइल की जाएगी ?

टीडीएस रिटर्न सभी टीडीएस डिडक्टर द्धारा फाइल की जाती है, लेकिन इनकम टैक्स में कुछ पर्सन को इसे फाइल करने से मुक्त (exempt) किया गया है, जैसे –

  • अचल सम्पति के ट्रांसफर पर टीडीएस काटने वाले पर्सन – सेक्शन 194IA
  • रेंट पर टीडीएस के केस में – सेक्शन 194IB
  • रेजिडेंट कॉन्ट्रेक्टर्स और प्रोफेशनल को पेमेंट करने वाले पर्सन – सेक्शन 194M

इन तीनो सेक्शन में टीडीएस काटने वाले पर्सन द्धारा quarterly रिटर्न फाइल नहीं की जाती है। इन पर्सन को जिस महीने में टीडीएस काटा गया है, उस महीने के समाप्त होने के 30 दिनों के भीतर एक सिंपल challan cum statement  फाइल करना होगा और टीडीएस अमाउंट को जमा करवाना होगा।

इसके अलावा इन तीनो सेक्शन में टीडीएस काटने के लिए टीडीएस डिडक्टर को टैन नंबर लेना भी अनिवार्य नहीं होता है।

डिडक्टर को टीडीएस रिटर्न्स अलग – अलग फॉर्म्स में फाइल करनी होती है, जो कि अलग – अलग तरह के पेमेंट पर टैक्स काटने के केस में एप्लीकेबल होती है।

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Form 24Q | फॉर्म 24Q क्या होता है ?

एम्प्लायर द्धारा अपने एम्प्लाइज को सैलरी के पेमेंट के समय सैलरी अमाउंट पर सेक्शन 192 में टीडीएस काटना होता है।

जब एम्प्लायर द्धारा सैलरी पर टीडीएस काटा जाता है, तो उसके द्धारा फॉर्म 24Q में टीडीएस रिटर्न्स जमा करवाई जाती है। फॉर्म 24Q में एम्प्लोयी को दी गयी सैलरी और उस सैलरी पर काटे गए टीडीएस की डिटेल्स रहती है।

फॉर्म 24Q साल में 4 बार फाइल किया जाता है, यानि कि हर quarter में इसे फाइल करना होता है। एम्प्लायर द्धारा इसे फाइल नहीं करने पर 1.5 % प्रति महीने के हिसाब से इंटरेस्ट का पेमेंट करना होता है।

फॉर्म 24Q  जमा करवाने की Due Dates –

Q1 ( April – June) 31-Jul
Q2 ( July – Sept) 31-Oct
Q3 (Oct – Dec) 31-Jan
Q4 (Jan – March) 31-May

 

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Form 26Q | फॉर्म 26Q क्या होता है ?

फॉर्म 26Q भी एक टीडीएस स्टेटमेंट होता है, जिसे सैलरी के अलावा टीडीएस काटने पर टीडीएस डिडक्टर को फाइल करना होता है। जैसे – डिविडेंड, इंटरेस्ट, कमीशन, ब्रोकरेज, रेंट, प्रोफेशनल फीस, लाटरी इनकम आदि पर टीडीएस काटने के केस में इसे फाइल करना होता है।

इसे हर Quarter में फाइल करना होता है। इसमें टीडीएस डिडक्टर द्धारा सरकार को किये गए पेमेंट, पेमेंट का नेचर, काटे गए टीडीएस और चालान की डिटेल्स होती है। फॉर्म 26Q को समय पर जमा नहीं करवाने के केस में इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जाती है।

फॉर्म 26Q को जमा करवाने की Due Dates –

Q1 ( April – June) 31-Jul
Q2 ( July – Sept) 31-Oct
Q3 (Oct – Dec) 31-Jan
Q4 (Jan – March) 31-May

 

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फॉर्म 26QB क्या होता है ? Form 26QB

किसी भी पर्सन द्धारा जब 50 लाख या इससे अधिक की कोई अचल सम्पति (immovable property ) खरीदी जाती है, तो buyer द्धारा seller को पेमेंट करने से पहले सेक्शन 194IA में 1 % की रेट से टीडीएस काटना होता है।

टीडीएस काटने के बाद प्रॉपर्टी के खरीददार को फॉर्म 26QB में टीडीएस अमाउंट सरकार को जमा करवाना होता है। फॉर्म 26QB के अलावा Buyer को दूसरा कोई फॉर्म फाइल नहीं करना होता है।

ध्यान रखे, सेक्शन 194IA में टीडीएस काटने के लिए प्रॉपर्टी के Buyer को टैन नंबर लेने की आवश्यकता भी नहीं होती है। इस फॉर्म में Buyer को खुद के पैन और सेलर के पैन की डिटेल्स भी देनी होती है।

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फॉर्म 26QB जमा करवाने की Due Date

सेक्शन 194IA में टीडीएस काटने पर buyer को एक सिंगल फॉर्म 26QB ही जमा करवाना होता है। इस फॉर्म को जिस महीने में टीडीएस काटा गया है, उस महीने की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर जमा करवाना होता है।

जैसे – मार्च में टीडीएस काटा गया है, तो इसे 30 अप्रैल तक जमा करवाना होता है।

फॉर्म 26QC क्या होता है ? Form 26QC

ऐसे इंडिविजुअल या HUF, जिनका बिज़नेस टर्नओवर एक करोड़ से या प्रोफेशन का टर्नओवर 50 लाख से कम है और उनके द्धारा किसी हाउस प्रॉपर्टी का 50 हजार से अधिक प्रति महीना किराये का पेमेंट किया जाता है, तो उस इंडिविजुअल या HUF के द्धारा सेक्शन 194IB में 5 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

सेक्शन 194IB में टीडीएस काटने के लिए टैन नंबर की अनिवार्यता नहीं होती है। इस सेक्शन में टीडीएस काटने के बाद टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 26QC में टीडीएस का पेमेंट करना होता है।

टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 26QC में मकान मालिक का नाम, पैन नंबर, एड्रेस, रेंट पेमेंट, पीरियड आदि सभी की डिटेल्स भरनी होती है।

इंडिविजुअल या huf द्धारा जिस महीने में टीडीएस काटा गया है, उस महीने की समाप्ति के 30 दिनों के भीतर form 26QC में टीडीएस जमा करवाना होता है।

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फॉर्म 26QD क्या होता है ? form 26QD

इंडिविजुअल या HUF, जिनका बिज़नेस टर्नओवर 1 करोड़ या प्रोफेशन का टर्नओवर 50 लाख से कम है और ऐसे पर्सन  द्धारा किसी रेजिडेंट कांट्रेक्टर या प्रोफेशनल को एक फाइनेंसियल ईयर में 50 लाख से अधिक का पेमेंट किया जाता है, तो उस पर्सन को सेक्शन 194M में 5 % की रेट से टीडीएस काटना होगा।

50 लाख से अधिक पेमेंट होने पर टीडीएस पूरे अमाउंट पर काटा जायेगा, जैसे – 55 लाख का पेमेंट किया गया है, तो पूरे 55 लाख पर टीडीएस काटा जायेगा।

टीडीएस काटने के बाद टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 26QD में टीडीएस का पेमेंट सरकार को करना होगा। देरी से पेमेंट करने पर टीडीएस डिडक्टर पर इंटरेस्ट और पेनल्टी लगाए जायेंगे।

सेक्शन 194M में टीडीएस काटने के लिए TAN की अनिवार्यता नहीं होती है। इसके अलावा जिस महीने में टीडीएस काटा गया है, उस महीने के समाप्त होने के 30 दिनों के भीतर फॉर्म 26QD फाइल करना होता है।

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फॉर्म 27Q क्या होता है ? form 27Q

फॉर्म 27Q नॉन रेजिडेंट का टीडीएस काटने के केस में फाइल किया जाता है।

नॉन रेजिडेंट को सैलरी के अलावा किसी भी तरह के पेमेंट पर टीडीएस काटने के बाद टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 27Q में रिटर्न फाइल करनी होती है।

इसे हर quarter में फाइल करना होता है।

फॉर्म 27Q को फाइल करने की Due dates –

Q1 ( April – June) 31-Jul
Q2 ( July – Sept) 31-Oct
Q3 (Oct – Dec) 31-Jan
Q4 (Jan – March) 31-May

 

टीडीएस रिटर्न्स को टाइम से फाइल नहीं करने पर कितनी पेनल्टी लगायी जाएगी ?

भारत में काफी पर्सन टीडीएस के प्रावधानों का पालन नहीं करते है, जिसकी वजह से उन्हें काफी इंटरेस्ट, फीस और पेनल्टी का सामना करना पड़ता है।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234E के अनुसार अगर कोई टीडीएस डिडक्टर due dates से पहले टीडीएस रिटर्न्स जमा नहीं करवाता है, तो उस पर्सन को 200 प्रति दिन के हिसाब से फीस का पेमेंट करना होगा।

हालाँकि, सेक्शन 234E में जमा करवाई जाने वाली फीस किसी भी केस में उस quarter में जमा करवाने वाले टीडीएस अमाउंट से ज्यादा नहीं हो सकता।

इसके अलावा टीडीएस रिटर्न्स फाइल नहीं करने के केस में सेक्शन 271H में भी टीडीएस डिडक्टर पर 10 हजार से 1 लाख तक की पेनल्टी लगायी जा सकती है।

टीडीएस सर्टिफिकेट्स क्या होते है ? (tds returns and forms in hindi)

कोई पर्सन जो कि किसी दूसरे पर्सन का टीडीएस काटता है, उस पर्सन द्धारा टीडीएस डिडक्टी को टीडीएस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।

टीडीएस सर्टिफिकेट्स जारी करना अनिवार्य होता है, इसे जारी नहीं करने पर टीडीएस डिडक्टर पर 100 रूपये प्रति दिन के हिसाब से पेनल्टी लगायी जाती है।

टीडीएस डिडक्टर के लिए टीडीएस काटने, इसे जमा करवाने, टीडीएस रिटर्न्स फाइल करने और अंत में टीडीएस सर्टिफिकेट्स को जमा करवाने के साथ टीडीएस के रूल्स की कंप्लायंस पूरी होती है।

टीडीएस सर्टिफिकेट्स एनुअल या quarterly जारी किये जाते है, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।

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फॉर्म 16 क्या होता है ? form 16 in hindi

फॉर्म 16 एक टीडीएस सर्टिफिकेट होता है, जिसे एम्प्लायर द्धारा अपने एम्प्लाइज को सैलरी पर टीडीएस काटने के केस में जारी किया जाता है। अगर एम्प्लोयी का टीडीएस नहीं काटा गया है, तो फॉर्म 16 जारी नहीं किया जायेगा।

एम्प्लायर द्धारा एम्प्लोयी को वर्ष में एक बार Form 16 जारी किया जाता है, जो कि फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के बाद 15 जून तक जारी करना होता है।

फॉर्म 16 दो पार्ट में होता है, पार्ट A और पार्ट B .

पार्ट A में एम्प्लायर के टैन, पैन, एम्प्लोयी का नाम, पैन, पेमेंट की गयी सैलरी और टीडीएस की डिटेल्स रहती है, जबकि पार्ट B में एम्प्लोयी को दी गयी Gross salary, perquisites, अलाउंस, डिडक्शन और टैक्स की कैलकुलेशन होती है।

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फॉर्म 16A क्या है ? form 16A

फॉर्म 16A भी एक टीडीएस सर्टिफिकेट्स होता है, जो कि सैलरी के अलावा टीडीएस काटने के केस में टीडीएस डिडक्टर द्धारा जारी किया जाता है। जैसे – बैंक द्धारा फिक्स्ड डिपाजिट पर टीडीएस के केस में बैंक टीडीएस सर्टिफिकेट के रूप में फॉर्म 16A जारी करता है।

टीडीएस डिडक्टर द्धारा फॉर्म 16A टीडीएस डिडक्टी को हर quarter में जारी किया जाता है। इसे किसी quarter की टीडीएस रिटर्न्स की due date के समाप्त होने 15 दिनों के भीतर जारी किया जाता है।

फॉर्म 16B क्या होता है ? form 16B

सेक्शन 194IA में अचल सम्पति (immovable property ) पर टीडीएस काटने के केस में buyer द्धारा सेलर को टीडीएस सर्टिफिकेट के रूप में फॉर्म 16B जारी किया जाता है।

फॉर्म 16B में प्रॉपर्टी के सम्बन्ध में किये गए पेमेंट, टीडीएस आदि की जानकारी होती है। फॉर्म 16B को टीडीएस रिटर्न की due date के समाप्ति के बाद 15 दिनों के भीतर जारी किया जाता है।

जैसे – सेक्शन 194IA में मार्च महीने में काटे गए टीडीएस को Buyer द्धारा 30 अप्रैल तक फॉर्म 26QB में जमा करवाना होगा और उसे सेलर को 15 मई तक फॉर्म 16B में टीडीएस सर्टिफिकेट्स जारी करना होगा।

एक से अधिक सेलर होने पर सभी को फॉर्म 16B जारी करना होगा।

फॉर्म 16C क्या होता है ? form 16C

बजट 2017 में सरकार द्धारा सेक्शन 194IB लाया गया, जिसमे रेंट पर टीडीएस काटने के रूल्स थे। इस सेक्शन में टीडीएस काटने के केस में टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 26QC में टीडीएस स्टेटमेंट जमा करवाना होता है।

और टीडीएस डिडक्टी को फॉर्म 16C में टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करना होता है। फॉर्म 16C को टीडीएस रिटर्न जमा करवाने की due डेट के 15 दिनों के भीतर जारी करना होता है।

फॉर्म 16D क्या होता है ? (tds returns and forms in hindi)

सेक्शन 194M में रेजिडेंट कॉन्ट्रैक्टर्स और प्रोफेशनल का टीडीएस काटने के बाद टीडीएस डिडक्टर को फॉर्म 16D में टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करना होता है।

इस सेक्शन में टीडीएस रिटर्न जमा करवाने की due date के 15 दिनों के भीतर फॉर्म 16 D जारी किया जाता है।

सेक्शन 194M सितम्बर 2019 से एप्लीकेबल हुआ है।

 

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