फिक्स्ड डिपाजिट करवाने से पहले इस के इंटरेस्ट पर लगाने वाले टैक्स के रूल्स को जरूर जाने

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tds on fixed deposit interest income

tds on fixed deposit interest income – भारत में अधिकतर लोगो के लिए इन्वेस्टमेंट के उदेश्य से फिक्स्ड डिपाजिट आज भी एक अच्छा ऑप्शन बना हुआ है।

फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्टमेंट का एक मुख्य कारण यह है कि इस पर सेविंग बैंक अकॉउंट से ज्यादा इंटरेस्ट प्राप्त किया जा सकता है, साथ ही फिक्स्ड डिपाजिट पर लोन भी लिया जा सकता है।

अगर आप भी फिक्स्ड डिपाजिट कराने जा रहे है, तो एक बार इस पर लगने वाले इनकम टैक्स के बारे में भी जान ले, ताकि इस पर मिलने वाले रिटर्न को आप सही से निकाल सके।

आज के आर्टिकल (tds on fixed deposit interest income) में हम फिक्स्ड डिपाजिट के इंटरेस्ट पर एप्लीकेबल टैक्स के प्रावधानों पर चर्चा करेंगे।

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क्या फिक्स्ड डिपाजिट पर प्राप्त ब्याज टैक्सेबल होता है ?

किसी भी पर्सन के लिए Fixed Deposit पर प्राप्त ब्याज टैक्सेबल होता है।

हालाँकि, अगर आपकी total income टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो इस पर टैक्स नहीं लगाया जायेगा और अगर बैंक द्धारा आपका टीडीएस काटा गया है, तो आप इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करके टीडीएस का रिफंड क्लेम कर सकते है।

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क्या Fixed Deposit पर टीडीएस रूल्स एप्लीकेबल होंगे ? (tds on fixed deposit interest income)

फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट पर टीडीएस रूल्स एप्लीकेबल होंगे, अगर आपको मिलने वाला ब्याज एक निर्धारित लिमिट से अधिक होता है।

FD इंटरेस्ट पर एप्लीकेबल टीडीएस लिमिट –

  • सीनियर सिटीजन के लिए – 50 हजार
  • नॉन सीनियर सिटीजन के लिए – 40 हजार

अगर आपका एक फाइनेंसियल ईयर में ब्याज इस लिमिट से अधिक है, तो बैंक इंटरेस्ट अमाउंट पर 10 % की रेट से टीडीएस काटेगा और अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपके ऊपर 20 % की रेट एप्लीकेबल होगी।

ऊपर बताई गयी लिमिट अलग -अलग बैंक पर अलग – अलग एप्लीकेबल होगी।

जैसे – अगर आपको HDFC बैंक में करवाई गयी FD से 70,000 ब्याज प्राप्त होता है और SBI में करवाई फिक्स्ड डिपाजिट से 20,000 का ब्याज प्राप्त होता है, तो सिर्फ HDFC द्धारा ही 70,000 के इंटरेस्ट पर आपका टीडीएस काटा जायेगा। SBI द्धारा कोई टीडीएस नहीं काटा जायेगा, क्योकि इंटरेस्ट का पेमेंट निर्धारित लिमिट से कम है।

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क्या बैंक द्धारा टीडीएस काटा जायेगा, अगर आपकी इनकम कम है ?

अगर आपकी इनकम basic exemption limit से कम है, लेकिन आपको मिलने वाला फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट निर्धारित लिमिट से अधिक है, तो बैंक द्धारा आपका टीडीएस काटा जायेगा।

लेकिन, अगर आप बैंक को फॉर्म 15G या 15H जमा करवाते हो, तो इस केस में बैंक आपका टीडीएस नहीं काटेगा।

फॉर्म 15G और 15 H में इस बात की डिटेल रहती है, कि आपकी एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम निर्धारित टैक्सेबल लिमिट से कम है।

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फिक्स्ड डिपाजिट पर टैक्स की कैलकुलेशन कैसे की जाएगी ?

फिक्स्ड डिपाजिट से प्राप्त ब्याज “income from other source ” में टैक्सेबल होता है।

टैक्स की कैलकुलेशन करने के लिए एक व्यक्ति की सभी हेड की इनकम को जोड़कर gross total income निकाली जाएगी, इसके बाद उस पर्सन को अवेलेबल डिडक्शन को घटाकर टैक्सेबल इनकम निकाली जाएगी।

टैक्सेबल इनकम पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया है। इसका मतलब यह हुआ कि FD इंटरेस्ट स्लैब रेट के हिसाब से टैक्सेबल होता है।

जैसे – अगर आपकी इनकम 20 % की स्लैब रेट में आती है, तो आपकी फिक्स्ड डिपाजिट का ब्याज 20 % की रेट से टैक्सेबल होगा।  और अगर आपकी इनकम 5 % की स्लैब रेट में आती है, तो FD इंटरेस्ट 5 % की रेट से टैक्सेबल होगा।

इस केस में अगर आपका टीडीएस काटा लिया गया है, तो बैलेंस टीडीएस के अमाउंट का आप रिफंड क्लेम कर सकते है।

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