इनकम टैक्स रिटर्न में आपके द्धारा एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी इनकम और टैक्स की डिटेल्स होती है। आपने यह इनकम किस सोर्स से कमाई है, के बारे में भी पूरी जानकारी इसमें देनी होती है।
वर्तमान में सरकार द्धारा इनकम टैक्स एक्ट में काफी बदलाव किये जाने से अधिकतर पर्सन इनकम टैक्स के दायरे में आ चुके है, जिसकी वजह से उन्हें income tax return (ITR ) को फाइल करना जरुरी होता है।
साथ ही अब कई तरह के ट्रांजेक्शनों में इनकम टैक्स रिटर्न की जरुरत होने लग गयी है , जिसकी वजह से ऐसे लोग भी रिटर्न फाइल करते है, जिनको आईटीआर फाइल करना जरुरी नहीं होता है।
हालाँकि, इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के फायदे और नुकसान दोनों होते है, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
आज के आर्टिकल (Income Tax ki limit kya hai) में हम इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े कई तरह के रूल्स के बारे में चर्चा करेंगे।
यह भी जाने :
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के क्या फायदे है ?
अगर आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहते है, तो इसे जरूर फाइल करे, क्योकि इसके काफी फायदे होते है। किसी भी पर्सन को इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के काफी फायदे होते है।
जैसे –
- जब भी आपको बैंक से लोन लेना हो तो बैंक आपसे पिछले 3 वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न मांगता है, यदि आप अपनी रिटर्न फाइल नहीं करते है तो बैंक आपको लोन नहीं देगा। यानि कि इनकम टैक्स रिटर्न बैंक से लोन लेने के लिए बहुत ही जरुरी Document है,
- विदेश जाने के लिए आपको पहले वीजा लेना पड़ता है और बिना आपकी इनकम टैक्स रिटर्न देखे आपको वीजा नहीं दिया जायेगा। यानि कि वीजा प्रोसेसिंग के लिये भी इनकम टैक्स रिटर्न अनिवार्य है,
- यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी इनकम प्रूफ करनी हो तो इनकम टैक्स रिटर्न आपकी Income के प्रूफ का इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट है,
- अगर आपकी Income Taxable नहीं है, लेकिन आपका Tटीडीएस काट लिया गया है तो रिफंड क्लेम करने के लिये भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कारण अनिवार्य है ,क्योकि इसके बिना आप रिफंड क्लेम नहीं कर पायेंगे,
- आप कोई बिज़नेस करते है और आपको कोई नुकसान होता है तो इनकम टैक्स का बेनिफिट लेने के लिए आपको रिटर्न फाइल करनी जरुरी है, क्योकि बिना इसे फाइल करे आप अपने Losses को Carry Forward नहीं कर पाएंगे,
- Government Tender के लिए अप्लाई करने के लिए,
- देश के विकास मे सहयोग देने के लिये
यह भी जाने :
- बिज़नेस में नुकसान से इनकम टैक्स कैसे बचाया जा सकता है ? set off and carry forward of losses
- टीडीएस क्या है और कैसे कैलकुलेट किया जाता है
इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने पर हमें क्या नुकसान हो सकते है ?
इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के फायदे है, तो इसे फाइल नहीं करने के कुछ नुकसान भी है। इन नुकसानों का आपके ऊपर कैसे असर पड़ सकता है, इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
रिटर्न को नहीं फाइल करने या देरी से फाइल करने के नुक़सान –
- अगर आप रिटर्न फाइलिंग की लास्ट डेट के बाद इसे करते है ,तो आप अपने Business और Capital Gain के Losses को Carry Forward नहीं कर पायेंगे, हालाँकि हाउस प्रॉपर्टी के losses को बिना आईटीआर समय पर फाइल किये भी आप कैरी फॉरवर्ड कर सकते है,
- लास्ट डेट के बाद ITR फाइल करने पर, आपको Due Date से लेकर आईटीआर फाइल करने की तारीख तक बकाया टैक्स पर, 1% प्रत्येक महीने या महीने के भाग के लिये Interest का पेमेंट करना पडेगा,
- लास्ट डेट के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको रिटर्न सेक्शन 143(1 ) में प्रोसेस किये जाने की तारीख से रिफंड Granted किये जाने की तारीख तक ही रिफंड पर ब्याज प्राप्त होगा , यानि कि रिफंड पर कम ब्याज प्राप्त होगा,
- असेसमेंट ईयर 2018-19 से इनकम टैक्स एक्ट में नया सेक्शन 234f जोड़ा गया है, जिसमे बताया गया है कि आईटीआर को लास्ट डेट के बाद फाइल करने पर Rs. 1,000 या Rs. 5,000 या Rs. 10,000 तक की पेनल्टी आप पर लगायी जाएगी।
- इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर कितना इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?
- किन फॉर्म्स में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की जाएगी ?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना किनके लिए अनिवार्य है ?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरुरी है या नहीं, यह आपके status पर निर्भर करता है,
जैसे – आप एक कंपनी या फर्म है, तो आपके लिए ITR फाइल करना जरुरी है और यदि आप कोई व्यक्ति है तो यह आपकी basic exemption limit पर निर्भर करता है।
इसके लिए आपको यह जानना जरुरी है, कि इनकम टैक्स कब लगता है ? इसे आप Income Tax kya Hai Aur Income Tax Ki Rates से समझ सकते हो।
इनकम टैक्स रिटर्न किन के लिए फाइल करना जरुरी है ?
- कंपनी के लिए ( चाहे प्रॉफिट हो या Loss, रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है )
- फर्म के लिए (LLP और साझेदारी फर्म )
- ऐसे प्रत्येक व्यक्ति के लिए जिसकी इनकम Basic Exemption Limit से ज्यादा हो जाती है ।
टैक्सपेयर | Basic Exemption Limit |
व्यक्ति(60 वर्ष से कम )/HUF/AOP/BOI/Artificial Jurisdiction Person | अगर Income 250000 से ज्यादा होती है |
व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जो 60 साल या 60 साल से ज्यादा का हो | अगर Income 300000 से ज्यादा होती है |
व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जो 80 साल या 80 साल से ज्यादा का हो | अगर Income 500000 से ज्यादा होती है |
- व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जिसकी भारत के बाहर कोई असेट्स (किसी उपक्रम मे Financial Interest को शामिल करते हुए ) है या जिसे भारत के बाहर किसी खाते में Signature करने का अधिकार है ।
- अगर किसी व्यक्ति का एक फाइनेंसियल ईयर में बिजली का बिल एक लाख से अधिक आता है (बजट 2019 )
- अपने लिए या किसी और के लिए फॉरेन टूर पर 2 लाख से अधिक खर्च करते है (budget 2019 )
- बैंक या co -operative society में खुलवाए करंट अकॉउंट में 1 करोड़ से ज्यादा राशि जमा होने पर (बजट 2019 )
- एक इंडिविजुअल या HUF या AOP या BOI या आर्टिफीसियल पर्सन जिसकी कैपिटल गेन से इनकम है और बिना किसी डिडक्शन को घटाये या sections 54,54B,54D,54EC,54F,54G,54GA,54GB की exemption को क्लेम किये टोटल इनकम basic exemption limit से अधिक है।
जिन लोगो को Income Tax Return फाइल करना जरुरी है, उन्हें अपनी Income या Loss की Return Due Date को या उससे पहले जरूर फाइल करनी चाहिये ताकि वो ITR देरी से फाइल करने के परिणाम से बच सके ।
question – इनकम टैक्स कितने अमाउंट पर लगता है ?
answer – अगर आपकी total income बेसिक exemption लिमिट से अधिक है, तो basic exemption limit से अधिक इनकम पर इनकम टैक्स लगाया जायेगा। जैसे – आपकी इनकम 3 लाख है तो इसमें 2 .5 लाख की बेसिक exemption limit की छूट दी जाएगी और 50 हजार पर टैक्स लगाया जायेगा।
हालाँकि, 5 लाख से कम इनकम होने पर आपको सेक्शन 87A की रिबेट दी जाएगी, जिसकी वजह से 5 लाख से कम इनकम होने पर आपको टैक्स का पेमेंट नहीं करना होगा।
नोट : अगर आपको लाटरी या ऑनलाइन गेम्स से कोई इनकम होती है, तो इसे केस में आपको स्लैब रेट का बेनिफिट नहीं दिया जायेगा। यानि कि 2.5 लाख से कम इनकम पर भी आपको टैक्स का पेमेंट करना होगा।
यह भी जाने :
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्यों करता है आपके खातों की जाँच – scrutiny assessment under section 143 of income tax act
- नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना से इनकम टैक्स कैसे और कितना बचा सकते है ?-tax benefits of national pension scheme
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए लास्ट डेट्स –
करदाता का प्रकार | Due Dates/Last Dates |
ऐसे पर्सन जिसके अकाउंट्स की सेक्शन 44AB में ऑडिट होनी हो
|
31th october |
ऐसे करदाता जिनके खातों की audit नहीं होनी हो | 31st july |
करदाता जिसे International Transaction (Under Section 92E) की रिपोर्ट Furnish करनी हो | 30th November |
Examples – Income Tax ki limit kya hai
(1) श्रीमान अशोक की Assessment Year 2021-22 में total Income (salary ) Rs. 3,00,000 है तो उन्हें Return फाइल करना आवश्यक है और ITR फाइल करने की Last Date 31 जुलाई 2021 होगी। अगर श्रीमान अशोक 31 जुलाई 2021 तक ITR फाइल नहीं कर पाते है तो वो 31 मार्च 2022 तक अपनी ITR पेनल्टी के साथ फाइल कर सकते है ।
उनकी ITR पूरी तरह से वैध होगी , लेकिन 31 जुलाई 2021 (एक्सटेंडेड लास्ट डेट – 31 दिसंबर 2021 ) के बाद रिटर्न फाइल करने पर उन्हें बकाया टैक्स राशि पर प्रत्येक महीने और महीने के भाग के लिए 1% प्रत्येक महीने की दर से ब्याज और सेक्शन 234F की पेनल्टी (जो कि एक हजार या 5 हजार या 10 हजार की हो सकती है )का भुगतान करना पड़ेगा ।
हालाँकि, सरकार की नई नोटिफिकेशन के अनुसार बकाया टैक्स राशि 1 लाख से कम है, तो उन्हें due date तक रिटर्न फाइल करने पर सेक्शन 234a में कोई इंटरेस्ट का पेमेंट नहीं करना होगा।
(2) श्रीमान रमेश की Assessment Year 2021-22 में total Income 2,00,000 है तो उन्हें Return फाइल करना आवश्यक नहीं है ,लेकिन श्रीमान रमेश ITR फाइल करना चाहते है तो वो 31 मार्च 2022 तक ITR फाइल कर सकते है।
(3) श्रीमान दिनेश की Assessment Year 2021-22 में total Income Rs.1,50,000 है तो उन्हें Return फाइल करना आवश्यक नहीं है, लेकिन श्रीमान दिनेश की Rs.1,50,000 की Income पर TDS काट लिया गया है तो उन्हें रिफंड क्लेम करने के लिए ITR फाइल करना आवश्यक है । श्रीमान दिनेश 31 मार्च 2022 तक ITR फाइल करके Refund Claim कर सकते है ।
(4) श्रीमान अतुल (उम्र 70 साल ) की Assessment Year 2021-22 में Income Rs. 6,50,000 है और उनकी कुल Income से की जाने वाली कटौती 150000 है तो उन्हें भी ITR फाइल करना आवश्यक है, क्योकि उनकी (सीनियर सिटीजन ) कुल Income Basic Exemption Limit 500000 से ज्यादा है । श्रीमान अतुल को 31-12-2021 (एक्सटेंडेड लास्ट डेट ) तक ITR फाइल करना आवश्यक है।
(5) श्रीमान राजेश की Assessment Year 2020-21 में Salary Rs. 2,00,000 है और श्रीमान राजेश को Long Term Listed Shares को बेचने पर ( शेयर्स को बेचते समय Security Transaction Tax Paid किया हो ) 120000 रुपये का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ ।
लिस्टेड शेयर्स ( 12 महीने से अधिक धारित कर रखे हो ) को बेचने पर Income Exempt होती है, लेकिन श्रीमान राजेश की कुल आय (200000+120000) Basic Exemption Limit से ज्यादा है, इसलिए उन्हें Income Tax Return फाइल करना जरुरी है ।
(6) महावीर योग सेंटर (ट्रस्ट ) की Assessment Year 2020-21 में सेक्शन 11 & 12 की Deduction Allow करने से पहले total Income 180000 है, तो महावीर योग सेंटर को Income Tax Return फाइल करना जरुरी नहीं है , क्योकि उनकी कुल आय सेक्शन 11 & 12 की Deduction Allow करने से पहले Basic Exemption Limit से कम है ।
(7) श्रीमान राहुल की Assessment Year 2021-22 में Income ₹ 4,00,000 है । श्रीमान राहुल पार्टनरशिप फर्म के Working Partner है जिनके अकाउंट्स की ऑडिट नहीं होनी है, तो इस केस में श्रीमान राहुल की Income Tax Return फाइल करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2021 होगी ।
अगर इनके खातों की ऑडिट होनी है, तो इनके लिए itr फाइलिंग की लास्ट डेट 15 मार्च 2022 होगी।
अगर आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सोच रहे है , तो रिटर्न फाइल करने से पहले यह जरूर देखे –इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करते समय इन बातों को न भूले
अगर आपको यह आर्टिकल (Income Tax ki limit kya hai) अच्छा लगा हो तो इसे आगे शेयर जरूर करे।
यह भी जाने :
mne ek year m 11 lkh ki transaction ki h usme s jyda online he h vo b smal smal amount m to kya mujhe b tax bhrna pdega
आपने यह नहीं बताया कि आपने जो 11 लाख की ट्रांजेक्शन की है उनका सोर्स क्या है ? टैक्स आपको अपनी इनकम के हिसाब से देना पड़ेगा। आपने 1 वर्ष में जितनी इनकम कमाई है उसके हिसाब से आपको टैक्स देना पड़ेगा। आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करनी चाहिए, क्योकि बाद में अगर आपके पास कभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस आता है और उसमे आपसे इन 11 लाख के ट्रांजेक्शन का सोर्स पूछा जाता है तो आप उसे अपनी इनकम टैक्स रिटर्न से बता सके।