Pan card in hindi – पैन कार्ड 10 डिजिट के यूनिक नंबर होते है, जो कि सभी पर्सन के लिए अलग – अलग होते है। यह इंडिविजुअल का एक वैलिड पहचान – पत्र भी होता है, जो कि आपके सभी फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों को दर्शाता है। किसी पर्सन का एक बार पैन कार्ड बन जाने पर यह उसकी पूरी लाइफ वैलिड रहता है और इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है।
पैन की फुल फॉर्म परमानेंट अकॉउंट नंबर होती है, जिसकी सहायता से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे जुड़े सभी ट्रांजेक्शनों को आपस में लिंक करता है। इन ट्रांजेक्शनों में आपके टैक्स और फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन भी शामिल होते है।
वर्तमान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा आधार कार्ड और पैन कार्ड को आपस में लिंक करना भी अनिवार्य कर दिया है, जिसकी वजह से आप जिन भी ट्रांजेक्शनों में पैन या आधार नंबर रिपोर्ट करते है, सरकार को उन ट्रांजेक्शनों को आपस में लिंक करने में आसानी होती है।
इसीलिए सरकार द्वारा कई ट्रांजेक्शनों में पैन नंबर की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है और इन ट्रांजेक्शनों में पैन की रिपोर्टिंग नहीं करने पर पेनल्टी के प्रावधान भी लागू कर दिए गए है। इसके अलावा जिन पर्सन को पैन कार्ड लेना अनिवार्य है, अगर उनके द्वारा पैन कार्ड नहीं लिया जाता है, तो वे भी पेनल्टी के लिए दायी होंगे।
हाल ही में सरकार द्वारा बैंक में नकद जमा से जुड़े ट्रांजेक्शनों में भी पैन को अनिवार्य कर दिया है। भविष्य में भी सरकार द्वारा पैन कार्ड की अनिवार्यता के ट्रांजेक्शनों में बदलाव किया जाता रहेगा, ताकि अधिक से अधिक ट्रांजेक्शन सरकार की नजर में आ सके
आज के आर्टिकल (Pan card in hindi) में हम ऐसे ट्रांजेक्शनों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनमे पैन कार्ड अनिवार्य होता है और पैन कार्ड के नहीं होने पर कितनी पेनल्टी लगायी जा सकती है।
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बैंक से जुड़े ट्रांजेक्शनों में पैन कार्ड की अनिवार्यता –
अगर आप बैंक में अपना अकॉउंट खोलना चाहते है, तो आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। इसके अलावा अगर आप डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना चाहते है, तो भी आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
अगर बैंक में एक दिन में 50 हजार से ज्यादा राशि जमा करवाई जा रही है, तो आपको अपना पैन बैंक में देना होगा, नहीं तो आप यह पैसे बैंक में जमा नहीं करवा पाएंगे।
इसके अलावा हाल ही में सरकार ने एक फाइनेंसियल ईयर में 20 लाख से ज्यादा कैश बैंक में जमा करवाने या 20 लाख से ज्यादा कैश निकालने पर भी पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले पुरे फाइनेंसियल ईयर में कैश निकालने या जमा की कोई लिमिट नहीं थी, जिसमे पैन कार्ड अनिवार्य हो।
अगर आप बैंक या पोस्ट ऑफिस या NBFC में फिक्स्ड डिपाजिट भी करवा रहे है, तो भी पैन कार्ड अनिवार्य होगा। अगर यह 50 हजार से ज्यादा की हो।
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- पैन कार्ड के बारे में पूरी जानकारी, नहीं होगी कोई गलती
- फिक्स्ड डिपाजिट करवाने से पहले इस के इंटरेस्ट पर लगाने वाले टैक्स के रूल्स को जरूर जाने
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के केस में। Pan card in hindi
अगर आपकी एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम 2.50 लाख से ज्यादा की है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना जरुरी है।
पैन कार्ड से जुड़े अन्य ट्रांजेक्शन जहाँ पैन रिपोर्ट करना अनिवार्य होता है –
- अगर आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में एक बार में 50 हजार से ज्यादा का पेमेंट कैश में कर रहे है, तो आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
- डीमैट अकॉउंट ओपन करवाने के लिए
- बिज़नेस या प्रोफेशन का टर्नओवर 5 लाख से ज्यादा होने पर
- भारत में रेजिडेंट इंडिविजुअल द्वारा एक फाइनेंसियल ईयर में 2.50 से ज्यादा का फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन करने पर
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े डाक्यूमेंट्स में
- व्हीकल्स ( दोपहिया वाहन के अलावा ) की खरीद – बिक्री से जुड़े ट्रांजेक्शनों में
- 50 हजार से ज्यादा की फॉरेन करेंसी की खरीद में
- 50 हजार से ज्यादा की म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट्स खरीदने में
- 50 हजार से ज्यादा लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट पर
- 1 लाख से ज्यादा के अनलिस्टेड शेयर्स की खरीद – बिक्री के ट्राजेक्शनों में
- 10 लाख या से ज्यादा की इममूवेबल प्रॉपर्टी की खरीद – बिक्री में
- 2 लाख से ज्यादा के गुड्स या सर्विसेज की खरीद – बिक्री के केस में।
माइनर के केस में पैन कार्ड –
अगर ऊपर बताये गए ट्रांजेक्शन माइनर ( 18 वर्ष से कम ) के द्वारा किये जाते है , तो उसको उन ट्रांजेक्शनों में अपने पिता या माता या guardian के पैन देने होंगे। हालाँकि, अगर माइनर की टैक्सेबल इनकम है, तो उसे खुद के पैन कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा।
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- कैश में किये गए ट्रांजेक्शन और इनकम टैक्स में लगने वाली पेनल्टीज। cash transactions limit in income tax
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पैन कार्ड नहीं होने पर डिक्लेरेशन –
अगर किसी पर्सन के पास पैन कार्ड नहीं है और उसके द्वारा निर्धारित फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन किये जाते है, तो उसके द्वारा फॉर्म 60 में डिक्लेरेशन दिया जा सकता है।
टैक्स डिडक्शन के केस में पैन कार्ड –
अगर किसी पर्सन का इनकम टैक्स एक्ट 1961 के रूल्स के अनुसार टैक्स काटा जाता है, तो उसे टैक्स डिडक्टर को अपना पैन देना होगा। पैन नहीं देने के केस में टैक्स डिडक्टर द्वारा ज्यादा रेट से टैक्स काटा जायेगा।
पैन की जगह आधार नंबर का यूज़
अगर किसी पर्सन के पास पैन कार्ड नहीं है, तो वह अपने फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों में पैन की जगह आधार को यूज़ में ले सकता है। यह रूल्स 1 सितम्बर 2019 से एप्लीकेबल है।
पैन कार्ड के नहीं होने पर पेनल्टी –
अगर किसी पर्सन द्वारा गलत पैन दिया जाता है या एक से ज्यादा पैन रखे जाते है या ऊपर बताये गए ट्रांजेक्शनों में पैन नहीं दिया जाता है, तो उसके ऊपर 10 हजार की पेनल्टी लगायी जाएगी।
पैन – आधार लिंकिंग – Pan card in hindi
सभी पर्सन को अपने आधार और पैन को 31 मार्च 2023 तक आपस में लिंक करना अनिवार्य है। अगर उसके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो उसका पैन इनवैलिड हो जायेगा और यह माना जायेगा कि उसके पास पैन नहीं है। पैन – आधार को आपस में लिंक करने पर 1000 की लेट फीस जमा करवानी होगी।
पैन कार्ड के बारे में अधिक जानने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की पीडीएफ डाउनलोड करे।
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