एडवांस टैक्स क्या है। इन रूल्स से एडवांस टैक्स कैलकुलेशन को आसानी से समझे | What is Advance Tax in Hindi

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What is Advance Tax in Hindi

What Is Advance Tax in Hindi – आप जिस वर्ष में कमा रहे है उसी वर्ष में टैक्स जमा करवाने को एडवांस टैक्स कहा जाता है। सरकार के लिए यह एक ऐसा मैकेनिज्म होता है जिससे सरकार के पास एडवांस टैक्स के रूप में नियमित नकदी आती रहती है, जिससे सरकार के पास पुरे वर्ष नकदी की कमी नहीं होती है।

आसान भाषा में समझे तो आप जिस वर्ष कोई इनकम करते है उस वर्ष के समाप्त होने के बाद आपको टैक्स जमा करवाना होता है, लेकिन इससे सरकार के काफी काम प्रभावित हो सकते है। इसलिए सरकार ने अपने पास नकदी का पर्याप्त फ्लो बनाये रखने के लिए टैक्सपेयर से टैक्स की राशि को एडवांस के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया।

अब एक निर्धारित वर्ग के टैक्सपेयर को अपने टैक्स की राशि को एडवांस के रूप में सरकार को जमा करवानी होती है।

जैसे टैक्सपेयर को एक फाइनेंसियल ईयर में काफी सारे टैक्स जमा करवाने पड़ते है, जैसे – टीडीएस, टीसीएस, सेल्फ असेसमेंट टैक्स , एडवांस टैक्स। इन सभी को जमा करवाने की टाइमिंग अलग – अलग होती है।

लेकिन, ये सभी तरह के टैक्स इनकम टैक्स का ही पार्ट होते है जो कि कुछ कंडीशन पूरा होने पर ही जमा करवाने होते है। एडवांस टैक्स भी एक ऐसा ही टैक्स है।

यह भी कुछ कंडीशन पूरी होने पर ही आपके द्वारा जमा करवाया जायेगा , अगर ये कंडीशन पूरी नहीं होती है तो आपको कुछ भी एडवांस टैक्स जमा नहीं करना होगा।

आज के आर्टिकल (What is Advance Tax in Hindi) में हम एडवांस टैक्स और इसकी कैलकुलेशन से जुड़े सभी रूल्स के बारे में जानेंगे।

What Is Advance Tax in hindi | एडवांस टैक्स क्या होता है ?

एडवांस टैक्स इनकम टैक्स का ही पार्ट होता है जो कि उसी वर्ष में जमा करवाना होता है, जिस वर्ष में आपकी इनकम होती है। यानि जैसे -जैसे आप कमाते हो वैसे उस इनकम पर टैक्स का भुगतान भी करना होता है।

एडवांस टैक्स (अग्रिम कर ) का भुगतान आपको चालू वर्ष में ही करना होता है, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न चालू वर्ष के समाप्त होने के बाद जमा करवानी होती है।

आपकी एडवांस टैक्स की लायबिलिटी तब होती है जब आपके द्वारा Rs.10,000 या उससे अधिक का टैक्स पेयबल होता है।

एडवांस टैक्स की कैलकुलेशन के लिए सबसे पहले आपकी होने वाली इनकम (Estimate Income ) का अनुमान लगाया जाता है और उस इनकम पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स की कैलकुलेशन की जाती है।

इनकम टैक्स की कैलकुलेशन के बाद इसमें से आपको टीडीएस, टीसीएस आदि की छूट भी दी जाएगी। इन सभी छूट को देने के बाद भी आपकी टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से ज्यादा की है, तो आपको एडवांस में टैक्स जमा करवाना होगा।

एडवांस टैक्स किसको जमा करवाना होता है ?

एडवांस टैक्स को जमा करवाने की जिम्मेदारी हर उस पर्सन की होती है, जिसकी अनुमानित टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से ज्यादा की है।

ऐसे पर्सन की इनकम सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन, बिज़नेस किसी भी सोर्स से हो सकती है। हालाँकि, सैलरीड टैक्सपेयर के सम्बन्ध में एम्प्लायर द्वारा टीडीएस काटने की वजह से एडवांस टैक्स की लायबिलिटी काफी कम केस में देखने को मिलती है।

लेकिन, बिज़नेस या कैपिटल गेन सोर्स से इनकम वाले पर्सन के केस में एडवांस टैक्स की लायबिलिटी के अधिक केस देखने को मिलते है।लेकिन , सभी टैक्सपेयर को अपनी एडवांस टैक्स की लायबिलिटी जरूर पता कर लेनी चाहिए, नहीं तो बाद में टैक्स पर अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।

एडवांस टैक्स की कैलकुलेशन क्या होगी ?

अग्रिम कर ( एडवांस टैक्स ) आपकी अनुमानित इनकम पर निकाला जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत में ही आपको अपनी इनकम का अनुमान लगाना होगा और इस अनुमानित इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन करनी होगी।

अगर आपकी टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से ज्यादा की है, तो आपको एडवांस टैक्स जमा करवाना होगा।

Advance tax calculation 

आपकी एक फाइनेंसियल ईयर में इनकम है – सैलरी – 5 लाख (net ) , हाउस प्रॉपर्टी से किराये की इनकम – 2 लाख (net) , शेयर्स से इनकम (कैपिटल गेन )- 3 लाख ,फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट 40000, टीडीएस कटौती – 60,000 .

इसके अलावा आपने 1 .20 लाख की टैक्स सेविंग स्कीम (सेक्शन 80सी ) में निवेश कर रखा है, साथ ही 20 हजार के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते है।  तो क्या इस केस में आपकी एडवांस टैक्स की लायबिलिटी आएगी ?

solution –

salary 500000
income from house property 200000
capital gain 300000
fixed deposit interest 40000
total income 1040000
less – deductions
80C – 1,20,000
80D – 20,000 140000
net income 900000
tax liability
0-2,50,000 nil
2,50,000 – 5,00,000 12,500
5,00,000-9,00,000 80,000
total tax payable 92500
add- SHEC @4% 3700
Total 96200
less – tds 60000
net tax liability 36200

अब इस केस में आपकी नेट टैक्स लायबिलिटी 36,200 है, जो कि 10 हजार से ज्यादा की है।  इसलिए आपको एडवांस टैक्स का पेमेंट करना होगा।

नोट –

  • टैक्स की कैलकुलेशन पुरानी स्लैब रेट के आधार पर की गयी है।
  • स्टैण्डर्ड डिडक्शन की छूट देने के बाद नेट सैलरी 5 लाख है।
  • हाउस प्रॉपर्टी की इनकम 30 % स्टैण्डर्ड डिडक्शन देने के बाद की है।

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एडवांस टैक्स का पेमेंट कब करना होता है ?

अनुमानित इनकम पर निकाले गए टैक्स में से टीडीएस, टीसीएस , टैक्स रिबेट और टैक्स रिलीफ ( सेक्शन 87 A, 89, 90, 90A, 91) को घटा दिया जाता है और बैलेंस टैक्स की राशि यदि Rs. 10,000 या उससे अधिक है तो आपको एडवांस टैक्स जमा करवाना पड़ेगा।

एडवांस टैक्स का भुगतान आपको 4 किस्तों में करना होगा। यानि की साल में 4 बार आपको एडवांस टैक्स का पैमेंट करना होगा।  इन किस्तों का समय पर भुगतान नहीं करने या कम भुगतान करने पर सेक्शन 234 बी & 234 सी में इंटरेस्ट का भुगतान करना पड़ेगा।

सबसे आखिरी क़िस्त का पेमेंट आपको 15 मार्च तक करना होता है। लेकिन, 31 मार्च तक आप ब्याज के साथ एडवांस टैक्स का पेमेंट कर सकते है। 31 मार्च के बाद आप इसका भुगतान नहीं कर सकते है, क्योकि इसके बाद जमा टैक्स को सेल्फ असेसमेंट टैक्स के रूप में लिया जायेगा।

 एडवांस टैक्स का पेमेंट किसके द्वारा नहीं किया जायेगा ?

इनकम टैक्स में सीनियर सिटीजन्स को एडवांस टैक्स जमा करवाने से छूट दी गयी है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते होती है, जिनको पूरा करना जरुरी होता है।

शर्ते –

  • आप एक सीनियर सिटीजन है ;
  • भारत में रेजिडेंट है ;
  • बिज़नेस & प्रोफेशन से कोई इनकम नहीं है।

अगर ये तीनो शर्ते पूरी होती है, तो आपको एडवांस टैक्स जमा नहीं करवाना होगा, चाहे आपकी टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से ज्यादा की हो।

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एडवांस टैक्स जमा करवाने की लास्ट डेट 

एडवांस टैक्स का भुगतान करने के लिए करदाता को दो भागो में डिवाइड किया जाता है (1 ) सेक्शन 44 AD में शामिल करदाता को छोड़ते हुए सभी करदाता (2 ) सेक्शन 44 AD के करदाता

  1. सेक्शन 44 AD में शामिल करदाता को छोड़ते हुए सभी करदाता ( Corporate & Non Corporate Assessee)

Due Dates of advance tax Installment

Amount Payable

On or Before 15th June

15 % of Advance Tax Liability
On or Before 15th september 45 % of Advance Tax Liability
On or Before 15th december 75 % of Advance Tax Liability
On or Before 15th march 100 % of Advance Tax Liability

 

2.  सेक्शन 44 AD के करदाता

On or Before 15th march 100 % of Advance Tax Liability

 

Note : 31 मार्च तक चुकाए गए एडवांस टैक्स को उसी फाइनेंसियल ईयर में चुकाया गया माना जायेगा।

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Order of Assessing Officer – करनिर्धारण अधिकारी द्वारा आर्डर

  1. यदि आपके द्वारा एडवांस टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता या कम भुगतान किया जाता है तो करनिर्धारण अधिकारी (A .O .) द्वारा सेक्शन 210 में आपको एडवांस टैक्स का भुगतान करने का आर्डर जारी किया जा सकता है।
  2. आपके द्वारा आर्डर जारी किये जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाता तो आपको चूक में करदाता (Assessee In Default ) माना जायेगा।
  3. A.O. द्वारा यह आर्डर फ़रवरी की लास्ट डेट तक जारी किया जा सकता है।
  4. आर्डर में एडवांस टैक्स की कैलकुलेशन A.O.द्वारा की जाती है जो कि आपकी पहले कि Assessed/Returned इनकम के आधार पर होती है।
  5. लेकिन A.O. की एडवांस टैक्स की कैलकुलेशन अधिक है तो आपके द्वारा A.O. को फॉर्म 28 A में इंटिमेशन दिया जा सकता है।

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एडवांस टैक्स पर सेक्शन 234B में ब्याज 

यदि आपके द्वारा पिछले वर्ष में कुल “Assessed Tax ” के 90 % से कम एडवांस टैक्स का पेमेंट किया जाता है या एडवांस टैक्स का पेमेंट ही नहीं किया जाता तो आप सेक्शन 234B में इंटरेस्ट के भुगतान के लिए दायी होंगे, जो कि 1 % प्रति महीना के हिसाब से दिया जायेगा।

एडवांस टैक्स पर सेक्शन 234C में ब्याज 

आपके द्वारा गत वर्ष में एडवांस टैक्स की Installment  में चूक करने या किसी Installment में कम भुगतान करने पर 1% का इंटरेस्ट लगाया जायेगा।

लेकिन 1st और 2nd Installment में न्यूनतम 12 % और 36 % का भुगतान करते है तो इंटरेस्ट नहीं लगाया जायेगा।

कुछ केस में एडवांस टैक्स देरी से जमा करने पर कोई ब्याज नहीं  

जब आपके द्वारा इनकम को कम अनुमानित या अनुमानित नहीं करने की वजह से किसी Installment में कम भुगतान या भुगतान नहीं किया जाता तो आपके ऊपर इंटरेस्ट नहीं लगाया जायेगा। ऐसी इनकम हो सकती है –

  1. Capital Gain
  2. इनकम जो कि Lotteries, Crossword Puzzles, Card Games, Gambling, Races से होती है
  3. यदि पहली बार बिज़नेस या प्रोफेशन हेड के अंतर्गत कोई इनकम हो रही है।

लेकिन इंटरेस्ट उस केस में ही नहीं लगाया जायेगा जब आपकी इनमे से कोई इनकम हो और बैलेंस इन्सटॉलमेंट में पुरे टैक्स का भुगतान किया जाये। यदि कोई इन्सटॉलमेंट शेष नहीं है तो फाइनेंसियल ईयर के 31 मार्च तक टैक्स का भुगतान किया जाये।

एडवांस टैक्स से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण रूल्स 

  1. इंटरेस्ट की कैलकुलेशन के लिए महीने के पार्ट को फुल Month माना जायेगा।
  2. टैक्स अमाउंट को 100 के मल्टीपल में Rounded ऑफ किया जायेगा और फ्रैक्शन राशि को छोड़ दिया जायेगा।
  3. इंटरेस्ट की कैलकुलेशन आपके द्वारा स्वयं की जाएगी और उसको टैक्स के साथ जमा करवाया जायेगा।

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