इस तरह के ट्रांजेक्शनों पर रहेगी अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर, लगेगा टैक्स और जुर्माना । Undisclosed sources of income

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Undisclosed sources of income

Undisclosed sources of income – इनकम टैक्स से बचने के लिए एक टैक्सपेयर द्धारा अपनी काफी तरह की इनकम, इन्वेस्टमेंट और खर्चो आदि की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी जाती है, जिसकी वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा टैक्सपेयर की इन इनकम या खर्चो के बारे में पता नहीं लग पाता है।

लेकिन, आज के समय में अधिकतर चीजों को डिजिटल करने और काफी ट्रांजेक्शन्स में पैन कार्ड की अनिवार्यता होने से, ये चीजे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अधिक समय तक छुपी हुई नहीं रह सकती है।

और, इसलिए जब भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरो में ऐसे कोई ट्रांजेक्शन आते है, जिनके बारे में टैक्सपेयर के पास कोई वैलिड जवाब नहीं होता है, तो टैक्सपेयर को भारी टैक्स और पेनल्टी का सामना करना पड़ता है।

आज के हमारे आर्टिकल (Undisclosed sources of income) में हम इनकम टैक्स एक्ट 1961 में बताये गए उन इम्पोर्टेन्ट रूल्स के बारे में चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से किसी भी लेनदेन को आपकी इनकम में जोड़ा जा सकता है।

जैसे – Undisclosed sources of income

  • Cash credits – कैश क्रेडिट (सेक्शन 68 )
  • Unexplained Investments ( सेक्शन 69 )
  • Unexplained Money etc. (सेक्शन 69A )
  • Amount of Investments etc. not fully disclosed in the books of account ( सेक्शन 69B )
  • Unexplained Expenditure (सेक्शन 69C )
  • Amount Borrowed or repaid on hundi ( सेक्शन 69D )
  • इन ट्राजेक्शनों पर टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा ?
  • other important rules

यह भी देखे –

Undisclosed sources of income

Cash Credit ( सेक्शन 68 ) | कैश क्रेडिट

यदि, आपके बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स  में कोई अमाउंट क्रेडिट होता है और उस अमाउंट के नेचर और सोर्स के बारे में आपके पास कोई वैलिड जवाब नहीं है या आपके पास इस अमाउंट का जवाब है,

लेकिन इनकम टैक्स अधिकारी आपके जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो यह पूरा अमाउंट आपकी इनकम माना जायेगा और इस पर आपको टैक्स देना होगा।

जैसे – आपके अकॉउंट में 5 लाख का कैश जमा हुआ है और आपने इस अमाउंट की इनकम टैक्स रिटर्न में कोई रिपोर्टिंग नहीं की और बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा आपके पास नोटिस भेजा जाता है, तो आप इस ट्रांजेक्शन का कोई वैलिड जवाब नहीं दे पाते है, तो यह 5 लाख का अमाउंट आपकी इनकम माना जायेगा और इस पर आपको टैक्स देना होगा।

Unexplained Investment ( सेक्शन 69 )

आपके द्धारा किसी फाइनेंसियल ईयर में कोई इन्वेस्टमेंट किया जाता है, लेकिन उस इन्वेस्टमेंट को अपने बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में नहीं दिखाया जाता है,

और आपके पास उस इन्वेस्टमेंट के नेचर और सोर्स के बारे में कोई जवाब नहीं है या आपके जवाब से assessing officer संतुष्ट नहीं है, तो उस इन्वेस्टमेंट के अमाउंट को आपकी इनकम माना जायेगा और उस पर आपसे टैक्स वसूला जायेगा।

जैसे – आपके नाम कोई जमीन है, जिसकी कीमत 10 लाख रुपये की है। आपने इस जमीन को अपने बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में नहीं दिखा रहा है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जाँच – पड़ताल में आप उस जमीन के नेचर और सोर्स के बारे में कोई वैलिड जवाब नहीं दे पाते है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस 10 लाख के इन्वेस्टमेंट को आपकी इनकम मानेंगे।

यह भी देखे :

Unexplained Money etc . ( सेक्शन 69A )

यदि किसी फाइनेंसियल ईयर में आपके पास money, bullion, jewellery, या दूसरी कोई कीमती चीजे पायी जाती है और इन चीजों को आपने बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में नहीं दिखा रखा है,

साथ ही इन चीजों के नेचर और सोर्स के बारे में आपके पास कोई वैलिड जवाब नहीं है या आपके जवाब से assessing officer (A.O.) संतुष्ट नहीं होता है, तो इन सभी की कीमत को आपकी इनकम माना जायेगा और उस पर टैक्स लगाया जायेगा।

जैसे – किसी पर्सन के घर पर छापा पड़ने के केस में नकदी और ज्वेलरी मिलती है और इस नकदी और ज्वेलरी का उस पर्सन के पास कोई उचित जवाब नहीं है, तो इनकम टैक्स अधिकारी इसको उसकी इनकम मानेगा। इस इनकम पर उस पर्सन को टैक्स और पेनल्टी दोनों देनी होगी।

यह भी देखे –

Amount of Investments etc. not fully disclosed in the books of account ( सेक्शन 69B )

यदि किसी फाइनेंसियल ईयर में आपके द्धारा कोई इन्वेस्टमेंट किया जाता है या आप किसी money, bullion, jewellery या किसी दूसरी कीमती चीज के मालिक माने जाते है,

लेकिन इन्वेस्टमेंट या इन चीजों की वैल्यू आपके द्धारा मेन्टेन की जाने वाली बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में दिखाई गयी वैल्यू से ज्यादा है और आपके द्धारा इस अंतर के कारणों के बारे में कोई वैलिड जवाब नहीं दिया जाता है, या आपके दिए गए जवाब से इनकम टैक्स अधिकारी संतुष्ट नहीं है, तो अंतर के अमाउंट को आपकी इनकम में जोड़ दिया जायेगा।

जैसे – आपके पास 31 मार्च 2023 को 10 लाख की ज्वेलरी पायी जाती है, लेकिन आपके बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में सिर्फ 8 लाख की ज्वेलरी के बारे में डिटेल्स है,

इस केस में अगर आपके पास इस अंतर के बारे में कोई वैलिड जवाब नहीं है, तो assessing officer द्धारा इस अंतर के अमाउंट (2,00,000 ) को आपकी इनकम में जोड़ दिया जायेगा।

यह भी देखे :

Unexplained Expenditure (सेक्शन 69C )

यदि किसी फाइनेंसियल ईयर में आपके द्धारा कुछ खर्चे किये जाते है और इन खर्चो के नेचर और सोर्स के बारे में आपके पास कोई वैलिड जवाब नहीं है या आपके जवाब से assessing officer संतुष्ट नहीं है,

तो इन खर्चो के अमाउंट को आपकी इनकम माना जायेगा और उस पर टैक्स लगाया जायेगा।

जैसे – आपने किसी फाइनेंसियल ईयर में कुछ विदेश यात्राएँ की जिसमे आपने काफी ज्यादा पैसे खर्च किया या आपने अपने घर में काफी मंहगी चीजे खरीद रखी है, जो कि आपकी इनकम से काफी ज्यादा की है,

जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इन सबके बारे में पता चलता है और वह आपसे इनके सम्बन्ध में पूछताछ करता है और इस पूछताछ का आप सही से जवाब नहीं दे पाते है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस खर्चे की वैल्यू को आपकी इनकम मान सकता है।

साथ ही इस तरह के खर्चो को आपकी इनकम मानने पर किसी भी हेड में आपको कोई डिडक्शन भी नहीं दी जाएगी।

Amount Borrowed or repaid on hundi ( सेक्शन 69D )

यदि आपके द्धारा अकॉउंट पेयी चेक के अलावा किसी मोड से कोई अमाउंट hundi पर उधार लिया जाता है या इसका repayment किया जाता है, तो इस तरह उधार लिए गए या पेमेंट किये गए अमाउंट को आपकी इनकम माना जायेगा।

हालाँकि, अगर hundi को उधार लेते समय इस अमाउंट को आपकी इनकम माना जाता है, तो पेमेंट के समय वापस से इसे आपकी इनकम नहीं माना जा सकता।

इन सभी ट्रांजेक्शनों (Undisclosed sources of income) पर टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा ?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 115BBE में ऊपर बताये गए सभी ट्रांजेक्शनों पर टैक्स ट्रीटमेंट के बारे में बताया गया है।

इन सभी ट्रांजेक्शनों पर 60 % की फ्लैट रेट से टैक्स लगाया जाता है, साथ ही 25 % सरचार्ज और टैक्स राशि पर 4 % के सेस अमाउंट को जोड़ने के बाद 78 % की इफेक्टिव टैक्स रेट एप्लीकेबल होगी।

इसके अलावा पेमेंट किये जाने वाले टैक्स अमाउंट पर सेक्शन 271AAC में 10 % की पेनल्टी भी लगायी जाएगी।

Other important rules

  1. इस तरह की इनकम पर basic exemption limit या अलाउंस या किसी अन्य तरह के खर्चे की डिडक्शन नहीं दी जाएगी।
  2. इस तरह के ट्रांजेक्शनों से होने वाली इनकम से किसी भी तरह के losses को सेट ऑफ नहीं किया जा सकेगा।

 

यह भी देखे :

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