इनकम टैक्स एक्ट में books of accounts और टैक्स ऑडिट के सम्बन्ध में नियम – section 44AA

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section 44AA

section 44AA -अधिकतर लोगो को अपने बिज़नेस के लिए books of accounts रखने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बिज़नेसमैन इस बारे में में कन्फ्यूज्ड रहते है कि उन्हें इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स रखना जरुरी है या नहीं ?

अगर books of accounts रखना जरुरी है, तो कौन -कौन से रिकार्ड्स अपने बिज़नेस या प्रोफेशन के लिए रखने होंगे। बिज़नेस या प्रोफेशन की ऑडिट के लिए क्या रूल्स होते है ? बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स रखने की आवश्यकता किन केस में नहीं पड़ती।

अगर बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स नहीं रखे जाते तो इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से कितनी पेनल्टी लगायी जा सकती है ?

इन सभी सवालो के बारे में और इनसे जुड़े अन्य प्रावधानों के बारे में हम आज के हमारे आर्टिकल (section 44AA) में जानेंगे।

इस आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले आप यह जान ले कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 44aa में बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स रखने के नियमो के बारे में और सेक्शन 44ab में टैक्स ऑडिट के प्रावधानों के बारे में बताया गया है।

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section 44AA – सेक्शन 44aa क्या है ?

एक बिज़नेसमैन या प्रोफेशनल को इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार कब books of accounts रखनीअनिवार्य होती है यह सब सेक्शन 44AA में बताया गया है।

section 44AA के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जो कि specified profession करता है उसको अपने प्रोफेशन के सम्बन्ध में books of accounts रखना जरुरी होगा, यदि उसका टर्नओवर या ग्रॉस receipts पिछले 3 वर्षों में से सभी वर्षों में 1.5 लाख से अधिक हो जाता है।

इन 3 वर्षों में previous year को छोड़ दिया जायेगा।

जैसे – मान लीजिये आप एक डॉक्टर है और आपका असेसमेंट ईयर 2019 -20 में टर्नओवर है 1,70,000 .पिछले 3 वर्षों में आपका टर्नओवर है –

  1. असेसमेंट ईयर 2018 -19 में 3 लाख
  2. 2017 -18 में 2 लाख
  3. 2016-17 में 1 लाख

अब इस केस में क्या असेसमेंट ईयर 2019-20 में आपको books of accounts रखना जरुरी होगा।

तो इसका जवाब होगा – नहीं।

क्योकि previous year(2019-20) से पहले के 3 वर्षों की बात करे तो असेसमेंट ईयर 2016-17 में आपका टर्नओवर 1.5 लाख से कम है।

जबकि books of accounts रखना तब जरुरी होगा जब पिछले 3 वर्षों में से सभी वर्ष में आपका टर्नओवर 1.5 लाख से अधिक हो।

लेकिन, यदि कोई प्रोफेशन चालू वर्ष (current year) में शुरू किया जा रहा है, तो उसके इस चालू वर्ष में turnover या gross receipts 1.5 से अधिक होने की सम्भावना है , तो books of accounts रखना जरुरी होगा।

यहाँ पर 1.5 लाख टर्नओवर या gross receipts के बारे में बताया गया है न कि प्रॉफिट के बारे में।


Specified profession में शामिल प्रोफेशन – 
  • लीगल
  • मेडिकल
  • इंजीनियरिंग
  • एकाउंटेंसी
  • टेक्नीकल कंसल्टेंसी
  • इंटीरियर डेकोरशन
  • आर्किटेक्चरल
  • authorized रिप्रेजेन्टेटिव – कोई भी इंडिविजुअल जो कि किसी भी कानून के तहत किसी भी अधिकारी के समक्ष उपस्थित होता है। लेकिन वह इंडिविजुअल जिस भी व्यक्ति का authorized representative बन रहा है उसका एम्प्लोयी नहीं होना चाहिये।
  • फिल्म आर्टिस्ट – इसमें एक्टर, डायरेक्टर, producer, म्यूजिक डायरेक्टर, कैमरामैन, सिंगर, एडीटर, डांस कोरियोग्राफर, लिरिसिस्ट,स्क्रीनप्ले, स्टोरी राइटर आदि को शामिल किया गया है।
  • कंपनी सेक्रेटरी

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books of accounts में क्या – क्या रिकार्ड्स शामिल किये जायेगे – 

बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स में वे सभी रिकार्ड्स शामिल किये जाते है जिनसे आपके बिज़नेस या प्रोफेशन के सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके।

अब यह जानकारी चाहे आपके बिज़नेस या प्रोफेशन की इनकम या खर्चों के बारे में हो या किसी भी असेट्स या दायित्व के बारे में या किसी भी इम्पोर्टेन्ट कॉन्ट्रैक्ट के बारे में।

books of accounts के बारे में rule 6F बताया गया है, जिसके अनुसार इसमें शामिल की जायेगी – 
  • कैश बुक – एक कैश बुक जिसमे आपके रोज के कैश पेमेंट और receipts की जानकारी होगी और दिन के अंत में शेष cash की जानकारी होगी। अगर रोज का cash बैलेंस नहीं निकाला जाता है , तो यह महीने के आखिरी में भी निकाला जा सकता है लेकिन एक महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिये।
  • जर्नल (एकाउंटिंग के मर्केंटाइल सिस्टम के अनुसार की गयी हो )
  • लेजर
  • rs 25 से अधिक के आपके द्वारा जारी किये गए बिल या receipts की डुप्लीकेट कॉपी
  • rs 50 से अधिक के खर्चो के ओरिजिनल बिल जो कि आपके द्वारा किये गए हो।
अगर कोई व्यक्ति मेडिकल प्रोफेशन में है तो उसे कुछ अतिरिक्त रिकार्ड्स भी रखने होंगे – 
  • cash रजिस्टर – इसमें रोज आये पेशेंट की डिटेल, दी गयी सर्विसेज, फीस और डेट का विवरण होगा।
  • medicines, ड्रग्स और अन्य जो भी आइटम यूज़ किये जाते है, उनके स्टॉक की डिटेल्स

ये सभी अकाउंट्स रिकार्ड्स बिज़नेस या प्रोफेशन के हेड ऑफिस में रखे जायेंगे।

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अन्य बिज़नेस या प्रोफेशन के लिए बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स रखना कब जरुरी होगा ?

कोई भी पर्सन जो कि बिज़नेस या प्रोफेशन (specified प्रोफेशन को छोड़कर ) करता है, यदि previous year से पहले के 3 असेसमेंट ईयर में किसी भी वर्ष में उसका प्रॉफिट 1 लाख 20 हजार से अधिक होता है या उसका टर्नओवर 10 लाख से अधिक होता है, तो उसे books of accounts मेन्टेन करने होंगे।

यदि कोई नया बिज़नेस या प्रोफेशन (specified प्रोफेशन को छोड़कर ) है तो उसका प्रॉफिट 1,20,000 या टर्नओवर 10 लाख से अधिक रहने की सम्भावना है तो उसे भी books of accounts मेन्टेन करने होंगे।

लेकिन, अगर आप कोई इंडिविजुअल या HUF है, तो आपके ऊपर 1 लाख 20 हजार और 10 लाख की लिमिट एप्लीकेबल नहीं होगी।

इंडिविजुअल या HUF के केस में बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स मेन्टेन करने के लिए प्रॉफिट की लिमिट 2.5 लाख और टर्नओवर की लिमिट 25 लाख की है।

presumptive taxation scheme के सम्बन्ध में रूल्स –

यदि आपने presumptive टैक्सेशन स्कीम को अपना रखा है। इस स्कीम का मतलब यदि आप सेक्शन 44AD या 44ADA या 44AE में रिटर्न भरते है।

यदि आप इन सेक्शन में रिटर्न फाइल करते है, तो आपका प्रॉफिट या टर्नओवर ऊपर बताई गयी लिमिट से अधिक हो जाता है तो भी आपको बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स रखनी जरुरी नहीं होगा।

लेकिन, ये स्कीम अपनाने के बाद आप इन सेक्शन में बताई गयी निर्धारित परसेंटेज से कम प्रॉफिट रिपोर्ट करते है , तो आपको बुक्स रखनी जरुरी होगी। इसके साथ ही टैक्स ऑडिट भी करवानी जरुरी होगी।

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टैक्स ऑडिट कब करवानी होती है ?

यदि आप कोई बिज़नेस या प्रोफेशन करते है, तो निम्न केस में आपके लिए ऑडिट करवानी जरुरी होगी-

  • किसी बिज़नेस की सेल्स, टर्नओवर या total receipts गत वर्ष में 1 करोड़ से अधिक हो, presumptive taxation स्कीम के केस में 2 करोड़ से अधिक होने पर
  • प्रोफेशन के केस में gross receipts 50 लाख से अधिक होने पर,
  • यदि सेक्शन 44ad, 44ada या 44ae में रिटर्न फाइल की जा रही और इन सेक्शन में बताई गयी % से कम प्रॉफिट डिक्लेअर किया जाता है।

इन सभी केस में टैक्स ऑडिट की जायेगी। यह ऑडिट एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा की जाती है। ऑडिट करवाने की लास्ट डेट 30 सितम्बर होती है।

पेनल्टी 

यदि इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से आपको टैक्स ऑडिट करवानी थी और ऑडिट नहीं करवाते हो तो आपके ऊपर पेनल्टी लगायी जायेगी।

यह पेनल्टी सेक्शन 271B में लगायी जायेगी। पेनल्टी की राशि होगी  –

  • सेल्स, टर्नओवर या gross receipts का 0.5 % या
  • 1 लाख 50 हजार

इन दोनों में जो भी राशि कम हो।

books of accounts नहीं मेन्टेन करने पर पेनल्टी – section 44AA 

यदि किसी पर्सन के द्वारा सेक्शन 44AA की requirements पूरी होने के बाद भी बुक्स ऑफ़ अकाउंट्स मेन्टेन नहीं किया जाता, तो उसके सेक्शन 271A में पेनल्टी लगायी जायेगी।

इस सेक्शन में अधिकतम 25 हजार की पेनल्टी लगायी जायेगी।

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