Taxation of voluntary retirement scheme in hindi – voluntary retirement scheme को VRS भी कहा जाता है, जिसका हिंदी में मतलब है स्वैच्छिक सेवानिवृति। यह एक रिटायरमेंट बेनिफिट है जो कि employees को दिया जाता है।
VRS क्या है, ये कब दिया जाता है और क्या वी आर एस पर प्राप्त compensation पर tax लगाया जाता है। इन सभी के बारे में हम आज के आर्टिकल (Taxation of voluntary retirement scheme in hindi) में चर्चा करेंगे।
Table of Contents
VRS क्या है ? what is vrs in hindi –
VRS का मतलब है एक कर्मचारी द्वारा अपनी रिटायरमेंट उम्र आने से पहले स्वैच्छिक रूप से रिटायरमेंट लेना।
Voluntary retirement scheme का ऑप्शन कई परिस्थतियों में दिया जा सकता है। जैसे : कई बार employers अधिक employee होने के कारण या उनकी कंपनी loss में चलने की वजह से employees को VRS का option देते है।
इसके अलावा कर्मचारी अपनी हेल्थ के कारणों की वजह से भी VRS ले सकते है।
जब कर्मचारियों द्वारा vrs लिया जाता है तो कंपनी द्वारा उन्हें कुछ राशि दी जाती है, जो की एम्प्लोयी के समय से पहले रिटायरमेंट लेने का compensation होता है।
Employees को VRS लेने पर मिले compensation को उनकी salary head से इनकम मानी जाती है और यह “Profit in lieu of salary” के under टैक्सेबल होती है।
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कौन – कौन से Employers Voluntary retirement scheme में cover होते है ?
एक कर्मचारी को VRS पर प्राप्त compensation कुछ शर्तो के पूरा होने पर टैक्स फ्री होता है, लेकिन इसके लिए यह जरुरी है कि कर्मचारी को यह compensation निर्धारित employers से ही प्राप्त हो।
ये employers है :-
- Central या State एक्ट के under स्थापित कोई authority,
- Local authority,
- यूनिवर्सिटी,
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT),
- स्टेट गवर्नमेंट,
- सेंट्रल गवर्नमेंट,
- पूरे भारत या किसी state में importance रखने वाला कोई notified इंस्टिट्यूट ( जैसे :- international crops research institute for semi – arid tropics ),
- notified institute of management ( IIM, indian institute of Foreign Trade, new delhi),
- पब्लिक सेक्टर कंपनी,
- कोई भी कंपनी या एक co – operative सोसाइटी।
अगर इन employers के अलावा किसी अन्य से employee को vrs compensation प्राप्त होता है, तो प्राप्त राशि पूरी तरह से टैक्सेबल होगी।
VRS की छूट लेने के लिये आवश्यक शर्ते –
Employee को VRS compensation की इनकम टैक्स में छूट तब ही मिलेगी जब Voluntary retirement scheme नियम 2BA की guidelines के अनुसार हो।
Rule 2BA guidelines –
- यह स्कीम उसी employee पर लागू होगी जिसने 10 वर्ष की service या 40 वर्ष की उम्र complete कर ली हो। ( यह शर्त पब्लिक सेक्टर कंपनी से Voluntary separation लेने वाले एम्प्लोयी पर लागू नहीं होगी )
- कंपनी या co – operative सोसाइटी के डायरेक्टर को छोड़कर यह स्कीम सभी कर्मचारियों पर लागू होगी।
- Voluntary retirement or separation स्कीम से कर्मचारियों की वर्तमान संख्या में कमी आयी हो।
- इस स्कीम में खाली हुए पद वापस से भरे नहीं जाने चाहिये।
- कर्मचारी को service के प्रत्येक complete किये गए वर्ष में 3 महीनो के बराबर प्राप्त सैलरी या कर्मचारी के service में बचे महीनो में प्राप्त होने वाले कुल monthly emoluments, जो भी दोनों में अधिक हो से अधिक VRS compensation प्राप्त नहीं होना चाहिए।
नोट : यहाँ सैलरी का मतलब है कर्मचारी को सबसे last में कितनी सैलरी मिली थी।
Taxation of voluntary retirement scheme in hindi –
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10(10C) में VRS पर प्राप्त compensation की छूट दी जाती है।
VRS में प्राप्त कम्पेन्सेशन की अधिकतम 5 लाख की छूट ली जा सकती है। जैसे – यदि आपको VRS पर प्राप्त राशि 7 लाख है तो सभी कंडीशन पूरा होने पर 5 लाख की टैक्स में छूट मिलेगी और बैलेंस 2 लाख सैलरी हेड में टैक्सेबल होंगे।
इस सेक्शन में किसी एक assessment year में छूट प्राप्त होने पर किसी दूसरे assessment year में इसकी छूट प्राप्त नहीं की जा सकती।
इसके अलावा यदि employee ने Voluntary retirement scheme में प्राप्त compensation पर सेक्शन 89 की relief प्राप्त की है, तो वह सेक्शन 10(10C) में छूट प्राप्त नहीं कर पायेगा।
एम्प्लाइज को कभी – कभी अपनी पूरी लाइफ में एक से अधिक बार VRS प्राप्त होता है, लेकिन एम्प्लोयी सिर्फ एक बार ही इसकी टैक्स Exemption क्लेम कर सकते है।
एम्प्लोयी द्वारा सेक्शन 10(10C) में exemption क्लेम करते समय किन बातों का ध्यान रखना होता है ?
जब भी किसी एम्प्लोयी को उसकी रिटायरमेंट उम्र से पहले रिटायरमेंट दिया जाता है, तो कंपनी द्वारा उस एम्प्लोयी को कंपनसेशन दिया जाता है। इस कंपनसेशन को Voluntary Retirement scheme में दिया गया कंपनसेशन कहा जाता है।
एम्प्लोयी द्धारा इस कंपनसेशन को सबसे पहले अपनी सैलरी इनकम में शामिल किया जायेगा और उसके बाद अगर वह एलिजिबल है, तो उसके द्धारा सेक्शन 10(10C) में exemption क्लेम की जाएगी ।
exemption क्लेम करते समय एम्प्लोयी को इनमे से सबसे कम अमाउंट की exemption दी जायेगी –
- वास्तव में प्राप्त कंपनसेशन
- 5,00,000
- अभी तक जितने completed years की नौकरी की है, उनके 3 महीनो के equivalent सैलरी
- रिटायरमेंट के समय last drawn salary * balance service period
नोट – सैलरी में (बेसिक सैलरी + DA (forming part of retirement benefits ) + टर्नओवर पर फिक्स्ड परसेंटेज कमीशन ) शामिल किया जायेगा।
Example –
Mr. माथुर को 30 वर्ष 4 महीने की सर्विस करने पर 7 लाख का VRS प्राप्त हुआ। अभी Mr माथुर के 6 वर्ष की सर्विस बची हुई है। VRS लेते समय माथुर की बेसिक सैलरी 30,000 और DA 7,000 ( forming part of retirement benefits ) का था। Mr माथुर को मिलने वाले VRS कंपनसेशन पर कितना टैक्स लगाया जायेगा, बिना सेक्शन 89 की रिलीफ क्लेम करे।
Solution –
Compensation Received | 7,00,000 | |
Less – Section 10(10C) exemption | 5,00,000 | |
Taxable VRS Compensation | 2,00,000 | |
exemption calculation ( सबसे कम अमाउंट की छूट दी जाएगी ) | ||
1 | Compensation Received | 700000 |
2 | Maximum Limit | 500000 |
3 | 3 Months’ Salary * completed years of service = (30000 + 7000 ) * 3 * 30 Years | 33,30,000 |
4 | Last Drawn Salary * Remaining Months of Service Left = ( 30000 + 7000) * 6 *12 | 26,64,000 |
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