residential status meaning in hindi – आपके द्वारा किसी देश में कितने समय तक रहा जाता है, के आधार पर आपका रेजिडेंशियल स्टेटस निकाला जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा किसी भी पर्सन पर टैक्स लगाने के लिए सबसे पहले उस पर्सन की भारत में निवास की स्थिति देखी जाती है, जिसे इनकम टैक्स एक्ट में उस पर्सन का रेजिडेंशियल स्टेटस कहा जाता है।
बिना Residential status देखे किसी भी पर्सन का सही टैक्स नहीं निकाला जा सकता। इसलिए इनकम टैक्स की कैलकुलेशन के लिए सबसे पहले रेजिडेंशियल स्टेटस चेक करते है और उसके बाद उसकी टैक्स कैलकुलेशन की प्रोसेस शुरू की जाती है।
Residential status का मतलब है कि कोई पर्सन भारत का निवासी (resident) है या नहीं। अगर वह भारत में निवासी (रेजिडेंट) है, तो उसे ग्लोबल इनकम पर टैक्स देना होगा और अगर वह भारत में निवासी नहीं है (नॉन रेजिडेंट), तो उसे सिर्फ भारत से कमाई गयी इनकम पर ही टैक्स देना होगा।
ध्यान रखे रेजिडेंशियल स्टेटस आपकी नागरिकता के आधार पर नहीं बल्कि आपके उस देश में रहने के दिनों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा यह हर वर्ष चेक किया जाता है। आप किसी वर्ष में रेजिडेंट हो सकते है और किसी वर्ष में नॉन – रेजिडेंट भी रह सकते है, इसके बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे।
आज के आर्टिकल (residential status meaning in hindi )में हम जानेंगे कि कैसे किसी इंडिविजुअल (व्यक्ति) का रेजिडेंशियल स्टेटस देखा जाता है, इसकी शर्ते और कौन- कौन सी इनकम उसके लिए टैक्सेबल होगी।
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Table of Contents
Types of Residential status | रेजिडेंशियल स्टेटस के कितने टाइप्स होते है ?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में टैक्स लगाने के उद्देश्य से एक इंडिविजुअल को अलग – अलग टाइप्स में बांटा गया है , जैसे –
- भारत में निवासी ( Resident ) और
- भारत में अनिवासी (NON- Resident )
यदि कोई Individual (व्यक्ति ) भारत का निवासी है तो इसे आगे 2 पार्ट्स में और बाँटा जाता है –
- Ordinary Resident ( भारत में सामान्य निवासी )
- Not Ordinary Resident ( भारत में सामान्य निवासी नहीं )
अब अगर हम एक व्यक्ति को इनकम टैक्स के purpose से देखे तो हमारे सामने 3 तरह के Types आते है –
- Resident But Ordinary Resident ( भारत में सामान्य निवासी )
- Resident But Not Ordinary Resident ( भारत में सामने निवासी नहीं )
- NON- Resident ( भारत में अनिवासी )
इनमें से किसी भी टाइप्स में आने के लिए एक इंडिविजुअल को अलग -अलग कंडीशंस पूरी करनी पड़ती है, जिसे हम आगे अलग- अलग देखेंगे।
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भारत में रेजिडेंशियल स्टेटस को चेक करने के पूरी की जाने वाली शर्ते –
रेजिडेंशियल स्टेटस चेक करने की सबसे पहली स्टेप होती है, कि हम यह पता लगाए कि कोई व्यक्ति भारत में रेजिडेंट है या नॉन – रेजिडेंट। .
इसके लिए एक व्यक्ति को भारत का निवासी बनने के लिए इन 2 बेसिक शर्तों में से किसी एक बेसिक शर्त को पूरा करना पड़ता है –
- वह व्यक्ति पिछले वर्ष ( Previous year ) में 182 या अधिक दिन भारत में रहा हो।
या
- वह व्यक्ति पिछले वर्ष में 60 या अधिक दिन भारत में रहा हो और पिछले वर्ष से पहले के 4 वर्षो में 365 या अधिक दिनों के लिए भारत में रहा हो।
अगर इन दोनों बेसिक शर्तो में से कोई एक भी बेसिक शर्त पूरी होती है, तो इनकम टैक्स के purpose से वह व्यक्ति भारत में निवासी माना जायेगा।
जैसे – क्रिस गेल आईपीएल खेलने के लिए 1 अप्रैल 2022 को भारत में आता है और 30 जून को वापस चला जाता है। इसके बाद वह 1 अक्टूबर को भारत वापस आता है और 15 फरवरी 2023 को वापस जाता है। इस केस में क्रिस गेल का रेजिडेंशियल स्टेटस चेक करने के लिए उसके भारत में रुकने के दिनों की संख्या देखी जाएगी।
अगर उसके भारत में रुके गए कुल दिनों की संख्या 182 दिनों से ज्यादा है, तो वह भारत में रेजिडेंट माना जायेगा। इस केस में उसके भारत में रुके गए कुल दिन 182 दिनों से ज्यादा है। वह भारत में रेजिडेंट बनने की पहली कंडीशन पूरी कर रहा है, इसलिए वह भारत में रेजिडेंट होगा। रेजिडेंट होने की दूसरी कंडीशन चेक करने की जरुरत नहीं होगी।
दूसरी बेसिक कंडीशन उस केस में चेक की जाती है, जब वह पहली कंडीशन पूरी नहीं कर रहा होता। अगर वह दोनों बेसिक कंडीशन पूरी नहीं कर रहा होता , तो उसे भारत नॉन – रेजिडेंट माना जाता।
इस केस में क्रिस गेल पहली बेसिक कंडीशन पूरी कर रहा है, इसलिए हम आगे एडिशनल कंडीशन और चेक करेंगे, यह पता लगाने के लिए कि क्या वह भारत में सामान्य निवासी है या नहीं।
अब अगर कोई व्यक्ति भारत का निवासी है, तो यह पता करने के लिए कि वह भारत में सामान्य निवासी है या सामान्य निवासी नहीं है, के लिए आगे 2 एडिशनल कंडीशन देखी जाती है, –
- वह व्यक्ति पिछले वर्ष से पहले के 10 वर्षो में कम से कम 2 वर्ष भारत में रेजिडेंट रहा हो ,
और
- वह पिछले वर्ष से पहले के 7 वर्षो में 730 दिन या अधिक भारत में रहा हो।
अब अगर कोई व्यक्ति किसी एक या दोनों बेसिककंडीशन के साथ इन दोनों एडिशनल कंडीशन को भी पूरा कर रहा है, तो वह पर्सन भारत का सामान्य निवासी माना जायेगा।
ऊपर बताये गए केस में अगर क्रिस गेल पहली बार भारत आया होता, तो वह दोनों ही एडिशनल कंडीशन को पूरा नहीं कर रहा है, इसलिए वह भारत में निवासी तो माना जायेगा, लेकिन भारत में सामान्य निवासी नहीं (resident but not ordinarily resident ) माना जायेगा।
लेकिन कोई व्यक्ति जो किसी एक बेसिक कंडीशन को तो पूरा कर रहा हो, लेकिन किसी एक एडिशनल कंडीशन या किसी भी एडिशनल कंडीशन को पूरा नहीं कर रहा हो तो भी वह व्यक्ति भारत का सामान्य निवासी नहीं माना जायेगा।
NON – Resident (अनिवासी ) –
अगर कोई पर्सन एक भी बेसिक condition को पूरा नहीं कर रहा है, तो वह व्यक्ति भारत में अनिवासी माना जायेगा।
बजट 2020 में भारत में निवासी बनने की शर्तों में कुछ परिवर्तन प्रस्तावित किये गए है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति भारत का सिटीजन (नागरिक ) है और वह किसी भी अन्य देश में रेजिडेंट नहीं है तो उस व्यक्ति को भारत में निवासी माना जायेगा।
ऐसा करने से कई भारतीय नागरिक जो कि भारत से बाहर रहते है और भारत में 182 दिन से कम समय के लिए भारत आते है , जिससे वह भारत में निवासी बनने की शर्ते पूरी नहीं कर पाते है और भारत के बाहर भी निवासी नहीं रहते है को बड़ा झटका लगेगा।
क्योकि उनको भारत में निवासी मानने से उनको अपनी सभी तरह की इनकम पर भारत में टैक्स देना होगा , चाहे वह भारत में कमाई गयी हो या नहीं।
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कुछ पर्सन जिनके लिए भारत में निवासी बनने के लिये नियम अलग है ( अपवाद ) –
कुछ ऐसे व्यक्ति भी है जिन पर भारत में निवासी बनने के लिए दूसरी बेसिक condition लागू नहीं होती है , यानि ऐसे व्यक्ति भारत में निवासी तभी माने जायेंगे जब वह पिछले वर्ष में (previous year ) 182 दिन या अधिक के लिए भारत में रहें हो।
ऐसे व्यक्ति है –
- कोई व्यक्ति जो भारत का नागरिक है लेकिन भारत के बाहर रोजगार करने के लिए भारत को छोड़ता है, या
- ऐसा व्यक्ति जो भारत का नागरिक है या indian origin का व्यक्ति है और वह भारत में यात्रा (visit ) के लिए आता है।
इन दोनों case में individual को भारत में निवासी बनने के लिए दूसरी बेसिक कंडीशन का option नहीं दिया जायेगा।
लेकिन, बजट 2020 में ऐसे व्यक्ति जो की भारत में नागरिक है या indian origin के है और ये भारत में यात्रा के लिए आते है तो रेजिडेंशियल स्टेटस की कैलकुलेशन में 182 दिनों की जगह 120 दिनों की लिमिट लागू करने की सिफारिश की गयी थी ।
यह भी जाने क्या एग्रीकल्चरल इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री होती है और नहीं तो इस पर टैक्स कैसे लगाया जाता है।
taxation of income | residential status meaning in hindi
एक individual के लिए कोई इनकम टैक्सेबल है या नहीं, यह उसके residential status के ऊपर depend करती है। नीचे दी गयी टेबल में हम देखेंगे कि कौन सी इनकम किसी individual के लिए टैक्सेबल है और कौन सी टैक्स फ्री।
Particular | Resident but ordinary resident | Resident but not ordinary resident | Non- resident |
भारत में प्राप्त की गयी या प्राप्त की हुई मानी गयी इनकम | Taxable | Taxable | Taxable |
भारत में कमाई गयी गयी या कमाई हुई मानी गयी इनकम | Taxable | Taxable | Taxable |
भारत के बाहर कमाई गयी या कमाई हुई मानी गयी लेकिन ऐसी इनकम की पहली प्राप्ति (first receipts) भारत में हुई | Taxable | Taxable | Taxable |
कोई इनकम भारत के बाहर कमाई गई या कमाई गई मानी गई लेकिन वह बिज़नेस &/or प्रोफेशन भारत में है या control होता है | Taxable | Taxable | Not Taxable |
भारत के बाहर कमाई गयी और भारत के बाहर प्राप्त इनकम | Taxable | Not Taxable | Not Taxable |
ऊपर दी गयी टेबल में आप यह देख सकते हो कि एक व्यक्ति जो कि भारत का साधारण निवासी है और वह भारत में या भारत के बाहर कही भी इनकम कमा रहा है तो उसे उस इनकम पर टैक्स देना ही होगा।
यह भी जाने इनकम टैक्स विभाग से नोटिस क्यों आते है ?
भारत में निवासी बनने के लिए किसी व्यक्ति के भारत में रहने का period कैसे calculate किया जायेगा ?
एक व्यक्ति के भारत में रहने के period की कैलकुलेशन में भारत में उसके द्वारा कुल रहे गए दिनों को जोड़ा जाता है। इसलिए ऐसा जरुरी नहीं है कि वह व्यक्ति भारत में लगातार रहा हो, यदि वह वर्ष में अलग -अलग बार भारत में आता है तो उन सभी दिनों को जोड़ा जायेगा।
इसके अलावा यह भी जरुरी नहीं है कि वह व्यक्ति भारत में किसी एक स्थान पर ही रुके। वह भारत में किसी भी स्थान पर रुक सकता है।
भारत में रुकने के दिनों की कैलकुलेशन में उस व्यक्ति के भारत में आने और जाने के दिनों को भी जोड़ा जायेगा।
other points – (residential status meaning in hindi)
- भारत का नागरिक व भारत का निवासी दोनों अलग – अलग concept है, एक व्यक्ति भारत का नागरिक हो सकता है लेकिन जरुरी नहीं है कि वह भारत का निवासी भी हो। इसी तरह एक विदेशी व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं होता है, लेकिन भारत का निवासी हो सकता है यदि वह भारत में निवासी होने की शर्तो को पूरा कर देता है।
- Residential status प्रत्येक वर्ष के लिए देखा जाता है। इसलिए यह जरुरी नहीं है कि कोई व्यक्ति किसी वर्ष में रेजिडेंट है तो वह अगले वर्ष भी रेजिडेंट ही रहेगा।
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Exactly what I was looking for, regards for posting.
Bahut accha laga sir
Thanks a lot ! SIR
hallo muje achaa laga but income tax guidelines pura hindi mai shar kijiye plz plz
ok thanks hindi speech