जानिए, सीनियर सिटिज़न को मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स के बारे में – income tax benefits for senior citizens

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income tax benefits for senior citizens

income tax benefits for senior citizens – इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार एक सीनियर सिटीजन को काफी तरह के बेनिफिट्स दिए गए है। ये बेनिफिट एक नॉन सीनियर सिटीजन को या तो प्राप्त नहीं होते है या इनकी लिमिट काफी कम होती है।

भारत में सीनियर सिटीजन्स को टैक्स के अनावश्यक बोझ, मेडिकल सुविधाओं और टैक्स के कंप्लायंस से बचाने के लिए इस तरह के बेनिफिट्स दिए जाते है। इसलिए जब भी गवर्नमेंट बजट बनाती है तो उसमे सीनियर सिटीजन्स के लिए कुछ नए तरह के बेनिफिट्स जोड़ती है और पुरानो को कुछ और बेहतर बनाती है।

आज के आर्टिकल (income tax benefits for senior citizens) में हम सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाले इम्पोर्टेन्ट बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करेंगे।

सीनियर सिटीजन VS सुपर सीनियर सिटीजन – (income tax benefits for senior citizens)

इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाले बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करने से पहले इनकी डेफिनेशन जानना बहुत जरुरी है।

सीनियर सिटीजन 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो लेकिन 80 वर्ष से कम है, तो ऐसे व्यक्ति को सीनियर सिटीजन कहा जाता है।

सुपर सीनियर सिटीजन 

कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 80 वर्ष से अधिक है, उसे इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार Super Senior Citizen कहा जाता है।

सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन में अंतर को जानने के बाद इनको मिलने वाले बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करेंगे।

स्लैब रेट बेनिफिट्स – slab rate 

Senior Citizen को मिलने वाले सबसे पहले बेनिफिट में है, स्लैब रेट बेनिफिट

एक नॉन सीनियर सिटीजन की इनकम टैक्सेबल नहीं होगी, यदि उसकी एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम 2 लाख 50 हजार से कम है, लेकिन इस केस में एक सीनियर सिटीजन को 50 हजार की एडिशनल छूट दी जाती है।

इसका मतलब हुआ कि एक सीनियर सिटीजन के ऊपर 3 लाख की basic exemption limit एप्लीकेबल होगी। यानि कि एक फाइनेंसियल ईयर में Senior Citizen की कुल इनकम 3 लाख से कम है, तो उसे इनकम टैक्स का पेमेंट नहीं करना होगा।

Super Senior Citizen के केस में यह लिमिट 5 लाख की होती है।

मेडिकल insurance प्रीमियम का फायदा 

एक सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80D में मेडिकल इन्शुरन्स प्रीमियम की छूट दी जाती है।

सेक्शन 80 D में एक नॉन सीनियर सिटीजन को खुद के मेडिकल insurance प्रीमियम की 25,000 तक की छूट दी जाती है और अपने पेरेंट्स के लिए करवाए गए medical insurance premium की 25000 की छूट दी जाती है, यानि कि कुल 50,000 की छूट क्लेम की जा सकती है।

लेकिन, यदि नॉन सीनियर सिटीजन के पेरेंट्स senior citizen है, तो उनके मेडिकल इन्शुरन्स प्रीमियम की 50,000 तक की डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। यानि इस केस में कुल 75000 ( 25,000 खुद और 50,000 पेरेंट्स ) की डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।

इसी तरह यदि एक सीनियर सिटीजन द्धारा खुद के मेडिकल insurance premium का पेमेंट किया जाता है, तो 50,000 और अपने पेरेंट्स के प्रीमियम का पेमेंट भी किया जाता है, तो एडिशनल 50,000 की डिडक्शन सेक्शन 80D में क्लेम की जा सकती है, यानि कि कुल 1 लाख की डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।

एडवांस टैक्स बेनिफिट्स – (income tax benefits for senior citizens)

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार यदि किसी पर्सन की इनकम टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से अधिक है, तो उसे एडवांस टैक्स जमा करवाना अनिवार्य होगा, अन्यथा उस पर इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जाएगी।

लेकिन, सीनियर सिटीजन को एडवांस टैक्स जमा करवाने से मुक्त किया गया है, अगर एक कंडीशन पूरी होती है तो।

वह कंडीशन है कि सीनियर सिटीजन की बिज़नेस & प्रोफेशन हेड में कोई इनकम नहीं होनी चाहिए।

इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी senior citizen की टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से अधिक है और उसकी बिज़नेस & प्रोफेशन हेड को छोड़कर सभी हेड्स से इनकम है, तो उसे एडवांस टैक्स जमा करवाने की कोई जरुरत नहीं है।

सेविंग बैंक अकॉउंट इंटरेस्ट डिडक्शन बेनिफिट – 

सेविंग बैंक अकाउंट का इंटरेस्ट ” income from other source ” हेड में टैक्सेबल होता है, लेकिन इसकी डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।

एक Non Senior Citizen को सेविंग बैंक अकाउंट इंटरेस्ट की सेक्शन 80TTA में छूट दी जाती है और Senior Citizen को सेक्शन 80TTB में छूट दी जाती है।

लेकिन, सेक्शन 80TTA में नॉन सीनियर सिटीजन द्धारा 10 हजार के इंटरेस्ट की ही छूट ली जा सकती है और सीनियर सिटीजन द्धारा section 80TTB में 50 हजार के इंटरेस्ट की छूट क्लेम की जा सकती है।

यानि की 40 हजार के इंटरेस्ट की senior citizen द्धारा अतिरिक्त डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।

ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न – 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार सभी पर्सन को इनकम टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन फाइल करना अनिवार्य है, लेकिन सीनियर सिटीजन को इसमें छूट दी गयी है।

हालाँकि, senior citizen द्धारा ITR 1 और ITR 4 ही ऑफलाइन (पेपर मोड में )फाइल की जा सकती है और कोई ITR नहीं।

फिक्स्ड डिपाजिट पर टीडीएस लिमिट 

यदि,  आपने बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई फिक्स्ड डिपाजिट करवा रखी है और उसका इंटरेस्ट एक फाइनेंसियल ईयर में 40 हजार से अधिक है, तो बैंक या पोस्ट ऑफिस द्धारा इस इंटरेस्ट अमाउंट पर 10 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

लेकिन, इस केस में यदि आप सीनियर सिटीजन है, तो आपके लिए टीडीएस काटने की लिमिट 50 हजार की एप्लीकेबल होगी। यानि सीनियर सिटीजन होने पर आपको 10 हजार की अतिरिक्त लिमिट प्राप्त होगी।

 

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