what is tan number – टैन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है, जिसकी जरुरत उन सभी पर्सन को पड़ती है जो कि टीडीएस काटने के लिए उत्तरदायी है।
इनकम टैक्स एक्ट में कुछ ऐसे खर्चे बताये गए है, जिनका भुगतान करने से पहले किसी भी पर्सन को उस पर पहले टीडीएस काटना होगा और बाद में उन खर्चो का पेमेंट करना होगा।
लेकिन, टीडीएस काटने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में एक शर्त रख दी गयी। यह शर्त थी कि जो भी पर्सन टीडीएस काटेगा उसे पहले TAN NUMBER लेने होंगे। TAN NUMBER लेने के बाद ही वह पर्सन किसी भी पर्सन का टीडीएस काट सकेगा।
हालाँकि कुछ ऐसे खर्चे भी है जिन पर टीडीएस काटने के लिए टैन नंबर लेने की अनिवार्यता नहीं है, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
आज के आर्टिकल (what is tan number) में हम टैन नंबर से जुडी कुछ इम्पोर्टेन्ट बातों के बारे में चर्चा करेंगे।
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टैन नंबर क्या है ? what is tan number ?
टैन का फुल फॉर्म है “TAX DEDUCTION & COLLECTION ACCOUNT NUMBER “. यह 10 अक्षरों कि अल्फा न्यूमेरिक संख्या होती है। यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया जाता है। टैन की जानकारी आपको सभी टीडीएस स्टेटमेंट्स, टीडीएस चालान, टीडीएस सर्टिफिकेट्स आदि में देनी होती है।
टैन नंबर के पहले 4 वर्ड्सअल्फाबेट्स होते है , इसके आगे के 5 नंबर न्यूमेरिक और आखिरी का करैक्टर अल्फा बेट होता है, जैसे – AHMC 28734 G .
इसमें पहले तीन अल्फा बेटस randomly सलेक्ट किये जाते है, जबकि 4 अल्फा बेट एप्लिकेंट के नाम को दर्शाता है। जैसे – abc ltd. ने टैन नंबर के लिए अप्लाई किया है तो 4th अल्फाबेट A होगा।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 203 A के अनुसार जो भी पर्सन टीडीएस काटने या टीसीएस कलेक्ट करने के लिए उत्तरदायी है, उसे TAN के लिए अप्लाई करना होगा।
किसी भी पर्सन द्वारा टैन नंबर लेने के बाद उसे अपनी टीडीएस रिटर्न्स, टीडीएस पेमेंट्स या टीडीएस के सम्बन्ध में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से किसी भी कम्युनिकेशन में दिखाना होगा। ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी लगायी जायेगी।
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TAN NUMBER लेने के लिए किसे अप्लाई करना जरुरी होगा ? Who must apply for tan
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार जो भी पर्सन टीडीएस काटने या टीसीएस कलेक्ट करने के लिए liable है, उसे टैन के लिए अप्लाई करना जरुरी होगा।
हालाँकि कुछ पर्सन जो कि किसी specified खर्चे के सम्बन्ध में टीडीएस काटते है, उन्हें TAN NUMBER लेने की अनिवार्यता से मुक्त किया गया है। यानि कि किसी specified खर्चे का पेमेंट करने वाले पर्सन बिना टैन लिए टीडीएस काट सकते है।
ऐसे खर्चे है (persons not required for tan )-
- सेक्शन 194IA – यदि कोई पर्सन जो 50 लाख से अधिक की प्रॉपर्टी खरीदता है, तो उसे इस पर टीडीएस काटना होगा। लेकिन इसके लिए उसे टैन नंबर के लिए अप्लाई नहीं करना होगा। सिर्फ पैन के द्वारा ही वह इस सेक्शन में टीडीएस काट सकता है। इस सेक्शन के बारे में अधिक जानने के लिए क्या किसी प्रॉपर्टी को खरीदने पर भी टीडीएस काटा जायेगा ? देखे
- सेक्शन 194IB – ऐसा इंडिविजुअल या HUF जिसकी टैक्स ऑडिट नहीं होनी हो, अगर वह एक महीने में 50 हजार से अधिक के रेंट का पेमेंट करता है, तो उसे इस पर टीडीएस काटना होगा। इस सेक्शन में भी टीडीएस काटने के लिए टैन नंबर लेने की आवश्यकता नहीं है।
- सेक्शन 194M में टीडीएस काटने के केस में। इस सेक्शन में ब्रोकरेज या प्रोफेशनल फीस के पेमेंट पर टीडीएस काटा जाता है।
इन दो तरह के खर्चो पर टीडीएस काटने के लिए TAN लेने की जरुरत नहीं है। हालाँकि tds deduct करने के लिए पैन कार्ड आपके पास होना चाहिये।
लेकिन जहाँ आपको टैन लेने अनिवार्य है वहां पर आप पैन से काम नहीं चला सकते।
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टैन नंबर लेने के लिए कौन अप्लाई कर सकता है ? who can aaply for tan number
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार निम्न पर्सन टैन नंबर के लिए आवेदन कर सकते है –
- इंडिविजुअल,
- hindu undivided family (HUF ),
- कंपनी,
- फर्म्स,
- ट्रस्ट,
- सेंट्रल या स्टेट गवर्नमेंट या लोकल अथॉरिटी
- एसोसिएशन ऑफ़ पर्सन (AOP)
how to apply for tan number ? टैन नंबर के लिए अप्लाई कैसे करे ?
टैन नंबर लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है –
टैन के लिए ऑनलाइन आवेदन – ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको NSDL वेबसाइट पर जाना होगा। इसके बाद फॉर्म 49B भरना होगा और इसे सबमिट करना होगा। सबमिट करने के बाद एप्लीकेबल फीस का भुगतान करना होगा, जो कि डिमांड ड्राफ्ट, चेक, क्रेडिट या डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के द्वारा किया जायेगा।
टैन के लिए ऑफलाइन आवेदन – टैन नंबर के लिए ऑफलाइन भी आवेदन किया जा सकता है, इसके लिए आपको ऑफलाइन फॉर्म 49B भरना होगा। इसके बाद इसे किसी भी tax information network facilitation centre पर जमा करवाना होगा।
ऑफलाइन form 49B जमा करवाने के लिए इसके साथ कोई भी डॉक्यूमेंट जमा नहीं करवाए जाते है। लेकिन यदि ऑनलाइन फॉर्म भरा जा रहा है, तो generate हुआ acknowledgment को NSDL के एड्रेस पर भेजा जायेगा।
क्या टीडीएस और टीसीएस के लिए अलग -अलग टैन नंबर की अनिवार्यता है ?
एक बार लिया गया tan number टीडीएस काटने और टीसीएस कलेक्ट करने, दोनों के काम आ सकता है।
टीडीएस काटने और टीसीएस कलेक्ट करने के लिए सिर्फ एक ही टैन नंबर जरुरी होता है। साथ ही अगर कोई पर्सन अलग -अलग खर्चो (जैसे – कमीशन, सैलरी, इंटरेस्ट etc .) पर टीडीएस काटता है, तो भी उसे अलग -अलग tan number की आवश्यकता नहीं पड़ती।
tan number को कहाँ पर काम में लिया जा सकता है ?
टैन नंबर को निम्न डाक्यूमेंट्स में दिखाना जरुरी होता है –
- tds/tcs returns,
- टीडीएस चालान
- टीडीएस सर्टिफिकेट्स
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ होने वाले किसी प्रकार के कम्युनिकेशन में
- फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन की रिपोर्टिंग में
यह भी देखे –
- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्यों करता है आपके खातों की जाँच।
- अगर आप करते है ये ट्रांजैक्शन तो आपके पास भी आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस।
क्या टैन नंबर नहीं होने पर पेनल्टी लगायी जा सकती है ?
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 203A में टैन नंबर की अनिवार्यता के बारे में बताया गया है। यदि जहाँ tan number लेना जरुरी था वहां आपने इसको नहीं लिया तो निश्चित रूप से आप पेनल्टी के लिए दायी होंगे।
इनकम टैक्स एक्ट के section 272BB में टैन नंबर की पेनल्टी के बारे में बताया गया है ,जिसके अनुसार यदि आप tan number नहीं लेते है या किसी डॉक्यूमेंट में गलत tan number रिपोर्ट करते है , तो आप पर rs 10,000 की पेनल्टी लगायी जायेगी।
यहाँ सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यह कि कोई पर्सन एक से अधिक टैन नंबर नहीं ले सकता है। लेकिन, अलग -अलग ब्रांच या डिवीज़न होने पर अलग tan के लिए अप्लाई कर सकता है।
FAQ for TAN number in hindi
Q – टैन लेना किनके लिए अनिवार्य होता है ?
A – टैन लेना उन सभी पर्सन को अनिवार्य होता है, जिनको इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार टीडीएस काटना अनिवार्य होता है। इस बाद से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आपका स्टेटस इंडिविजुअल, कंपनी या फर्म का है। अगर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार आपको टीडीएस काटना है, तो टैन लेना अनिवार्य होगा। हालाँकि, कुछ पेमेंट्स में आप टैन की जगह पैन से भी काम चला सकते है।
Q – इनकम टैक्स एक्ट 1961 में टैन के सम्बन्ध में क्या पेनल्टी बताई गयी है ?
A – अगर कोई पर्सन टैन नहीं लेता है, तो उस पर 10 हजार की पेनल्टी लगायी जाएगी। इसके अलावा अगर कोई पर्सन अपने टैन का उल्लेख टीडीएस रिटर्न्स, टीडीएस सर्टिफिकेट्स , टीडीएस चालान या ने दस्तावेजों में नहीं करता है या गलत टैन देता है, तो उस पर्सन पर भी 10 हजार की पेनल्टी लगायी जाएगी।
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Q – क्या अलग -अलग टाइप्स के पेमेंट पर टीडीएस काटने के लिए एक से अधिक टैन की आवश्यकता होती है ?
A – नहीं, आपके द्वारा किसी भी तरह के पेमेंट पर टीडीएस काटने के लिए सिर्फ एक ही टैन नंबर लेना होता है। एक TAN number से आप किसी भी तरह के पेमेंट पर टीडीएस काट सकते है। ध्यान रहे एक से ज्यादा टैन नंबर रखना गैर – कानूनी होता है।
Q – क्या टैन की जगह पैन काम में लिया जा सकता है ?
A – नहीं, टैन की जगह आप पैन काम में नहीं ले सकते है ( कुछ केसज को छोड़कर ) | ध्यान रखे पैन और टैन दोनों अलग -अलग उद्देश्य के लिए जारी किये जाते है। जहाँ टैन का उपयोग टीडीएस काटने के लिए किया जाता है, वहीं पैन का यूज़ फाइनेंसियल ट्रान्जेक्शनो में किया जाता है।
यह थी टैन नंबर के सम्बन्ध में जानकारी। अगर आपको हमारा आर्टिकल (what is tan number) अच्छा लगा हो तो इसे आगे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे।
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- set off and carry forward of losses in hindi
- Presumptive Taxation Scheme क्या होती है और कैसे इनसे टैक्स बचाये
- depreciation क्या है, किसको छूट मिलती है, रेट्स और अन्य नियम क्या होते है ?
- नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना से इनकम टैक्स कैसे और कितना बचा सकते है ?
- income tax rebate rules under section 87A
sir agar ham kisi freight ke billty par lage pan number par TDS katate hai to ham kaise janenge ki
is billty par TDS kata ja sakta hai iske bare me ham kitne din se puchhna chahte the
freight के पेमेंट पर आप सेक्शन 194C में टीडीएस काट सकते है, लेकिन freight का पेमेंट 30 हजार से अधिक होना चाहिये। यदि आपका सिंगल पेमेंट 30 हजार से कम है , लेकिन एक वर्ष में किसी कांट्रेक्टर को 1 लाख से अधिक पेमेंट करते है, तो आपको टीडीएस काटना होगा।