क्या गुड्स को खरीदने पर भी टीडीएस रूल्स लागू होते है। tds on purchase of goods section 194Q

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tds on purchase of goods section 194Q
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tds on purchase of goods section 194Q –  फाइनेंस एक्ट 2021 में सरकार द्वारा गुड्स (माल ) की खरीद पर टैक्स काटने के संबंध में प्रावधान लाये गए । इन प्रावधानों के अनुसार अगर कोई क्रेता किसी विक्रेता से एक निर्धारित लिमिट से ज्यादा के गुड्स खरीदता है, तो क्रेता (buyer) को इस ट्रांजेक्शन पर टैक्स काटना होगा (सेक्शन 194Q ) |

हालांकि, सरकार ने इससे पहले गुड्स की बिक्री पर विक्रेता (seller) द्वारा टीसीएस कलेक्ट करने के प्रावधान भी लागू किये थे, जो कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 206C(1H) में बताये गए है ।

इसका मतलब यह हुआ कि माल की खरीद पर टीडीएस और माल की बिक्री पर टीसीएस, दोनों तरह के प्रावधान लागू होंगे ।

तो क्या माल की खरीद और माल की बिक्री के एक ही ट्रांजेक्शन पर 2 बार टैक्स लगाया जा सकता है ? 

या माल की खरीद के ट्रांजेक्शन किस तरीके से टीडीएस और टीसीएस के लिए माल (गुड्स) की बिक्री के ट्रांजेक्शनों से अलग किये जायेंगे ।

इन सभी रूल्स के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे। 

गुड्स की खरीद पर टीडीएस कब काटा जाएगा | tds on purchase of goods section 194Q

गुड्स की ख़रीद पर टैक्स कटौती करने के संबंध में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें सभी खरीदारों को टीडीएस नही काटना होगा । सिर्फ एक निर्धारित लिमिट से ज्यादा के टर्नओवर वाले पर्सन ही सेक्शन 194Q में टैक्स काटने के लिए जिम्मेदार है ।

निर्धारित टर्नओवर लिमिट क्या है ? 

सेक्शन 194Q में टैक्स सिर्फ ऐसे गुड्स के खरीददार द्वारा काटा जाएगा, जिसका पिछले फाइनेंसियल ईयर में टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा का है । 

यानी कि जिस वर्ष में आप कोई गुड्स खरीद रहे है, उसमें आपका टर्नओवर क्या है, से कोई मतलब नही है ।

जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2021-22 में आपने अगस्त 2021 में 70 लाख के गुड्स खरीदे । इस केस में आपको टैक्स काटना है या नही, यह डिपेंड करता है कि आपका पिछले फाइनेंसियल ईयर 2020-21 में टर्नओवर कितना था । अगर 2020-21 में आपका टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा का था, तो आपको सेक्शन 194Q में टैक्स काटना होगा अन्यथा नही ।

ध्यान रखे – टर्नओवर की कैलकुलेशन में टैक्सपेयर की दूसरी इनकम को शामिल नही किया जाता है ।

क्या बिज़नेस के पहले वर्ष में भी सेक्शन 194Q में टैक्स काटना पड़ सकता है ? 

सेक्शन 194Q में टैक्स काटने की पहली शर्त ही यही है कि आपका पिछले वर्ष में टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा का होना चाहिए । अब जिस पर्सन का बिज़नेस का पहला वर्ष हो उसके केस में पिछले वर्ष का टर्नओवर तो कुछ होगा नही, इसलिये उस पर सेक्शन 194Q एप्लीकेबल नही होगा ।

 यह भी देखे –

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सेक्शन 194Q में टीडीएस कितने माल की खरीद पर काटा जाएगा ? 

अगर कोई पर्सन 50 लाख से ज्यादा के गुड्स खरीदता है, तो उस पर्सन (क्रेता) को 0.1% की रेट से सेक्शन 194Q में टैक्स काटना होगा ।

ध्यान रखे – टैक्स सिर्फ 50 लाख से ज्यादा के अमाउंट पर काटा जाएगा ।

जैसे – आपने एक फाइनेंसियल ईयर में 75 लाख के गुड्स खरीदे, तो इस केस में आपको सिर्फ 50 लाख से ज्यादा के अमाउंट यानी 25 लाख पर 0.1% की रेट से टैक्स काटना होगा ।

सेक्शन 194Q में टैक्स काटने की शर्तें – 

  •  विक्रेता आयकर प्रावधानों के अनुसार भारत मे रेजिडेंट होना चाहिए ।
  • गुड्स खरीदने की लिमिट फाइनेंसियल ईयर वाइज देखी जाएगी, न कि एक बार मे पेमेंट के आधार पर , जैसे – क्रेता ने साल में 3 बार 20 लाख, 30 लाख और 10 लाख का माल खरीदा, तो इस केस में कुल 60 लाख का माल खरीदा, इसलिए सेक्शन 194Q एप्लीकेबल होगा ।
  • सेलर के अकॉउंट को क्रेडिट या गुड्स का पेमेंट, जो भी इवेंट पहले हो, उस समय टीडीएस काटा जाएगा ।
  • खरीददार का टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा का होना चाहिए ।
  • अगर किसी दूसरे सेक्शन में इस ट्रांजेक्शन पर टैक्स काटा जा चुका है, तो सेक्शन 194Q में टैक्स नही काटा जाएगा।
  • इसी तरह अगर सेलर द्वारा सेक्शन 206C(1H) में इस ट्रांजेक्शन पर टैक्स कलेक्ट किया जा चुका है, तो सेक्शन 194Q में इस ट्रांजेक्शन पर वापस से टैक्स नही काटा जाएगा ।

क्या माल खरीददार के नॉन – रेजिडेंट होने पर भी सेक्शन 194Q में टैक्स काटा जाएगा ?

अगर कोई नॉन रेजिडेंट भारत के किसी निवासी से 50 लाख से ज्यादा का माल खरीदता है, तो नॉन रेजिडेंट पर सेक्शन 194Q एप्लीकेबल नही होगा । इसका मतलब यह है कि सेक्शन 194Q नॉन रेजिडेंट खरीददार पर एप्लीकेबल नही होता है ।

सेक्शन 194Q में किस तरह के ट्रांजेक्शनों पर टैक्स नही काटा जाएगा ?

सेक्शन 194Q फाइनेंस एक्ट 2021 में लाया गया, जिसको 1 जुलाई 2021 से सभी पर्सन पर लागू किया गया था । सेक्शन 194Q के लागू होने के बाद इसकी ऍप्लिकेबिलिटी पर लोगों में काफी असमंजस था, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (cbdt) ने इसके संबंध में गाइडलाइन्स जारी की ।

इन गाइडलाइन्स के अनुसार सेक्शन 194Q कुछ केसेज में लागू नही होगा, जैसे – 

  • किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सिक्योरिटीज और कमोडिटी में किये जाने वाले ट्रांजेक्शनो पर ।
  • रजिस्टर्ड पावर एक्सचेंज में इलेक्ट्रिसिटी, रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट, एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट के लिए ट्रांजेक्शन ।

फाइनेंसियल ईयर 2021-22 के लिए सेक्शन 194Q में टीडीएस काटने के लिए थ्रेसहोल्ड लिमिट 

सेक्शन 194Q 1 जुलाई 2021 से लागू किया गया था, यानी कि 1 अप्रैल से 30 जून 2021 तक के ट्रांजेक्शनों पर सेक्शन 194Q में टैक्स नही काटा जा सकता ।

लेकिन, सेक्शन 194Q की 50 लाख की लिमिट कैलकुलेशन पूरे वर्ष के ट्रांजेक्शनों के आधार पर की जाएगी, जिसमे 1 अप्रैल 2021 से 30 जून 2021 का पीरियड भी शामिल किया जाएगा ।

जैसे – किसी रिटेलर ने होलसेलर से 20 अप्रैल को 30 लाख का माल खरीदा और 10 अगस्त को 40 लाख का माल खरीदा, तो इस केस में रिटेलर ने कुल 70 लाख का माल खरीदा है, इसलिए दूसरे ट्रांजेक्शन के समय रिटेलर द्वारा 70 लाख – 50 लाख = 20 लाख पर टैक्स काटा जाएगा ।

इसी तरह का कोई दूसरा उदाहरण देखते है, जिसमे आपने 55 लाख का माल 15 मई 2021 को खरीदा । सेक्शन 194Q 1 जुलाई से अस्तित्व में आया था, इसलिए इस ट्रांजेक्शन पर सेक्शन 194Q में टैक्स नही कटेगा ।

लेकिन अगर 1 जुलाई बाद आपके द्वारा और माल खरीदा जाता है, तो सेक्शन 194Q में आपको टैक्स काटना होगा ।

क्या सेक्शन 194Q में टैक्स काटा जाएगा, अगर गुड्स के सेलर की इनकम “exempt” है ?

अगर गुड्स के सेलर की इनकम टैक्स से exempt है, तो गुड्स के खरीददार द्वारा सेक्शन 194Q में टैक्स नही काटा जाएगा । सेलर की इनकम सेक्शन 10 या पार्लियामेंट द्वारा पारित किए गए एक्ट ( RBI एक्ट या ADB एक्ट etc. ) के अनुसार Exempt हो सकती है ।

लेकिन, यह रूल एप्लीकेबल नही होगा, अगर सेलर की सिर्फ पार्टली इनकम ही “exempt” है ।

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सेक्शन 194Q में टैक्स कटौती के समय जीएसटी या माल वापसी का ट्रीटमेंट कैसे किया जाएगा ?

जब गुड्स के खरीददार द्वारा किसी भी तरह के माल का पेमेंट किया जाता है और इसमे जीएसटी की राशि अलग से मेंशन है, तो क्रेता द्वारा जीएसटी की राशि को छोड़कर बाकी अमाउंट पर टैक्स काटा जाएगा ।

जैसे – 30 लाख के इनवॉइस में 2 लाख का जीएसटी अमाउंट अलग से मेंशन है, तो सिर्फ 28 लाख के पेमेंट पर ही टैक्स काटा जाएगा ।

लेकिन, अगर टैक्स पेमेंट बेसिस पर काटा जा रहा है, यानी की सेलर के अकॉउंट को क्रेडिट करने से पहले, तो टैक्स पूरी राशि पर काटा जाएगा, क्योकि भविष्य में बनने वाले इनवॉइस पर जीएसटी का कंपोनेंट कितना होगा, इसका अंदाजा लगाना कठिन हों सकता है ।

माल वापसी (purchase return) के केस में ट्रीटमेंट –

सेक्शन 194Q में पेमेंट या क्रेडिट, जो भी पहले हो, टैक्स काटना अनिवार्य होता है । इसलिए जो भी गुड्स वापस किये जा रहे है, उन पर पहले ही टैक्स काट लिए गया होता है । 

इस केस में CBDT द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स के अनुसार माल वापसी के केस में क्रेता द्वारा टीडीएस के संबंध में कुछ भी एडजस्टमेंट नही किया जाएगा, बल्कि टीडीएस की राशि को समान विक्रेता को अगले पेमेंट के समय एडजस्ट किया जा सकता है ।

इसी तरह जब माल वापसी में विक्रेता द्वारा माल को दूसरे माल से रिप्लेस कर दिया जाता है, तो सेक्शन 194Q में पुराने माल पर काटे गए टैक्स को भी नए माल से एडजस्ट कर लिया जाएगा । इसलिये इस केस में भी क्रेता को टीडीएस राशि के संबंध में एडजस्टमेन्ट की जरूरत नही होगी ।

 CBDT guidelines for section 194Q of income tax act – डाउनलोड करे 

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