सरकार द्धारा किसी की जमींन का Compulsory Acquisition करने के केस में टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा ?

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compulsory acquisition of urban agriculture land

compulsory acquisition of urban agriculture land – सरकार को किसी भी पर्सन की जमींन पर समाज के हित में कब्ज़ा करने का हक़ होता है, चाहे उस पर्सन की इच्छा हो या नहीं।

इसके बदले में सरकार द्वारा उस पर्सन को कंपनसेशन दिया जाता है, जिसकी जमींन पर सरकार द्वारा कब्ज़ा किया जाता है, इसी प्रोसेस को ” compulsory acquisition of land ” कहा जाता है।

सरकार द्वारा किसी दूसरे पर्सन की जमींन पर कब्ज़ा करने के काफी कारण हो सकते है, जैसे – हाईवे का निर्माण, स्कूल, हॉस्पिटल या एयरपोर्ट बनाने के लिए, पब्लिक पार्क, स्पोर्ट्स academy या डिफेन्स सेवाओं के लिए आदि।

जब भी सरकार द्धारा किसी की जमींन को ” compulsory acquire ” किया जाता है, तो उसके बदले में उसे कंपनसेशन ( प्रतिफल ) दिया जाता है, तो सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि क्या इस तरह प्राप्त कंपनसेशन पर इनकम टैक्स लगाया जायेगा ?

अगर इस तरह के ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगाया जाता है, तो इसकी कैलकुलेशन क्या होगी और अगर टैक्स नहीं लगाया जाता है तो किन कंडीशंस के पूरा होने पर टैक्स नहीं लगाया जायेगा।

इन सभी बातों के बारे में हम आज के आर्टिकल (compulsory acquisition of urban agriculture land ) में चर्चा करेंगे।

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Taxation of compulsory acquisition of land – सरकार द्वारा अनिवार्य अधिग्रहण की गयी जमींन पर टैक्स कैसे लगाया जायेगा ?

जब भी सरकार द्वारा किसी जमींन को compulsory acquire किया जाता है, तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 में इसे 2 तरीके से देखा जाता है।

  • क्या compulsory acquire की गयी प्रॉपर्टी एग्रीकल्चर जमींन थी और अगर यह agricultural land थी, तो क्या यह जमींन ग्रामीण क्षेत्र में थी या शहरी क्षेत्र में ?
  • क्या यह agricultural land नहीं थी ?

सरकार द्धारा ली गयी प्रॉपर्टी अगर agricultural land नहीं थी, तो इस पर इनकम टैक्स लगाया जायेगा और इस पर कैपिटल गेन हेड में टैक्स लगेगा, जो कि शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हो सकता है।

और अगर यह एग्रीकल्चरल लैंड है व ग्रामीण क्षेत्र में है, तो इस तरह की प्रॉपर्टी के compulsory acquisition पर प्राप्त कंपनसेशन पर कोई टैक्स नहीं लगाया जायेगा।

लेकिन, अगर agricultural land शहरी क्षेत्र में है, तो उस पर्सन द्वारा कुछ कंडीशंस पूरी की जाती है, तो ही प्राप्त कंपनसेशन की इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10(37) में छूट क्लेम की जा सकती है।

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1 जनवरी 2014 में  ” Right to fair compensation and transparency in land acquisition, rehabilitation and ressetlement act, 2013 ( rfctlaar 2013) “

लागू होने के बाद किसी भी प्रॉपर्टी के compulsory acquisition पर प्राप्त कंपनसेशन पर टैक्स नहीं लगाया जायेगा, का प्रावधान इस एक्ट में किया गया। लेकिन, इनकम टैक्स एक्ट में अभी तक इस तरह का कोई प्रावधान नहीं जोड़ा गया, जो कि सभी तरह की प्रॉपर्टीज के compulsory acquisition पर प्राप्त कंपनसेशन को टैक्स फ्री करे।

इस एक्ट के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए CBDT ने भी सर्कुलर जारी किया, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया।

CBDT के सर्कुलर को यहाँ देखे – CBDT सर्कुलर 

यह भी देखे  –

शहरी क्षेत्र में स्थित agricultural land के अनिवार्य अधिग्रहण पर मिलने वाली टैक्स exemption – compulsory acquisition of urban agriculture land { सेक्शन 10(37)}

अगर किसी किसान की शहरी क्षेत्र में स्थित कृषि की जमींन को सरकार द्वारा compulsory acquire किया जाता है, तो सरकार द्धारा प्राप्त कंपनसेशन कुछ शर्तो के पूरा होने पर टैक्स से exempt हो सकता है।

ये शर्ते है –

  • शहरी एग्रीकल्चरल लैंड सिर्फ इंडिविजुअल या HUF की होनी चाहिए, कंपनी फर्म या LLP के मामले में इसकी छूट नहीं दी जाएगी।
  • जिस डेट को यह Agricultural Land सरकार को ट्रांसफर की गयी है, उस डेट से पहले के 2 वर्षो में यह जमीन इंडिविजुअल या उसके पेरेंट्स या HUF द्वारा कृषि के कार्यों में काम में ली जा रही हो।
  • urban agriculture land के compulsory acquisition पर प्राप्त कंपनसेशन 1 अप्रैल 2004 को या उसके बाद मिला हो।

अगर यह तीनो कंडीशंस पूरी होती है, तो सेक्शन 10(37) में compulsory acquisition of urban agriculture land की टैक्स exemption क्लेम की जा सकती है।

Question 1 

Mr A की राजस्थान के शहरी क्षेत्र में जमींन है, जो कि 1 अप्रैल 2008 से Mr A के पेरेंट्स द्वारा कृषि के कार्यो में यूज़ आ रही थी, सरकार द्वारा हाईवे प्रोजेक्ट के वजह से इस जमींन को अगस्त 2015 में compulsory acquire कर लिया और फ़रवरी 2021 में Mr A को 15 लाख का कंपनसेशन दिया। इस केस में Mr A के हाथों में फाइनेंसियल ईयर 2020-21 में इसका टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा ?

Solution – इस केस में Mr A द्वारा ऊपर बताई गयी तीनो कंडीशंस पूरी हो रही है, इसलिए पूरा 15 लाख का कंपनसेशन सेक्शन 10 (37 ) में टैक्स से exempt होगा।

नोट – compulsory acquisition के केस में जब कम्पन्सेशन प्राप्त होता है, टैक्स लायबिलिटी उसी वर्ष में कैलकुलेट की जाती है, न कि compulsory acquisition के वर्ष में।

Question 2 

अगर ऊपर बताये गए question में सरकार द्धारा Mr A की जमींन को compulsory acquire नहीं किया जाता और Mr A द्धारा किसी अन्य पर्सन को इस जमींन को बेचा जाता, तो क्या Mr A सेक्शन 10(37) की टैक्स exemption प्राप्त कर सकते है ?

Solution – सेक्शन 10 (37 ) की टैक्स exemption उसी केस में दी जाएगी, जब शहरी एग्रीकल्चर लैंड का सरकार द्वारा compulsory acquisition किया जाता है, इसलिए जमींन बेचने के केस में में टैक्स exemption नहीं दी जाएगी।

Question 3

अगर Question 1 में बताई गयी Agricultural Land Mr A की नहीं होकर ABC लिमिटेड की होती, तो क्या फिर भी section 10(37 ) में इसकी छूट क्लेम की जा सकती है।

Solution – सेक्शन 10(37) में सिर्फ इंडिविजुअल और HUF को ही tax exemption दी जाती है, इसलिए ABC लिमिटेड ( कंपनी ) को इसकी छूट नहीं दी जायेगी, चाहे agricultural land का सरकार द्धारा compulsory acquisition किया गया हो।

 

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