गोल्ड को बेचने से होने वाले टैक्स के रूल्स को समझे – income tax on gold and jewellery

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income tax on gold and jewellery

income tax on gold and jewellery – भारत में अधिकतर लोगो द्धारा गोल्ड (सोने ) में इन्वेस्टमेंट किया जाता है, क्योकि गोल्ड इन्वेस्टमेंट के सबसे सेफ तरीकों में से एक है। गोल्ड में ज्वेलरी, गोल्ड coins और गोल्ड के अन्य टाइप्स को शामिल किया जाता है।

जब भी आपके द्धारा सोने की खरीददारी की जाये तो इनकम टैक्स के हिसाब से यह सही होगा कि आप उसकी इनवॉइस को अपने पास सुरक्षित रखे, ताकि कभी भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से inquiry आने पर गोल्ड इन्वेस्टमेंट के सोर्स को बता सके।

अगर आपके पास Gold इन्वेस्टमेंट के प्रूफ है, तो इनकम टैक्स स्क्रूटिनी के केस में आपके पास बचाव के ऑप्शन उपलब्ध होंगे।

अधिकतर लोग सोने की खरीद और बिक्री, दोनों करते है, लेकिन इन ट्रांजेक्शन्स में होने वाले टैक्स ट्रीटमेंट के बारे में पूरे  तरीके से जानकर नहीं होते है, जिसकी वजह से उन्हें टैक्सेशन से जुडी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

आज के आर्टिकल (income tax on gold and jewellery) में हम गोल्ड को बेचने से जुड़े टैक्स के प्रावधानों के बारे में चर्चा करेंगे।

income tax on gold and jewellery – सोने पर इनकम टैक्स कैसे लगाया जाता है ?

जब भी आप सोना या ज्वेलरी खरीदते है, तो उस पर इनकम टैक्स नहीं लगाया जाता। इनकम टैक्स सिर्फ गोल्ड या इससे बनी चीजों की बिक्री पर लगाया जाता है।

जब भी आप सोना बेचते है, तो टैक्स लगाने के लिए सबसे पहले यह देखा जाता है कि यह आपकी बिज़नेस या प्रोफेशन हेड में इनकम है या फिर कैपिटल गेन हेड में।

किसी सोने के डीलर द्धारा जब गोल्ड या इससे बनी चीजे बेचीं जाती है, तो यह उसकी बिज़नेस या प्रोफेशन हेड में इनकम मानी जाती है। इसके अलावा किसी भी पर्सन द्धारा अगर गोल्ड बेचा जाता है, तो यह उसकी कैपिटल गेन हेड में इनकम मानी जाती है।

बिज़नेस या प्रोफेशन हेड में इनकम पर इसे आपकी कुल इनकम में जोड़ा जायेगा और फिर इस पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा।

कैपिटल गेन हेड में इनकम होने पर इसे शार्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में बांटा जाता है। शार्ट टर्म कैपिटल गेन होने पर इस पर आपकी स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा और लॉंन्ग टर्म कैपिटल गेन होने पर 20 % की रेट से टैक्स लगाया जायेगा।

20 % की रेट में एप्लीकेबल सरचार्ज और सेस को भी जोड़ा जायेगा।

गोल्ड को बेचने से हुए प्रॉफिट को शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में कैसे अलग किया जायेगा ?

सोने को शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल असेट्स में अलग करने के लिए आपके पास इसको होल्ड करने के पीरियड को देखा जायेगा।

यदि आपने गोल्ड या ज्वेलरी को 36 महीनो से कम समय के लिए अपने पास रख रखा है, तो इसे शार्ट टर्म कैपिटल असेट्स मानेंगे और इससे होने वाला प्रॉफिट शार्ट टर्म कैपिटल गेन होगा, जिस पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा।

36 महीनो से अधिक समय के लिए गोल्ड को अपने पास रखने पर यह लॉन्ग टर्म कैपिटल असेट्स मानी जाएगी।

इसके अलावा अगर आपको सोना गिफ्ट या वसीयत में प्राप्त हो रहा है, तो इसके होल्डिंग पीरियड की कैलकुलेशन में इसके पूर्व स्वामी के होल्डिंग पीरियड को भी शामिल किया जायेगा।

जैसे – आपको अपने पिताजी की वसीयत से मई 2018 में 1 लाख का सोना प्राप्त हुआ, जिसको आपके पिताजी ने 2010 में ख़रीदा था, इस केस में जब भी सोने को बेचेंगे, उस समय आपको टैक्स का पेमेंट करना होगा और सोने के होल्डिंग पीरियड की कैलकुलेशन 2010 से की जाएगी, जब आपके पिताजी ने सोना ख़रीदा था।

income tax calculation on sale of gold and jewellery – 

गोल्ड या ज्वेलरी को बेचने से होने वाली इनकम को शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में अलग करने के बाद इसकी टैक्स कैलकुलेशन की जाएगी।

short term capital gain calculation –  

इस तरह की इनकम को पहले आपकी टोटल इनकम में शामिल किया जायेगा और उसके बाद इस पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा।

जैसे –

Q – आपने 2 लाख की ज्वेलरी मई 2018 में खरीदी और जनवरी 2020 में इसे 3 लाख में बेचा।

A – इस केस में आपके द्धारा बेचीं गयी ज्वेलरी शार्ट टर्म कैपिटल असेट्स है, क्योकि इसे आपने 36 महीनो से कम समय के लिए अपने पास रखा। इसलिए आपका शार्ट टर्म कैपिटल गेन 1 लाख का होगा और इसे आपकी टोटल इनकम में शामिल किया जायेगा।

अगर आपकी कोई दूसरी इनकम नहीं है, तो यह 1 लाख की इनकम आपकी टोटल इनकम मानी जाएगी। इस केस में आपकी टोटल इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम होने पर इस इनकम पर टैक्स नहीं लगाया जायेगा।

long term capital gain calculation –

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन निकालने के लिए आपकी purchase cost का इंडेक्सेशन किया जायेगा।

Q – आपने 2 लाख की ज्वेलरी मई 2015 में खरीदी और जनवरी 2020 में इसे 3 लाख में बेचा।

A – इस केस में आपने ज्वेलरी 36 महीनो से अधिक समय के लिए होल्ड की है, इसलिए इस केस में यह लॉन्ग टर्म कैपिटल असेट्स मानी जायेगी, जिसके लिए सबसे पहले आपकी कॉस्ट का इंडेक्सेशन किया जायेगा –

Long Term Capital Gain Calculation 
Particular Amount
Sale Value 300000
Less : Cost of Indexation
200000*289/254 227559.06
Long Term Capital Gain 72440.94

 

नोट – Cost Inflation Index – 2015-16 (254 ) & 2019-20 (289 )

इस केस में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 72440 ( राउंड ऑफ ) आएगा और इसे आपकी टोटल इनकम में शामिल किया जायेगा, जहाँ इस पर 20 % के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा और अगर आपकी कोई अन्य इनकम नहीं है, तो स्लैब रेट का बेनिफिट आपको दिया जायेगा।

इस तरह से सोने या इससे बनी चीजों में किये गए ट्रांजेक्शन पर टैक्स ट्रीटमेंट किया जाता है, गोल्ड बांड या गोल्ड monetisation स्कीम में इन्वेस्टमेंट से जुड़े नियमो के बारे में हम दूसरे आर्टिकल में चर्चा करेंगे।

 

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