what is tcs under gst in hindi

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what is tcs under gst in hindi

what is tcs under gst in hindi – टैक्स कलेक्शन एट सोर्स को शार्ट में टीसीएस के नाम से जाना जाता है । टीसीएस टैक्स कलेक्शन का एक माध्यम है जिसमे सरकार द्वारा समय – समय पर लोगों से टैक्स कलेक्ट किया जाता है । 

इनकम टैक्स और जीएसटी दोनों में टैक्स कलेक्शन एट सोर्स के प्रावधान लागू होते है, लेकिन इन दोनो कानूनों में इसके रूल्स अलग – अलग है ।

आज के आर्टिकल (what is tcs under gst in hindi) में हम जीएसटी में टीसीएस क्या होता है और टीसीएस के रूल्स क्या है, के बारे में जानेंगे ।

Table of Contents

जीएसटी में टीसीएस क्या होता है और यह किसके ऊपर एप्लीकेबल होता है ? what is tcs under gst in hindi

 जीएसटी लॉ में टीसीएस के रूल्स ई कॉमर्स ऑपरेटर पर एप्लीकेबल होते है,

जिसके अनुसार ई कॉमर्स ऑपरेटर को सरकार द्वारा निर्धारित रेट से उन सभी सप्लायर से टैक्स कलेक्ट करना होगा, जो कि ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करते है । 

ई कॉमर्स ऑपरेटर टैक्स उसी केस में कलेक्ट करेगा जब गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई उसके पोर्टल के माध्यम से हो और उन सप्लाइज के लिए अमाउंट ई कॉमर्स ऑपरेटर को प्राप्त हुआ हो ।

जैसे –  श्रीमान आकाश ने फ्लिपकार्ट के माध्यम से 10,000 के गुड्स सप्लाई किये, इस केस में फ्लिपकार्ट द्वारा 10,000 पर टैक्स उसी केस में कलेक्ट किया जाएगा, जब यह अमाउंट फ्लिपकार्ट श्रीमान आकाश के behalf पर प्राप्त करता है । यदि यह अमाउंट सीधा आकाश को प्राप्त होता है, तो इस ट्रांजेक्शन पर टीसीएस एप्लीकेबल नही होगा ।

ध्यान रहे ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा नेट सप्लाइज के कलेक्शन पर टैक्स कलेक्ट किया जाएगा । अगर कोई गुड्स रिटर्न होते है, तो उनको सप्लाइज में से घटाया जायेगा। 

अगर कोई सप्लाइज exempt है या सीजीएसटी एक्ट 2017 के सेक्शन 9(5) में बताई गई सर्विसेज की सप्लाई है, तो इस तरह की सप्लाइज पर टैक्स कलेक्ट नही किया जाएगा ।

ई कॉमर्स ऑपरेटर में इसके एजेंट को शामिल नही किया जाएगा ।

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ई कॉमर्स ऑपरेटर कौन होते है ? 

सीजीएसटी एक्ट के अनुसार ई कॉमर्स ऑपरेटर में ऐसे पर्सन को शामिल किया जाएगा, जो कि इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के लिए किसी डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म के मालिक होते है और उनके द्वारा इस प्लेटफार्म को मैनेज या ऑपरेट किया जाता है ।

इन ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर अलग – अलग सेलर अपने गुड्स या सर्विसेज को लिस्ट करवाते है और इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से ही उनको सप्लाई करते है ।

अगर कोई पर्सन खुद की कोई वेबसाइट बनाता है और उस पर खुद के गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करता है, तो उस पर टीसीएस के रूल्स एप्लीकेबल नही होंगे । 

क्योकि टीसीएस के प्रावधान उस केस में एप्लीकेबल होंगे जब दूसरे सप्लायर किसी ई कॉमर्स पोर्टल पर गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करते है और इन सप्लाइज का पेमेंट ई कॉमर्स ऑपरेटर के द्वारा सप्लायर के behalf पर प्राप्त किया जाता है ।

जीएसटी में टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस ) की रेट क्या है ? what is tcs rate under gst in hindi

सरकार द्वारा जीएसटी में टीसीएस की रेट 1 % रखी गयी है । यानी सप्लायर द्वारा की गई नेट सप्लाइज पर ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा 1 % की रेट से टैक्स कलेक्ट किया जाएगा ।

अगर सप्लाई इंटर स्टेट की गई है, तो 1 % आईजीएसटी कलेक्ट किया जायेगा । इंट्रा स्टेट सप्लाइज के केस में 0.5% सीजीएसटी और 0.5% एसजीएसटी कलेक्ट किया जायेगा ।

जैसे – श्रीमान आकाश ने 1500 रुपये के गुड्स की फ्लिपकार्ट के माध्यम से इंटर स्टेट सप्लाई की गई , जिसमे से 200 रुपये के गुड्स रिटर्न हो गए, इस केस में फ्लिपकार्ट द्वारा 13 रुपये IGST के कलेक्ट किये जायेंगे  (1500-200 = 1300*1% ) ।

क्या ई कॉमर्स ऑपरेटर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है ? 

ई कॉमर्स ऑपरेटर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होता है, बिना टर्नओवर पर ध्यान दिए । 

इसका मतलब यह है कि अगर ई कॉमर्स ऑपरेटर का टर्नओवर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन की थ्रेसहोल्ड लिमिट से कम भी होता है, तो भी ई कॉमर्स ऑपरेटर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा ।

 

क्या ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से सप्लाई करने वाले सप्लायर को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा ? 

अगर कोई पर्सन ई कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करना चाहता है, तो उसे अनिवार्य रूप से जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होगा ।

हालांकि, सीजीएसटी एक्ट 2017 के सेक्शन 9(5) में बताई गई सर्विसेज के सप्लायर को जीएसटी रजिस्ट्रेशन उसी केस में लेना होगा जब इनका टर्नओवर थ्रेसहोल्ड लिमिट से ज्यादा का होता है ।

ऐसे पर्सन जो कि ई कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से सर्विसेज की सप्लाई ( सेक्शन 9(5) की निर्धारित सर्विसेज के अलावा ) करते है, उनको जीएसटी रजिस्ट्रेशन उसी केस में लेना होगा, जब उनका टर्नओवर 20 लाख ( 10 लाख स्पेशल कैटेगरी states ( जम्मू – कश्मीर को छोड़कर ) से ज्यादा का होता है ।

नोट – अगर कोई पर्सन ई कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई करना चाहता है, तो वह कम्पोजीशन स्कीम में  रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकता है। उसे नार्मल स्कीम में ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होगा।

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क्या जीएसटी में पहले से रजिस्टर ई कॉमर्स ऑपरेटर को टीसीएस के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन लेना होगा ?

ई कॉमर्स ऑपरेटर को टीसीएस के लिए अलग से जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होगा, भले ही वह जीएसटी में पहले से रजिस्टर्ड हो, चाहे सप्लायर के तौर पर रजिस्टर्ड हो या चाहे अन्य किसी तरीके से ।

क्या सभी ई कॉमर्स ऑपरेटर्स को सप्लायर से टैक्स कलेक्ट करना अनिवार्य होगा ? 

सभी ई कॉमर्स ऑपरेटर्स को उन सभी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई पर टैक्स कलेक्ट करना होगा, जो कि उसके पोर्टल के माध्यम से सप्लाई की जाती है और जिनका पेमेंट ऑपरेटर द्वारा सप्लायर के behalf पर प्राप्त किया जाता है ।

ध्यान रहे –  exempt सप्लाइज और ऐसी सप्लाइज जिन पर गुड्स या सर्विसेज के प्राप्तकर्ता को रिवर्स चार्ज के आधार पर टैक्स का पेमेंट करना होता है, वहां पर ई कॉमर्स ऑपरेटर को टैक्स कलेक्ट नही करना होगा ।

ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा कितने समय के भीतर टीसीएस की राशि को सरकार को जमा करवाना होता है ?

ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा जिस महीने में टीसीएस राशि कलेक्ट की गई है, उसके समाप्त होने के 10 दिनों के भीतर इसे सरकार को जमा करवाना होता है ।

जैसे – जुलाई महीने में कलेक्ट किये गए टैक्स की राशि को 10 अगस्त से पहले सरकार को जमा करवाना होगा ।

क्या सप्लायर द्वारा टीसीएस राशि की इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त की जा सकती है ? 

ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा जमा टीसीएस की राशि उसके द्वारा फ़ाइल की गई जीएसटी रिटर्न में शो होगी, जिसके आधार पर सप्लायर के इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में टीसीएस की राशि शो होगी ।

सप्लायर द्वारा इस टीसीएस राशि का यूज़ अपनी टैक्स लायबिलिटी का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है और इसके बाद भी टीसीएस का बैलेंस बच जाता है, तो सप्लायर द्वारा इसका रिफंड क्लेम किया जा सकता है ।

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ई कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा कौन – कौनसी जीएसटी रिटर्न फ़ाइल की जाएगी ? 

सभी ई कॉमर्स ऑपरेटर को उन सभी गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई की जानकारी जीएसटी रिटर्न में देनी होगी, जो कि उसके पोर्टल के माध्यम से की गई है, साथ ही सेल्स रिटर्न और कलेक्ट किये गए टीसीएस की डिटेल्स भी दी जाएगी ।

यह जानकारी ई कॉमर्स ऑपरेटर को GSTR – 8 में देनी होगी । GSTR – 8 में जीएसटी रिटर्न को महीने की समाप्ति के 10 दिनों के भीतर फ़ाइल करना होगा । यह रिटर्न हर महीने फाइल की जाएगी ।

इसके अलावा ई कॉमर्स ऑपरेटर को 9B में एनुअल रिटर्न भी फ़ाइल करनी होगी । यह रिटर्न फाइनेंसियल ईयर की समाप्ति के बाद 31 दिसंबर तक फ़ाइल करनी होती है ।

 

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