बजट 2022 के बाद इनकम टैक्स एक्ट में आये बड़े बदलाव

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income tax changes in budget

income tax changes in budget – 1 फ़रवरी 2022 को फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण द्वारा वित वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया गया।  इस बजट में इनकम टैक्स से जुड़े कई बदलाव किये गए है।

बजट 2022 में टैक्स में किये गए बदलावों के बारे में हम आज के आर्टिकल में चर्चा करेंगे।

Table of Contents

कोरोना के इलाज या कोरोना की वजह से मृत्यु होने पर मिली राशि का टैक्सेशन 

बजट 2022 में कोरोना के लिए मिले खर्चो के सम्बंध में भी इंडिविजुअल को राहत दी गयी है ।

इस बजट के अनुसार अगर किसी इंडिविजुअल को कोरोना बीमारी के इलाज के लिए किसी भी पर्सन से कोई राशि मिलती है, जो कि सेंट्रल गवर्नमेंट के नियमो के अनुसार है, तो यह राशि टैक्स फ्री होगी ।

इसके अलावा किसी इंडिविजुअल की कोरोना की वजह से मृत्यू होने पर उसके फैमिली मेंबर्स को इंडिविजुअल के एम्प्लायर या किसी अन्य पर्सन से कोई राशि मिलती है, तो यह राशि भी टैक्स फ्री होगी, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें पूरी होनी चाहिए ।

कोरोना से मृत्यु के केस में मिली राशि के टैक्सेशन की शर्तें 
  • फैमिली मेंबर्स को मिली राशि 10 लाख से ज्यादा की नही होनी चाहिए ।
  • यह राशि इंडिविजुअल की मृत्यु के 1 साल के भीतर प्राप्त होनी चाहिए ।
  • प्राप्त राशि सेंट्रल गवर्नमेंट की शर्तों के अनुसार होना चाहिए ।

सर्च या सर्वे में मिली इनकम से किसी भी loss को सेट ऑफ नही किया जा सकेगा 

अगर किसी पर्सन के सेक्शन 132 में कोई सर्च (search) होती है या सेक्शन 132A में कोई requisition किया जाता है या सेक्शन 133A में कोई सर्वे होता है और इससे करदाता की किसी undisclosed income का पता लगता है, 

तो ऐसी इनकम से किसी भी तरह के losses , चाहे वह चालू वर्ष का हो या पहले के वर्षो का हो सेट ऑफ नही किया जा सकेगा । साथ ही unabsorbed depreciation को भी सेट ऑफ नही कर सकते ।

इस सर्च या सर्वे की वजह से टैक्सपेयर के बुक्स ऑफ अकाउंट्स में किसी इनकम के सम्बन्ध में कोई खर्चा शो होता है और यह खर्चा गलत रिपोर्ट किया गया है, तो इसे भी टैक्सपेयर की undisclosed income माना जायेगा ।

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दिव्यांग व्यक्ति के लिये ली गयी पॉलिसी पर टैक्स छूट – सेक्शन 80DD 

यदि किसी इंडिविजुअल या huf द्वारा दिव्यांग व्यक्ति के बेनिफिट के लिए कोई annuity या पॉलिसी ली जाती है, तो इस पॉलिसी की सेक्शन 80dd में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है ।

लेकिन, यह डिडक्शन उसी केस में क्लेम की जा सकती है, जब दिव्यांग व्यक्ति आपके ऊपर डिपेंडेंट हो और साथ ही आपका फैमिली मेंबर भी हो ।

इस annuity या पेंशन से मिलने वाली राशि सिर्फ पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर ही टैक्स से exempt होगी । 

लेकिन, बजट 2022 में इस रूल में बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार अब पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति के जीवनकाल में भी दिव्यांग व्यक्ति को annuity या पॉलिसी से कोई राशि मिलती है, तो भी यह टैक्स फ्री होगी ।

फैमिली मेंबर में आपका जीवनसाथी, बच्चे, पेरेंट्स, भाई- बहिन शामिल है ।

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आईटीआर को अपडेट किया जा सकेगा 

बजट 2022 की घोषणा के अनुसार अब कोई भी पर्सन अपनी अपडेटेड रिटर्न फ़ाइल कर सकेगा । 

इस रूल के अनुसार अब कोई भी पर्सन संबंधित असेससेमेंट ईयर की समाप्ति के 24 महीनों के भीतर अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल कर सकता है ।

लेकिन, ध्यान रहे अपडेटेड आईटीआर सिर्फ टैक्स के पेमेंट के लिए ही फ़ाइल की जा सकेगी । साथ ही असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 12 महीनों के भीतर अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल करने पर टैक्स अमाउंट पर 25 % का ब्याज जमा करवाना होगा ।

असेससेमेंट ईयर की समाप्ति के 12 महीने बाद लेकिन 24 महीनों के भीतर पर फ़ाइल करने पर टैक्स अमाउंट पर ब्याज 50 % की रेट से लगाया जाएगा ।

अपडेटेड आईटीआर कौन फ़ाइल नही कर सकता है ? 

अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल नही की जा सकेगी – 

  • अगर आप अपडेटेड आईटीआर में Loss रिपोर्ट कर रहे है ।
  • आपने पहले अपनी रिटर्न फ़ाइल की हो और अब अपडेटेड आईटीआर में अपनी टैक्स लायबिलिटी को कम कर रहे है 
  • अपडेटेड आइटीआर फ़ाइल करने से आपका रिफंड जनरेट हो रहा हो या रिफंड का अमाउंट बढ़ रहा हो 
  • सर्च या सर्वे के केस में 
  • असेसमेंट या reassessment की प्रोसेडिंग शुरू होने पर 

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बिज़नेस या प्रोफेशन से कोई बेनिफिट्स प्राप्त होने पर टीडीएस 

बजट 2022 में इनकम टैक्स एक्ट 1961 में नया सेक्शन 194R जोड़ा गया है । 

इस सेक्शन के अनुसार अगर कोई पर्सन किसी रेजिडेंट को बिज़नेस या प्रोफेशन को करने पर कोई बेनिफिट्स या perquisites देता है, तो इस तरह के बेनिफिट्स पर पेमेंट करने वाला पर्सन 10 % की रेट से टीडीएस काटेगा ।

अगर यह बेनिफिट्स या perquisites, किसी वस्तु या आइटम में दिए जाते है, तो पेमेंट करने वाला पर्सन ऐसी वस्तु को रेजिडेंट को देने से पहले टीडीएस राशि को कलेक्ट करेगा, उसके बाद उस वस्तु को रेजिडेंट को सुपुर्द करेगा ।

हालांकि, सेक्शन 194R में टीडीएस नही काटा जाएगा, जब तक बेनिफिट्स या perquisites की वैल्यू 20 हजार से ज्यादा की नही हो ।

नोट – सेक्शन 194R में ऐसे पर्सन द्वारा टीडीएस नही काटा जाएगा, जिसका बिज़नेस टर्नओवर 1 करोड़ से कम हो या प्रोफेशन के केस में gross receipts 50 लाख से कम हो ।

यह भी देखे – बिज़नेस और प्रोफेशन में इन खर्चों की छूट लेकर कम करे अपना प्रॉफिट। tax deductible expenses hindi

वर्च्युअल करेंसी के ट्रांजेक्शन पर टीडीएस रूल्स

बजट 2022 में वर्चुअल करेंसी पर टीडीएस लगाने के लिए नया सेक्शन 194S लाया गया है ।

सेक्शन 194S के अनुसार अगर कोई पर्सन किसी रेजिडेंट को वर्चुअल करेंसी के ट्रांसफर के लिए कोई पेमेंट करता है, तो इस तरह के ट्रांजेक्शनों पर 1 % की रेट से टीडीएस काटा जाएगा ।

अगर वर्चुअल करेंसी का ट्रांसफर किसी वस्तु (kind) के बदले में किया जाता है, तो पेमेंट करने वाला पर्सन उस वस्तु को ट्रांसफर करने से पहले टीडीएस अमाउंट को कलेक्ट करेगा और उसके बाद वस्तु को ट्रांसफर करेगा ।

वर्चुअल करेंसी पर टीडीएस कब कटेगा 
  • अगर पेमेंट करने वाला पर्सन specified पर्सन है और इस ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू एक फाइनेंसियल ईयर में  50 हजार से ज्यादा है 
  • पेमेंट specified पर्सन के अलावा किसी भी अन्य पर्सन द्वारा किया जा रहा हो और ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू एक फाइनेंसियल ईयर में 10 हजार से ज्यादा की हो 

Specified पर्सन से मतलब ऐसे पर्सन से है, जिसका बिज़नेस टर्नओवर 1 करोड़ से कम हो या प्रोफेशन के केस में 50 लाख से कम हो ।

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वर्चुअल डिजिटल असेट्स से इनकम होने पर इनकम टैक्स रूल्स 

बजट 2022 में वर्चुअल डिजिटल असेट्स को भी टैक्सेशन के दायरे में लाया गया है ।

बजट 2022 के अनुसार अब कोई भी पर्सन को वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर करने से कोई इनकम होती है, तो इस तरह की इनकम पर 30 % की रेट से टैक्स लगाया जाएगा ।

वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर पर टैक्स लगाते समय ध्यान रखने योग्य बातें – 
  • इस तरह की इनकम से किसी भी खर्चे या अलाउंस की कोई डिडक्शन नही दी जाएगी ( सिवाय cost of acquisition के )
  • किसी भी तरह के losses को सेट ऑफ नही किया जा सकेगा ।
  • वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर से हुए losses को भी इस तरह की इनकम से सेट ऑफ नही किया जा सकेगा

 

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