equalisation levy क्या होती है और इसको चार्ज नहीं करने के क्या नुकसान हो सकते है ?

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equalisation levy

equalisation levy – वर्तमान समय में अधिकतर बिज़नेस ऑनलाइन आ चुके है या अपने बिज़नेस का प्रमोशन ऑनलाइन करवा रहे है। ऑनलाइन बिज़नेस प्रमोशन करवाने के लिए अधिकतर बिज़नेस पर्सन ऐसी कंपनियों की सर्विसेज ले रहे है, जिनका भारत में कोई permanent establishment(PE) नहीं है।

इन कंपनियों का भारत में permanent establishment नहीं होने पर जो प्रॉफिट ये भारत से कमा रही थी उस पर टैक्स नहीं लग रहा था। क्योकि सर्विसेज जो ये कंपनियां दे रही थी उनका पेमेंट इन्हे ऑनलाइन मिल जाता था, जिससे भारत की सरकार इन ट्रांजेक्शनों पर टैक्स नहीं लगा पा रही थी।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए गवर्नमेंट ने 1 जून 2016 को equalisation levy का कांसेप्ट लाया गया ।

equalisation levy के कांसेप्ट में जब भी कोई बिज़नेस पर्सन ऐसे पर्सन को पेमेंट करता जिसका भारत में कोई PE नहीं है, तो वह पर्सन पेमेंट करने से पहले इसे काट लेता और इसको सरकार को जमा करवा देता।

इससे इन कंपनियों के द्वारा किये गए ट्रांजेक्शनों पर भी नजर रखना आसान हो गया और टैक्स कलेक्शन भी बढ़ गया।

आज के हमारे आर्टिकल में हम equalisation levy के बारे में चर्चा करेंगे।

equalisation levy – equalisation levy क्या होती है ?

फाइनेंस एक्ट 2016 के चैप्टर VIII में equalisation levy का कांसेप्ट बताया गया है।

यह एक तरह से टीडीएस का ही रूप है , जिसमे पेमेंट करने से पहले इसको डिडक्ट करना होता है।

यह ऐसे नॉन रेजिडेंट पर डिडक्ट की जाती है, जिसका भारत में कोई परमानेंट establishment नहीं है। यह भारत में रेजिडेंट के द्वारा डिडक्ट की जाती है।

लेकिन एक नॉन रेजिडेंट को भी equalisation levy डिडक्ट करना पड़ सकता है, जब उस नॉन रेजिडेंट का भारत में परमानेंट establishment हो।

यहाँ सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यह है कि इसको सभी तरह के पेमेंट पर डिडक्ट नहीं करना होता है, यह सिर्फ specified services के लिए किये गए पेमेंट के लिए ही डिडक्ट की जा सकती है।

specified services क्या है ? 

equalisation levy सिर्फ specified सर्विसेज के लिए किये गए पेमेंट के लिए ही डिडक्ट की जा सकती है।

ये specified services है –

  • ऑनलाइन advertisement;
  • ऑनलाइन advertisement के लिए डिजिटल स्पेस या अन्य कोई फैसिलिटी या सर्विसेज प्रदान करने का प्रावधान;
  • सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा नोटिफाई की जाने वाली सर्विसेज।

chargeability of equalisation levy – सेक्शन 165 ऑफ़ फाइनेंस एक्ट 2016 – 

equalisation levy एक ऐसे नॉन रेजिडेंट को जिसका permanent establishment भारत में नहीं है को specified सर्विसेज के पेमेंट करने पर 6 % की रेट से डिडक्ट किया जायेगा।

यह डिडक्ट की जायेगी –

  • कोई पर्सन जो कि भारत में रेजिडेंट हो और बिज़नेस या प्रोफेशन करता हो; या
  • non resident जिसका भारत में PE हो।



equalisation levy कब चार्ज नहीं की जायेगी ?

कुछ केसेस में यह चार्ज नहीं की जायेगी, ये केसेस है –

  • non resident जो कि specified services प्रोवाइड कर रहा है उसका भारत में permanent establishment (PE) है और यह PE उन specified सर्विसेज से डायरेक्टली लिंक करता हो;
  • specified services के लिए पेमेंट एक फाइनेंसियल ईयर में 1 लाख से अधिक नहीं हो;
  • जब ये सर्विसेज बिज़नेस या प्रोफेशन के लिए नहीं ली जा रही हो।

इसे कब तक गवर्नमेंट को जमा करवाना होता है ?

equalisation levy डिडक्ट करने के बाद अगले महीने की 7 तारीख तक सरकार को जमा करवाना होता है। जैसे – यदि अप्रैल में इसे डिडक्ट किया गया तो 7 मई तक इसे जमा करवाना होगा।

यदि इसे डिडक्ट नहीं किया गया या सरकार को जमा नहीं करवाया गया तो इंटरेस्ट और पेनल्टी दोनों लगायी जा सकती है।

इंटरेस्ट और पेनल्टी – 

यदि इसका पूरा अमाउंट या कुछ अमाउंट डिडक्ट नहीं किया जाता तो इसके 100 % के बराबर पेनल्टी लगायी जायेगी। जैसे – 10000 की equalisation levy को डिडक्ट नहीं किया जाता तो आप पर 10000 की पेनल्टी लगायी जायेगी।

इसके अलावा, यदि इसको डेडक्ट करने के बाद अगले महीने की 7 तारीख़ तक जमा नहीं करवाते तो 1 % प्रति महीना या पार्ट ऑफ़ मंथ की रेट से इंटरेस्ट लगाया जायेगा।

साथ ही Rs. 1000 प्रति दिन के हिसाब से पेनल्टी लगायी जायेगी। हालाँकि पेनल्टी की राशि equalisation levy के अमाउंट से ज्यादा नहीं हो सकती।

annual statement – 

जो भी पर्सन एक फाइनेंसियल ईयर में specified services के लिए equalisation levy चार्ज करता है उसका एनुअल स्टेटमेंट फॉर्म 1 में जमा करवाना होगा।

यह फॉर्म फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के बाद 30 जून तक जमा करवाना होगा , ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी लगायी जाएगी।

यदि फॉर्म 1 जमा नहीं करवाया जाता तो Rs 100 की प्रति दिन के हिसाब से पेनल्टी लगायी जाएगी।

 

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