4 income tax deductions – इनकम टैक्स एक्ट में काफी तरह की टैक्स डिडक्शन बताई गई है, जिनको क्लेम करके टैक्सपेयर अपनी टैक्स लायबिलिटी को काफी कम कर सकता है ।
लेकिन, सभी टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने से पहले आपको इन डिडक्शन के लिए एलिजिबल टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट करना होता है । बिना टैक्स सेविंग स्कीम में इन्वेस्ट करे आप इन टैक्स डिडक्शन को क्लेम नही कर सकते है ।
इसी तरह इनकम टैक्स एक्ट में कुछ ऐसे खर्चे भी बताए गए है, जिनको करने पर सरकार द्वारा आपको टैक्स डिडक्शन दी जाती है, जैसे – बच्चो की एजुकेशन फीस, होम लोन रीपेमेंट, मेडिकल एक्सपेंडिचर आदि ।
लेकिन, क्या आप जानते है कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 में कुछ ऐसी भी टैक्स डिडक्शन बताई गई है जिनके लिए न तो आपको कहीं इन्वेस्ट करना होगा और न ही कोई एलिजिबल खर्चा करना होगा । ये डिडक्शन आपको बिना किसी इन्वेस्टमेंट और खर्चो के ही प्राप्त होगी ।
आज के आर्टिकल (4 income tax deductions) में हम 4 ऐसी टैक्स डिडक्शन/रिबेट के बारे में बात करेंगे, जो कि आपको आपकी इनकम के टाइप्स और आपके स्टेटस के अनुसार दी जायेगी ।
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स्टैण्डर्ड डिडक्शन । standard deduction for salaried | 4 income tax deductions
सैलरीड और पेंशनर्स को इनकम टैक्स में कुछ राहत प्रदान करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में स्टैण्डर्ड डिडक्शन दी जाती है । यह एक फ्लैट डिडक्शन होती है, जो कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 16(1a) में दी जाती है ।
स्टैण्डर्ड डिडक्शन 50,000 और सैलरी अमाउंट, जो भी दोनों में कम हो की दी जाती है । यह डिडक्शन सिर्फ सैलरीड और पेंशनर्स को ही दी जाती है, एक सेल्फ एम्प्लॉयड पर्सन यह डिडक्शन क्लेम नही कर सकता है ।
स्टैण्डर्ड डिडक्शन को क्लेम करने के लिए न तो आपको कहीं इन्वेस्ट करना होता है और न ही इसके लिए आपको कोई प्रूफ चाहिये । यह डिडक्शन आपकी ग्रॉस सैलरी में से दी जाती हैं,
जैसे – आपकी कुल सैलरी 6 लाख की है, तो इसमे से 50,000 की फ्लैट स्टैण्डर्ड डिडक्शन देने के बाद आपकी नेट सैलरी 5.50 लाख की हो जाएगी और इसी नेट सैलरी पर टैक्स की कैलकुलेशन की जाएगी ।
स्टैण्डर्ड डिडक्शन सभी तरह के गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर के एम्प्लाइज को दी जाती है । इस डिडक्शन को नॉन सीनियर सिटीजन, सीनियर सिटीजन और सुपर सीनियर सिटीजन सभी के द्वारा क्लेम किया जा सकता है ।
हालांकि, अगर टैक्सपेयर द्वारा नई टैक्स स्लैब में टैक्स देने का ऑप्शन चूज किया जाता है, तो इस केस में उसके द्वारा स्टैण्डर्ड डिडक्शन की टैक्स डिडक्शन क्लेम नही की जा सकेगी ।
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इनकम टैक्स रिबेट सेक्शन 87A
सरकार द्वारा छोटे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स से राहत प्रदान करने के लिए सेक्शन 87A की रिबेट की शुरुआत की गयी थी ।
ध्यान रखे सेक्शन 87A में आपको टैक्स रिबेट दी जाती है, न कि टैक्स डिडक्शन । टैक्स रिबेट और टैक्स डिडक्शन में सबसे बड़ा अंतर है कि टैक्स डिडक्शन क्लेम करने पर आपकी टोटल इनकम कम होती है, जबकि टैक्स रिबेट की वजह से आपका टैक्स अमाउंट कम होता है ।
सेक्शन 87A भी एक टैक्स रिबेट है, क्योंकि इसमें भी आपका टैक्स अमाउंट कम होता है न कि टोटल इनकम। इस सेक्शन में आप 12,500 रुपये या टैक्स अमाउंट, जो भी कम हों कि टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते है ।
जैसे – आपकी वार्षिक सैलरी 5,50,000 है । तो इस केस में आपको सबसे पहले 50,000 की स्टैण्डर्ड डिडक्शन दी जाएगी, जिसके बाद आपकी नेट इनकम 5 लाख की हो जाएगी ।
5 लाख पर टैक्स अमाउंट 12,500 का आएगा, जिसकी आप सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते हैं और इससे आपकी फाइनल टैक्स लायबिलिटी जीरो हो जाएगी ।
ध्यान रखे सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट ऑटोमैटिक आईटीआर में क्लेम हो जाती है, आपको इसे क्लेम करने के लिए कुछ भी करने की जरूरत नही होगी ।
लेकिन, सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट आपको सिर्फ उसी केस में दी जाएगी जब आपकी नेट इनकम 5 लाख या इससे कम है । अगर आपकी इनकम 5 लाख से ज्यादा की है, तो आपको सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट नही मिलेगी ।
जैसे – आपकी एनुअल सैलरी 6 लाख है और स्टैण्डर्ड डिडक्शन को क्लेम करने के बाद आपकी नेट सैलरी 5.50 लाख की हो जाएगी । इस केस में आपकी टोटल इनकम 5 लाख से ज्यादा है, इसलिए आपको सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट प्राप्त नही होगी ।
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट सिर्फ रेजिडेंट इंडिविजुअल को दी जाती है, नॉन रेजिडेंट इस रिबेट को क्लेम नही कर सकते है। यह टैक्स रिबेट सभी टैक्सपेयर, जिनकी टोटल इनकम 5 लाख से कम है, वह क्लेम कर सकते है चाहे उनकी सैलरी से इनकम हो या बिज़नेस & प्रोफेशन से ।
लेकिन, अगर किसी इंडिविजुअल को इक्विटी शेयर्स बेचने से सेक्शन 112A में लांग टर्म कैपिटल गेन होता है, तो वह सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम नही कर सकता है, चाहे उसकी टोटल इनकम 5 लाख से कम की हो ।
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- सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट कब और कैसे निकाली जाती है।
- सेक्शन 89 की रिलीफ से कैसे हम टैक्स बचा सकते है। relief under section 89 of income tax act in hindi
- कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है और ऐसी बातें जो आपको ध्यान में रखनी चाहिये। Capital Gains Tax India in hindi
फैमिली पेंशन के केस में टैक्स डिडक्शन । सेक्शन 57(iia)
यह टैक्स डिडक्शन सिर्फ उन फैमिली मेंबर्स को प्राप्त होती है, जो कि फैमिली पेंशन को प्राप्त कर रहे है। एम्प्लोयी को मिलने वाली पेंशन उसकी डेथ के बाद उसके लीगल उत्तराधिकारी को दी जाती है । फैमिली मेंबर्स को मिलने वाली कम्युटेड पेंशन तो टैक्स से exempt होती है, लेकिन अनकम्युटेड पेंशन पर उन्हें टैक्स देना होता है ।
फैमिली पेंशन पर ” income from other source ” हेड में टैक्स लगाया जाता है, लेकिन टैक्स लगाने से पहले फैमिली मेंबर्स द्वारा इस पर टैक्स डिडक्शन प्राप्त की जा सकती है ।
यह टैक्स डिडक्शन सेक्शन 57(iia) में क्लेम की जा सकती है, जो कि पेंशन के 33.33% या 15,000, जो भी दोनों में कम हो की दी जाती है ।
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- फैमिली पेंशन पर टैक्स निकालते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखे। taxation of family pension
- Section 44AD of income tax act | छोटे टैक्सपेयर्स के लिए कैसे फायदेमंद है सेक्शन 44AD
ब्याज की टैक्स डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में टैक्सपेयर को सेविंग अकॉउंट और फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज की टैक्स डिडक्शन दी जाती है। अधिकतर लोगों द्वारा अपने पैसे न तो कहीं इन्वेस्ट किये जाते है और न ही कहीं खर्च किये जाते है, इन लोगों द्वारा अपने पैसे बैंक या फिक्स्ड डिपाजिट में सेव किये जाते है ।
लेकिन, सेविंग अकॉउंट में जमा पैसों पर मिलने वाला ब्याज और फिक्स्ड डिपाजिट का ब्याज, दोनो ही टैक्सेबल होते है ।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा सेक्शन 80TTA और सेक्शन TTB में सेविंग अकॉउंट और एफडी के ब्याज की टैक्स में छूट दी जाने लगी ।
ध्यान रखे सेक्शन 80TTA में नॉन सीनियर सिटीजन (60 वर्ष से कम) इंडिविजुअल द्वारा सेविंग अकॉउंट के ब्याज की छूट क्लेम की जा सकती है । अधिकतम डिडक्शन 10,000 तक की हो सकती है ।
सेक्शन 80TTB में सीनियर सिटीजन द्वारा सेविंग अकॉउंट और एफडी इंटरेस्ट दोनों की टैक्स में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है । अधिकतम डिडक्शन 50,000 तक की हो सकती है ।
नॉन सीनियर सिटीजन द्वारा एफडी इंटरेस्ट की छूट क्लेम नहीं की जा सकती है ।
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