casual taxable person | कैजुअल टैक्सेबल पर्सन क्या होता है, जीएसटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्यता और अन्य रूल्स

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casual taxable person

Casual taxable person से मतलब ऐसे पर्सन से है जो कि किसी ऐसे राज्य में कभी – कभार कोई गुड्स या सर्विसेज सप्लाई करता है, जहाँ उसके बिज़नेस का कोई फिक्स्ड प्लेस नही है । जैसे – किसी प्रदर्शनी या मेलों में अस्थायी बिज़नेस , सीजनल बिज़नेस आदि । 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन द्वारा गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई अपने बिज़नेस के संबंध में या बिज़नेस को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से होनी चाहिए । ऐसी सप्लाई प्रिंसिपल, एजेंट या किसी अन्य कैपेसिटी में हो सकती है ।

जैसे – Abc & कंपनी राजस्थान में टैक्सेबल गुड्स सप्लाई करती है । कंपनी दिल्ली में चल रही किसी 10 दिवसीय प्रदर्शनी (exhibition) में भाग लेना चाहती है, जबकि कंपनी का दिल्ली में कोई भी फिक्स्ड बिज़नेस प्लेस नही है, तो इस केस में कंपनी को दिल्ली में कैजुअल टैक्सेबल पर्सन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होगा ।

क्या कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होता है ? is gst registration mandatory for casual taxable person | 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होता है, बिना टर्नओवर की लिमिट को ध्यान में रखे । 

लेकिन, स्पेसिफिएड हैंडीक्राफ्ट्स गुड्स की सप्लाई के केस में जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत उसी केस में होगी जब टैक्सपेयर का एग्रीगेट टर्नओवर 20 लाख ( स्पेशल केटेगरी राज्यों में 10 लाख (जम्मू & कश्मीर के अलावा ) से ज्यादा होगा ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन पर कम्पोजीशन स्कीम एप्लीकेबल नही होगी । इसका मतलब यह हुआ कि कैजुअल टैक्सेबल पर्सन द्वारा कम्पोजीशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन नही किया जा सकेगा ।

इसके अलावा अगर टैक्सपेयर को 180 दिनों से ज्यादा समय तक किसी प्रदर्शनी या मेलों में भाग लेना है, उसको कैजुअल टैक्सेबल पर्सन के तौर पर रजिस्ट्रेशन नही लेकर नार्मल जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना होगा ।

इस केस में प्रदर्शनी (exhibition) की जगह को यूज़ करने के अलॉटमेंट लेटर की कॉपी को प्लेस ऑफ बिज़नेस के प्रूफ के तौर पर माना जायेगा । प्रदर्शनी के खत्म होने के बाद जीएसटी रजिस्ट्रेशन सरेंडर किया जा सकता है ।

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कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को टैक्स कब डिपाजिट करवाना होगा ? 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन (CTP) को टैक्स का पेमेंट एडवांस के तौर पर करना होता है । पहले उसे जीएसटी रजिस्ट्रेशन के पीरियड की टैक्स लायबिलिटी का अनुमान लगाना होता है और उसके बाद इसे सरकार को जमा करवाना होता है ।

हालांकि, Casual taxable person द्वारा एडवांस टैक्स के अनुमान में मिलने वाली इनपुट टैक्स क्रेडिट को सेट ऑफ किया जा सकता है ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन का जीएसटी रजिस्ट्रेशन एक लिमिटेड पीरियड का होता है, अगर टैक्सपेयर इसे आगे एक्सटेंड करना चाहे, तो एडवांस टैक्स का पेमेंट करके 90 दिनों के लिए एक्सटेंड कर सकता है ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन रजिस्ट्रेशन | casual gst registration 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को अपने बिज़नेस को शुरू करने के कम से कम 5 दिन पहले जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होता है । 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए कैजुअल टैक्सेबल पर्सन के लिए कोई भी स्पेशल फॉर्म नही होता है । उसे भी नार्मल जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने वाले पर्सन की तरह ही FORM GST REG- 01 फॉर्म जमा करना होता है ।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए कैजुअल टैक्सपेयर को जीएसटी पोर्टल पर अपने पैन नंबर , मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस, राज्य आदि की डिटेल देनी होती है । 

टैक्सपेयर को जीएसटी पोर्टल अपने पैन नंबर को validate करना होता है । इसके बाद मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस को वेरीफाई करना होता है । 

सक्सेसफुल वेरिफिकेशन के बाद एक टेम्पररी रेफरेन्स नंबर जनरेट होते है, जो कि टैक्सपेयर को उसके मोबाइल और ईमेल पर प्राप्त होते है ।

इसी रेफरेंस नंबर से टैक्सपेयर को अपना जीएसटी रजिस्ट्रेशन फॉर्म आगे भरना होता है और अनिवार्य डाक्यूमेंट्स को अपलोड करना होता है । 

टैक्सपेयर को दिए गए टेम्पररी रेफरेन्स नंबर के आधार पर ही उसे एडवांस टैक्स जमा करवाना होता है और जमा किया गया टैक्स इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में शो होने के बाद ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किया जाता है । 

एडवांस जीएसटी जमा करने के बाद टैक्सपेयर को FORM GST REG -02 में ACKNOWLEDGEMENT जारी की जाती है ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन द्वारा गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई कब शुरू की जा सकती है ? 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन द्वारा जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के बाद ही गुड्स या सर्विसेज की सप्लाई शुरू की जा सकती है, इसके पहले नही ।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की वैलिडिटी उसमें लिखी तारीख या 90 दिन, जो भी पहले हो तक की होती है ।

ध्यान रखे कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को 90 दिनों के लिए ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन जारी किया जाता है, लेकिन इसे आगे 90 दिनों के लिए और एक्सटेंड किया जा सकता है ।

आगे 90 दिनों के लिए एक्सटेंड करने के लिए टैक्सपेयर को ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल पर FORM GST REG -11 भरना होता है । लेकिन एक्सटेंड करने से पहले एडिशनल टैक्स लायबिलिटी का पेमेंट करना होता है। 

 180 दिनों से ज्यादा समय के लिए कैजुअल टैक्सेबल पर्सन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन नही लिया जा सकता है ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को कौनसी जीएसटी रिटर्न्स फाइल करनी होती है ? Gst returns by casual taxable person 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाइन जीएसटी रिटर्न्स फ़ाइल करनी होती है । 

फ़ाइल की जाने वाली जीएसटी रिटर्न्स – 

  • Form GSTR – 1 – आउटवर्ड सप्लाइज की डिटेल्स के लिए । अगले महीने की 11 तारीख से पहले ।
  • FORM GSTR -3B (सप्लाइज की समरी के साथ टैक्स पेमेंट।  अगले महीने की 20 तारीख से पहले ।

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को नार्मल रजिस्टर्ड टैक्सपेयर की तरह एनुअल रिटर्न फ़ाइल करने की जरूरत नही होती है ।

Refund by casual taxable person – 

कैजुअल टैक्सेबल पर्सन को एडवांस के तौर पर टैक्स जमा करवाना होता है । अगर टैक्सपेयर द्वारा ज्यादा टैक्स जमा कर दिया जाता है, तो उसके द्वारा रिफंड क्लेम किया जा सकता है । 

लेकिन, ज्यादा जमा किये गए टैक्स का रिफंड उसी केस में लिया जा सकता है, जब टैक्सपेयर द्वारा अपनी सभी पेंडिंग जीएसटी रिटर्न्स फ़ाइल कर दी गयी हो ।

 

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